चंडीगढ़, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए 101 किसानों का एक समूह शंभू बॉर्डर से दिल्ली के लिए रविवार को दोपहर 12 बजे फिर से पैदल मार्च शुरू करेगा. पंजाब के सीमा क्षेत्र में आने वाले शंभू बॉर्डर पर पुलिस और अर्धसैनिक बलों की भारी संख्या में तैनाती की गई है.
किसानों का जत्था फिर शुरू करेगा मार्च
किसान नेता तेजवीर सिंह ने रविवार को कहा कि किसानों का जत्था राष्ट्रीय राजधानी की ओर मार्च करेगा. बता दें कि पंजाब-हरियाणा सीमा पर सुरक्षाकर्मियों द्वारा आंसू गैस के गोले दागे जाने के कारण कुछ किसानों के घायल होने के बाद प्रदर्शनकारी किसानों ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी की ओर अपना पैदल मार्च स्थगित कर दिया था.
किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी समेत विभिन्न मांगों को पूरा करने का दबाव बना रहे हैं. वे केंद्र पर अपने मुद्दों के समाधान के लिए बातचीत शुरू करने का भी दबाव बना रहे हैं. पंजाब के किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने शनिवार को कहा था कि किसानों को उनके मुद्दों पर बातचीत के लिए केंद्र सरकार की ओर से कोई संदेश नहीं मिला है.
हरियाणा पुलिस ने पंजाब पुलिस को पत्र लिखकर यह सुनिश्चित करने को कहा है कि मीडियाकर्मियों की सुरक्षा के लिए उन्हें प्रदर्शन स्थल से कुछ दूरी पर रोका जाए जिससे कानून-व्यवस्था बनाए रखने में भी आसानी होगी.
हरियाणा में सुरक्षाकर्मियों ने रोका था मार्च
गौरतलब है कि संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के आह्वान पर 101 किसानों के एक जत्थे ने अपनी मांगों को लेकर दबाव बनाने के लिए शुक्रवार को शंभू बॉर्डर स्थित अपने विरोध स्थल से दिल्ली के लिए मार्च शुरू किया था. जिसे हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों द्वारा लगाए गए बहुस्तरीय अवरोधकों की मदद से रोक दिया गया था. किसानों ने निषेधाज्ञा को अनदेखा कर अवरोधकों को पार करने का प्रयास किया लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक दिया और आंसू गैस के गोले दागे ताकि किसान शंभू में अपने विरोध स्थल पर वापस चले जाएं.
हरियाणा पुलिस ने किसानों से आगे नहीं बढ़ने को कहा और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत अंबाला प्रशासन द्वारा लागू की गई निषेधाज्ञा का हवाला दिया. इस धारा के तहत जिले में पांच या अधिक लोगों के गैरकानूनी रूप से एकत्र होने पर प्रतिबंध है.
किसानों ने पहले की थी ये अपील
किसानों ने पहले कहा था कि उन्होंने सरकार से अपील की है कि या तो वह प्रदर्शनकारी किसानों के साथ बातचीत करें या फिर हमें दिल्ली जाने की अनुमति दे. वहीं हरियाणा पुलिस ने कहा था कि प्रदर्शनकारी किसानों ने हंगामा किया और हरियाणा की सीमा पर लगाए गए पुलिस अवरोधकों को तोड़ने की भी पूरी कोशिश की. अंबाला पुलिस ने कहा था कि किसान संगठनों को दिल्ली प्रशासन से अनुमति लेने के बाद दिल्ली कूच करना चाहिए.
किसानों के मार्च से कुछ समय पहले ही हरियाणा सरकार ने शुक्रवार को अंबाला जिले के 11 गांवों में मोबाइल इंटरनेट और ‘बल्क एसएमएस’ (एक साथ कई एमएसएस भेजने की सुविधा) सेवा को नौ दिसंबर तक निलंबित कर दिया.
किसानों की क्या हैं मांग ?
प्रदर्शनकारी किसानों ने इससे पहले 13 फरवरी और 21 फरवरी को दिल्ली की ओर मार्च करने का प्रयास किया था लेकिन सीमा पर तैनात सुरक्षा बलों ने उन्हें रोक दिया था. किसान एमएसपी के अलावा कर्ज माफी, किसानों एवं खेत मजदूरों के लिए पेंशन और बिजली दरों में बढ़ोतरी न करने की मांग कर रहे हैं. वे 2021 की लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए ‘‘न्याय’’, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को बहाल करने और 2020-21 में पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा दिए जाने की भी मांग कर रहे हैं।