कोटा। राजस्थान के कोटा में छात्रावासों के वार्डन और कर्मचारियों को भोजन प्रबंधन, मनोवैज्ञानिक एवं व्यवहारिक परामर्श और छात्रों की देखभाल से जुड़े अन्य पहलुओं में पेशेवर प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस प्रशिक्षण का लक्ष्य उन्हें कोचिंग का केंद्र माने जाने वाले कोटा में छात्रों की आत्महत्या के बढ़ते मामलों से लड़ने के लिए तैयार करना है। यह पहल, इस वर्ष इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों द्वारा रिकॉर्ड संख्या में आत्महत्या करने के मद्देनजर उठाई गयी है।
कोटा में 3 छात्रावास संगठनों चंबल हॉस्टल एसोसिएशन, कोरल हॉस्टल एसोसिएशन और कोटा हॉस्टल एसोसिएशन ने वार्डन और कर्मचारियों के लिए विशेष छात्रावास प्रबंधन प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए यहां जय मिनेश जनजातीय विश्वविद्यालय के साथ एक समझौता किया। इंजीनियरिंग के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE) और मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) जैसी प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं की तैयारी के लिए सालाना 2.5 लाख से अधिक छात्र कोटा आते हैं। कोटा होस्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष नवीन मित्तल ने बताया कि कोटा में करीब 3,500 छात्रावास हैं।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे में मित्तल ने कहा कठिन समय में कठिन कदम उठाने की जरूरत होती है। यह बहुत समय से लंबित है। छात्रावास वार्डन या अन्य कार्यों के लिए हर किसी को नियुक्त करते हैं और उन्हें छात्रों से व्यवहार करने के लिए पर्याप्त रूप से प्रशिक्षित नहीं किया जाता है। ये पाठ्यक्रम उन्हें पेशेवर रूप से छात्रों के साथ व्यवहार करना और किसी भी छात्र में तनाव और अवसाद के शुरुआती लक्षणों पर नजर रखने के लिए प्रशिक्षित करेंगे। इस वर्ष अब तक सबसे अधिक 23 छात्रों ने आत्महत्या की है जिनमें से 2 छात्रों ने तो 27 अगस्त को कुछ ही घंटों के अंतराल में अपनी जान दे दी थी। हाल हीं में बुधवार को एक छात्र ने आत्महत्या की थी। पिछले साल आत्महत्या की 15 घटनाएं सामने आई थी।