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Donald Trump News: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एकबार फिर से भारत और पाकिस्तान का युद्ध रोकने का श्रेय लिया है। उन्होंने कहा, मैंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रोकने या रूस-यूक्रेन और इजराइल-ईरान संघर्षों में उनके प्रयासों के लिए नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा। ट्रंप ने शुक्रवार को अपने सोशल मीडिया मंच ‘ट्रुथ सोशल’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘मैं चाहे कुछ भी करूं, लेकिन मुझे नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा।’
कांगो और रवांडा युद्ध रोकने के लिए संधि करवा रहे है : ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पोस्ट की शुरुआत इस बात से की कि उन्हें यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि वह विदेश मंत्री मार्को रुबियो के साथ मिलकर कांगो और रवांडा के बीच संघर्ष रोकने के वास्ते एक अद्भुत संधि करा रहे हैं। इस संघर्ष को अन्य युद्धों की तुलना में कहीं अधिक हिंसक रक्तपात और मौतों के लिए जाना जाता है और दशकों तक यह जारी रहा है।
ट्रंप ने इस बात का उल्लेख किया कि रवांडा और कांगो के प्रतिनिधि इस संबंध में दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के लिए सोमवार को वाशिंगटन में होंगे। उन्होंने इसे अफ्रीका के लिए और पूरी दुनिया के लिए एक महान दिन बताया। ट्रंप ने हालांकि कहा कि उन्हें उनके किसी भी प्रयास के लिए नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा।
मुझे नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा : ट्रंप
ट्रंप ने कहा, मुझे इसके लिए नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा। मुझे भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रोकने के लिए नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा, मुझे सर्बिया और कोसोवो के बीच युद्ध रुकवाने के लिए नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा। ट्रंप अनेक बार दावा कर चुके हैं कि अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता कराई और संघर्ष रुकवाया।
हालांकि, भारत लगातार यह कहता रहा है कि पाकिस्तान के साथ सैन्य संघर्ष समाप्त करने पर सहमति दोनों सेनाओं के सैन्य संचालन महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच सीधी बातचीत के बाद बनी थी। सोशल मीडिया पोस्ट में ट्रंप ने कहा कि उन्हें ‘मिस्र और इथियोपिया के बीच शांति बनाए रखने के लिए नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा।’ अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें पश्चिम एशिया में अब्राहम समझौते के लिए नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि यदि सब कुछ ठीक रहा तो बहुत देशों के हस्ताक्षर इस समझौते पर होंगे और युगों में पहली बार पश्चिम एशिया को एकीकृत करेगा। उन्होंने कहा, मैं चाहे जो भी करूं, चाहे रूस-यूक्रेन और इजरायइल-ईरान हो, परिणाम जो भी हों मुझे नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा।

पाकिस्तान ने किया ट्रंप का समर्थन
पाकिस्तान ने जारी बयान में कहा कि 2025 में भारत और पाकिस्तान की जंग के दौरान ट्रंप के निर्णायक कूटनीतिक हस्तक्षेप और महत्वपूर्ण नेतृत्व की वजह से ट्रंप का नाम नोबल शांति पुरस्कार के लिए प्रस्तावित करने का फैसला किया गया।पाकिस्तान ने भारत के साथ सीजफायर कराने के लिए ट्रंप के हस्तक्षेप की सराहना की। बयान में कहा गया कि ट्रंप के प्रयासों की वजह से सीजफायर हो चुका जिससे युद्ध का एक बड़ा खतरा टल सका. वह इस पुरस्कार के असली हकदार हैं।