Monday, March 31, 2025
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Earthquake: थाईलैंड और म्यांमार में शक्तिशाली भूकंप से भारी तबाही, बैंकॉक में बहुमंजिला इमारत ढही, म्यांमार में आपातकाल

Myanmar Thailand Earthquake: थाईलैंड और पड़ोसी म्यांमार में शुक्रवार दोपहर 7.7 तीव्रता का भूंकप महसूस किया गया. इसके कारण थाईलैंड की राजधानी बैंकाक में निर्माणाधीन एक बहुमंजिला इमारत ढह गई. जिससे 3 लोगों की मौत हो गई, जबकि 90 अन्य लापता हैं. थाईलैंड के रक्षा मंत्री फुमथाम वेचायाचाई ने यह जानकारी दी. वहीं म्यांमार ने भूकंप की वजह से 6 क्षेत्रों और राज्यों में आपातकाल की घोषणा कर दी है.

सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में एक बहुमंजिला इमारत, जिसके ऊपर एक क्रेन थी, धूल के गुबार के साथ ढहती नजर आ रही है, जबकि वहां मौजूद लोग चीखते-चिल्लाते हुए भाग रहे हैं. पुलिस ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि वे बैंकाक के लोकप्रिय चतुचक मार्केट के निकट घटनास्थल पर पहुंचे थे तथा उन्हें तत्काल इस बात की जानकारी नहीं थी कि इमारत ढहने के समय वहां कितने श्रमिक मौजूद थे.

6.4 तीव्रता का आया एक और झटका

दोपहर में भूकंप के बाद 6.4 तीव्रता का एक और शक्तिशाली झटका आया. प्रशासन ने बैंकाक में लोगों से इमारतों से बाहर आने की अपील की और चेतावनी दी कि वे और अधिक भूकंप के झटके आने की आशंका के मद्देनजर बाहर ही रहें.

पर्यटक ने बयां किया तबाही का मंजर

बैंकाक के मॉल में कैमरा उपकरण खरीदने आये स्कॉटलैंड के पर्यटक फ्रेजर मॉर्टन ने बताया, ”अचानक पूरी इमारत हिलने लगी जिससे वहां चीख-पुकार मच गई. उन्होंने बताया, ”मैंने पहले तो शांति से चलना शुरू किया, लेकिन फिर इमारत में हलचल शुरू हो गई, हां, बहुत चीख-पुकार मच गई, बहुत घबराहट होने लगी, लोग एस्केलेटर से गलत दिशा में भागने लगे, मॉल के अंदर बहुत तेज अवाजें आने लगी और चीजें टूटने लगीं.”

बैंकाक शहर के अन्य हजारों लोगों की तरह, मॉर्टन ने भी चारों ओर की ऊंची इमारतों से दूर, बेंजासिरी पार्क में शरण ली. उन्होंने कहा, ”मैं बाहर आया और फिर इमारत की ओर देखा जो हिल रही थी और फिर धूल व मलबा का गुब्बार उठा, यह बहुत तेजी से हुआ.”

म्यामांर में था भूकंप का केंद्र

शुरुआती खबरों के अनुसार, अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और जर्मनी के जीएफजेड भूविज्ञान केंद्र ने बताया कि दोपहर को यह भूकंप 10 किलोमीटर (6.2 मील) की गहराई पर आया, जिसका केंद्र पड़ोसी देश म्यांमार में था.

पूर्व शाही महल और इमारतों का कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त

फेसबुक सोशल मीडिया पर जारी वीडियो और तस्वीरों के अनुसार म्यांमार के दूसरे सबसे बड़े शहर और भूकंप के केंद्र के करीब स्थित मांडले में पूर्व शाही महल और इमारतों का कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया. हालांकि, यह शहर भूकंप संभावित क्षेत्र में है, यहां सामान्यतः आबादी कम है, तथा अधिकांश घर कम ऊंचाई वाले हैं.

सागइंग क्षेत्र में 90 साल पुराना पुल ढहा

मांडले के दक्षिण-पश्चिम में सागइंग क्षेत्र में 90 वर्ष पुराना एक पुल ढह गया तथा मांडले और म्यांमार के सबसे बड़े शहर यंगून को जोड़ने वाले राजमार्ग के कुछ हिस्से भी क्षतिग्रस्त हो गए. भूकंप की वजह से यंगून के निवासी अपने घरों से बाहर निकल आए. किसी के घायल होने या मौत की तत्काल कोई सूचना नहीं है.
म्यांमार की राजधानी नेपीता में भूकंप से धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचा, उनके कुछ हिस्से ढह गए तथा कुछ घर भी क्षतिग्रस्त हुए हैं.

भूकंप के चलते स्वीमिंग पूल से बाहर आया पानी

बैंकॉक में दोपहर करीब 1:30 बजे भूकंप आने पर इमारतों में चेतावनी अलार्म बजने लगे और घबराए हुए निवासियों को ऊंची इमारतों और होटलों की सीढ़ियों से नीचे उतारा गया. बैंकॉक में ऊंची इमारतों की छतों पर बने ‘स्वीमिंग पूल’ का पानी भूकंप के कारण बाहर आ गया तथा कई इमारतों से मलबा गिरने लगा.

बैंकॉक में रहने वाली हंगरी निवासी सुजसन्ना वारी-कोवाक्स ने बताया, ‘‘मैंने म्यांमार में पहले भी दो बार भूकंप का अनुभव किया है, लेकिन वह केवल एक सेकंड का था, लेकिन यहां यह कम से कम, मैं कहूंगी, एक मिनट तक महसूस किया.’’ वह भूकंप आने के समय एक रेस्तरां में खाना खा रही थीं. उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पति एक ऊंची इमारत में रहते थे, मुझे लगता है कि यह और भी बुरा है.”

थाइलैंड की प्रधानमंत्री ने बुलाई आपात बैठक

थाईलैंड के आपदा निवारण विभाग ने कहा कि भूकंप देश के लगभग सभी क्षेत्रों में महसूस किया गया. प्रधानमंत्री पैटोंगटार्न शिनवात्रा ने भूकंप के प्रभाव का आकलन करने के लिए एक आपातकालीन बैठक बुलाई.

म्यांमार में 6 क्षेत्रों और राज्यों में आपातकाल लागू

म्यांमार के सरकारी एमआरटीवी टेलीविजन ने बताया कि देश की सैन्य सरकार ने जिन 6 क्षेत्रों और राज्यों में आपातकाल की घोषणा की है उनमें राजधानी नेपीता और मांडले भी शामिल हैं, बता दें कि म्यांमार गृहयुद्ध की चपेट में है और कई इलाकों तक पहुंचना आसान नहीं है. यह तुरंत स्पष्ट नहीं हो पाया कि सेना किस तरह के राहत कार्य कर कर रही है.

Premanshu Chaturvedi
Premanshu Chaturvedihttp://jagoindiajago.news
समाचारों की दुनिया में सटीकता और निष्पक्षता के साथ नई कहानियों को प्रस्तुत करने वाला एक समर्पित लेखक। समाज को जागरूक और सूचित रखने के लिए प्रतिबद्ध।
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