Maharashtra News : मुंबई। महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले में बादल फटने जैसी स्थिति के कारण आयी बाढ़ में आठ लोगों की मौत हो गई जबकि मुंबई में करीब 300 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को यह जानकारी दी। फडणवीस ने साप्ताहिक कैबिनेट बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश के कारण 12 से 14 लाख एकड़ भूमि पर लगी फसलें नष्ट हो गई हैं। उन्होंने कहा कि 12-14 लाख एकड़ क्षेत्र में फसल क्षति के अलावा नांदेड़ जिले में आठ लोगों की मौत हो गई है और मवेशियों की भी हानि हुई है।
फडणवीस ने कहा, कुल मिलाकर स्थिति नियंत्रण में है। मुंबई में लगभग 300 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। शहर की जीवनरेखा कही जाने वाली उपनगरीय ट्रेन या तो धीमी हो गई हैं या देरी से चल रही हैं। मीठी नदी (मुंबई में) खतरे के निशान तक पहुंच गई है और 400 से 500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना पड़ा है। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे स्थिति पर नजर रख हुए हैं।
#WATCH | मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र में हो रही भारी बारिश पर कहा, "पिछले 2 दिनों में महाराष्ट्र में भारी बारिश हुई है, कई जिलों में रेड और ऑरेंज अलर्ट हैं। महाराष्ट्र के आधे जिलों में अगले 3 दिनों के लिए रेड और ऑरेंज अलर्ट हैं… हम पड़ोसी… pic.twitter.com/o2LcASMUz4
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 18, 2025
शिंदे लगातार दूसरे सप्ताह कैबिनेट बैठक में शामिल नहीं हुए। फडणवीस ने कहा कि प्रशासन ने शैक्षणिक संस्थानों और कार्यालयों में छुट्टी की घोषणा की है और निजी कार्यालयों से कहा है कि जहां तक संभव हो, घर से काम करने की अनुमति दी जाए। उन्होंने कहा, स्थिति अब नियंत्रण में है। शाम को उच्च ज्वार आने की संभावना है और हम स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) अलर्ट पर हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बांधों से पानी के प्रबंधन के लिए पड़ोसी राज्यों के साथ समन्वय किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘अनियंत्रित जलग्रहण क्षेत्र चिंता का विषय हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला कलेक्टर को एनडीआरएफ नियमों के अनुसार, मवेशियों की क्षति, मकानों की क्षति और जानमाल के नुकसान के लिए प्रभावित व्यक्तियों को वित्तीय सहायता देने के संबंध में निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रशासन को फसल नुकसान का मौके पर निरीक्षण करने के लिए कहा गया है।