नई दिल्ली। हास्टल चलाने वालो को अब 12 प्रतिशत जीएसटी (GST) भरना होगा, अगर आप हास्टल मालिक है तो जीएसटी-अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग ने के तहत अब आपको 12 प्रतिशत GST देनी पड़ेगी. केंद्र सरकार के कर विभाग ने यह लागू किया है. इसके साथ हीन 2 अलग-अलग केसों में के जरिए यह भी स्पष्ट किया गया है कि वो हॉस्टल जो रेंट जीएसटी छूट पाने के योग्य है कर्नाटक हाई-कोर्ट के एक मामले में टिप्पणी करते हुए कहा कि एक ही रूम में बेड के हिसाब से लिया जाने वाला पैसा residential dwelling के अंतर्गत नहीं आ सकता है। साथ ही कोई व्यक्तिगत किचन भी उपलब्ध नहीं है। ऐसे में इसे residential dwelling की कैटगरी में नहीं रखा जाएगा।
GST – अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग (AAR) ने जो हॉस्टल रेंट जीएसटी छूट पाने के योग्य नहीं है। वह ‘residential dwelling’ के अंतर्गत नहीं आते हैं. इसी तरह एक अन्य मामले में रेगुलेट करने वाली संस्था ने स्पष्ट किया है कि रोजाना 1000 रुपये से कम के हॉस्टल रेंट पर 17 जुलाई 2022 तक तक कोई भी GST नहीं देना होगा।
एक रिपोर्ट के अनुसार बेंगुलरू की संस्था ‘श्री साई लक्चरियस स्टे’ पेईंग गेस्ट की सुविधा लोगों को उपलब्ध करवाताी है. इस संस्था ने अपनी याचिका में कहा था कि प्राइवेट हॉस्टल्स को ‘residential dwelling’ की छूट मिलती है इसलिए उन्हें भी मिले. इसी तरह का मामला नोएडा के वी.एस.इंस्टीट्यूट एंड हॉस्टल्स ने भी किया था. इस संस्था का कहना था कि वे पानी, बिजली और वाई-फाई जैसी सुविधाएं उपलब्ध करवाते हैं इसलिए उन्हें ‘residential dwelling’ के तहत छूट मिले. अगर कोई प्रॉपर्टी को रेसीडेंस पर दे रहा है तो उसे कोई जीएसटी का भुगतान नहीं करना होगा। लेकिन ऊपर दोनों मामलों पर संस्था ने टिपण्णी करते हुए कहा, “residential dwelling का मतलब स्थायी निवास, ना कि गेस्ट हाउस और लॉज” इस पूरे मसले पर कर्नाटक हाईकोर्ट की टिप्पणी काफी अहम हो जाती है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि एक ही रूम में बेड के हिसाब से लिया जाने वाला पैसा residential dwelling के अंतर्गत नहीं आ सकता है। साथ ही कोई व्यक्तिगत किचन भी उपलब्ध नहीं है। ऐसे में इसे residential dwelling की कैटगरी में नहीं रखा जाएगा.