नई दिल्ली : किसान अपनी विभिन्न मांगों को लेकर ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन कर रहे हैं और फिलहाल सैकड़ों किसान सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं, वहीं सुरक्षाकर्मी उन्हें राष्ट्रीय राजधानी में घुसने से रोकने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। दिल्ली पुलिस ने अपनी इन्हीं तैयारियों के तहत आंसू गैस के 30,000 गोले मंगवाए हैं।
दिल्ली पुलिस के एक सूत्र ने बताया कि वे प्रदर्शनकारियों के आगे बढ़ने पर उन्हें राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने से रोकने के लिए प्रतिबद्ध हैं।एक अधिकारी ने कहा कि दिल्ली पुलिस की तैयारी चाक-चौबंद है और उसने पहले ही बड़ी संख्या में आंसू गैस के गोले जमा कर लिए हैं। साथ ही मध्य प्रदेश के ग्वालियर के टेकनपुर स्थित बीएसएफ की ‘टियर स्मोक यूनिट’ (टीएसयू) से 30,000 गोलों की नयी खेप मंगाई गई है। उन्होंने बताया कि ये गोले ग्वालियर से दिल्ली लाए जा रहे हैं।
आंसू गैस के गोले की उम्र 3 साल होती
उन्होंने कहा कि आंसू गैस का गोला दंगा-रोधी सामग्री है, जिसका सुरक्षा बल भीड़ को तितर-बितर करने में उपयोग करते हैं। गैस से आंखों में जलन होती है और आंसू आते हैं। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि आंसू गैस का गोला तीन वर्ष तक ठीक रहता है इसके बाद उसका असर धीरे-धीरे कम होने लगता है लेकिन अभ्यास उद्देश्यों के लिए बल 7 वर्ष पुराने गोले तक का इस्तेमाल करते हैं। दिल्ली पुलिस के नियमों के अनुसार खेप मिलने के बाद गोले जिला पुलिस और बल की इकाइयों को दिए जाते हैं। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि किसानों के विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर नयी खेप बाहरी, बाहरी-उत्तर और पूर्वी जिला पुलिस को दी जा सकती है ।
दिल्ली पुलिस ने सिंघू (सोनीपत की तरफ), टिकरी (बहादुरगढ़ की तरफ) और गाजीपुर (गाजियाबाद की तरफ) सीमाओं पर किसानों को रोकने के लिए सभी व्यवस्थाएं की हैं। टिकरी आउटर, सिंघु आउटर-नॉर्थ और ग़ाज़ीपुर पूर्वी जिले में आता है। इन सीमाओं पर तैनात सुरक्षाकर्मी पहले से ही बड़ी संख्या में आंसू गैस के गोले, पानी की बौछारें और अन्य दंगा-रोधी उपकरणों से लैस हैं।
दिल्ली पुलिस ने एक महीने के लिए आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा आदेश जारी किए हैं – 5 या अधिक लोगों की सभा, जुलूस या रैलियों और लोगों को ले जाने वाले ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है।