नई दिल्ली, वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच ने गुरुवार को भारत की साख को स्थिर परिदृश्य के साथ ‘बीबीबी-‘ पर बरकरार रखा. इस तरह भारत की रेटिंग सबसे कम निवेश स्तर ‘बीबीबी-‘ पर बनी हुई है. यह अगस्त, 2006 के बाद की सबसे कम निवेश रेटिंग है.
फिट रेटिंग्स ने एक बयान में कहा, ‘रेटिंग एजेंसी ने भारत की दीर्घकालिक विदेशी मुद्रा जारीकर्ता चूक रेटिंग (IDR) को स्थिर परिदृश्य के साथ ‘बीबीबी-‘ पर बरकरार रखा है.’ बयान के मुताबिक, भारत की रेटिंग को इसके मध्यम अवधि के मजबूत वृद्धि परिदृश्य से समर्थन हासिल है. यह वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के हिस्से के साथ इसकी ठोस बाहरी वित्त स्थिति और इसके कर्ज प्रोफाइल के संरचनात्मक पहलुओं में सुधार को आगे बढ़ाएगा.
”भारत के सरकारी कर्ज में आ सकती मामूली गिरावट”
फिच ने कहा कि हाल ही में राजकोषीय घाटे के लक्ष्यों की प्राप्ति, पारदर्शिता में बढ़ोतरी और राजस्व में उछाल से राजकोषीय विश्वसनीयता बढ़ी है. इससे इस बात की संभावना बढ़ी है कि मध्यम अवधि में भारत के सरकारी कर्ज में मामूली गिरावट आ सकती है.इसके बावजूद राजकोषीय आंकड़े भारत के ऋण परिदृश्य की कमजोरी बने हुए हैं. घाटा, ऋण और ऋण सेवा बोझ ‘बीबीबी’ श्रेणी के अन्य देशों की तुलना में अधिक हैं. शासन संकेतक और प्रति व्यक्ति GDP में कमी भी रेटिंग पर असर डालती है.
2024-25 में 7.2 प्रतिशत विकास दर का अनुमान
फिच रेटिंग्स ने भारत के वैश्विक स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ने वाले देशों में से एक बने रहने की उम्मीदों के बीच कहा, ‘हम वित्त वर्ष 2024-25 में 7.2 प्रतिशत और अगले वित्त वर्ष में 6.5 प्रतिशत की GDP वृद्धि का अनुमान लगाते हैं, जो वित्त वर्ष 2023-24 के 8.2 प्रतिशत से थोड़ा कम है.’