America Strikes Iran: ईरान और इजरायल के बीच जारी युद्ध में अब अमेरिका भी शामिल हो गया है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका के हमलों में ईरान के प्रमुख परमाणु ठिकाने पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं। ट्रंप के मुताबिक, लड़ाकू विमानों ने ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाते हुए बमबारी की और अब सभी विमान सुरक्षित लौट चुके हैं। उन्होंने इसे अमेरिका की सैन्य ताकत की मिसाल बताते हुए कहा है कि अब शांति का समय है। अमेरिका ने यह हमला ऐसे वक्त पर किया जब ईरान का परमाणु कार्यक्रम इजरायल के सामने चिंता का विषय बना हुआ है।
VIDEO | After strikes on Iran's nuclear facilities, US President Donald Trump (@realDonaldTrump) says, "I want to thank and congratulate PM Netanyahu, we worked as a team, we've gone a long way to erasing the horrible threat to Israel, I want to thank Israeli military for… pic.twitter.com/u9AvFxvCDC
— Press Trust of India (@PTI_News) June 22, 2025
अमेरिकी हमलों से नुकसान नहीं, हमारी न्यूक्लियर साइट्स सुरक्षित : ईरान
अमेरिकी हवाई हमलों के बाद ईरान ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि हमारी किसी भी न्यूक्लियर साइट को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। साथ ही सरकार ने आश्वासन दिया है कि आम नागरिकों को रेडिएशन से जुड़े किसी भी प्रकार के खतरे की चिंता करने की जरूरत नहीं है।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इन हमलों को सफल बताया है। अपने आधिकारिक संबोधन में ट्रंप ने ईरान को शांति की दिशा में कदम बढ़ाने की नसीहत दी है और कहा है कि यह कार्रवाई आत्मरक्षा की भावना से प्रेरित थी। इस घटनाक्रम ने वैश्विक स्तर पर चिंता तो जरूर बढ़ा दी है, लेकिन ईरान की ओर से आई यह स्पष्टता फिलहाल तनाव को कुछ हद तक कम कर सकती है। इससे पहले ईरान ने धमकी देते हुए कहा था कि ‘अमेरिका का हर नागरिक और सैनिक हमारे निशाने पर है।

अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंखघन किया : ईरान
ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन (AEOI) ने पुष्टि की है कि देश के प्रमुख परमाणु ठिकानों—फोर्डो, नतांज और इस्फहान—पर दुश्मन ने हवाई हमले किए हैं। संगठन ने इन हमलों को अंतरराष्ट्रीय कानून का खुला उल्लंघन करार दिया है और अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
AEOI ने IAEA पर निष्क्रियता और मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा कि ये हमले उस संस्था की सीधी निगरानी में हुए हैं, जिसे दुनिया भर में परमाणु गतिविधियों पर नजर रखने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। ईरान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इन हमलों की कड़ी निंदा करने की अपील की है और स्पष्ट किया है कि उसका परमाणु कार्यक्रम किसी भी दबाव या हमले के आगे नहीं झुकेगा। तेहरान ने दोहराया है कि उसका परमाणु विकास कार्यक्रम पूरी तरह शांतिपूर्ण है और उसे रोका नहीं जाएगा।
ट्रंप की धमकी, ईरान में शांति रहेगी या फिर विनाश
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को चेतावनी देते हुए कहा है कि अब समय आ गया है कि ईरान शांति की राह चुने। ट्रंप ने अपने संबोधन में इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और इजरायली सेना को सैन्य कार्रवाई के लिए बधाई दी और इसे एक साफ और मजबूत संदेश बताया। अगर ईरान अब भी नहीं माना, तो अगली कार्रवाई पहले से कहीं ज़्यादा भीषण और निर्णायक होगी। उन्होंने साफ शब्दों में कहा, या तो ईरान में शांति स्थापित होगी, या फिर विनाश होगा। हमारे पास विकल्प खुले हैं, लेकिन समय सीमित है।