Donald Trump India Pakistan: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मिस्त्र में गाजा शांति को लेकर आयोजित सम्मेलन में भारत को महान देश बताया और पीएम मोदी की जमकर सराहना की, उन्होंने कहा- ‘भारत महान देश है और मेरे बहुत अच्छे मित्र उसका नेतृत्व कर रहे हैं. उन्होंने शानदार काम किया है. मुझे लगता है कि पाकिस्तान और भारत साथ मिलकर बहुत अच्छे से रहेंगे.
#WATCH | Egypt | US President Donald Trump says, "India is a great country with a very good friend of mine at the top and he has done a fantastic job. I think that Pakistan and India are going to live very nicely together…"
— ANI (@ANI) October 13, 2025
(Video source: The White House/YouTube) pic.twitter.com/rROPW57GCO
जब ट्रंप ने यह बात कही तब उनके ठीक पीछे पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ खड़े थे, इस दौरान ट्रंप शहबाज की तरफ मुड़े पूछा- सही कहा ना ? तो शरीफ ने सिर हिलाकर हां में जवाब दिया, जिसके चलते कार्यक्रम में मौजूद लोगों और नेताओं के बीच हंसी का माहौल बन गया. इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर सामने आया है.

शहबाज शरीफ ने ट्रंप की तारीफ में पढ़े कसीदे
इससे पहले शरीफ और पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर की प्रशंसा करते हुए ट्रंप ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को सभा को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया. शरीफ ने ट्रंप की तारीफ में कसीदे पढ़े और भारत-पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध रोकने का श्रेय भी दिया. कहा-आज के दौर में शांति के सबसे बड़े नेता ट्रंप हैं. मैं उन्हें एक बार फिर नोबेल पीस प्राइज के लिए नॉमिनेट करना चाहूंगा. राष्ट्रपति ट्रंप के अथक प्रयासों के बाद पश्चिम एशिया में शांति स्थापित हुई है.’ ट्रंप अब तक भारत और पाकिस्तान के बीच के विवाद समेत 7 विवादों को सुलझाने का दावा करते रहे हैं. हालांकि, अब उन्होंने इजराइल-गाजा विवाद को जोड़कर यह संख्या 8 कर दी है.
ट्रंप कई बार कर चुके भारत-पाक सीजफायर कराने का दावा
गौरतलब है कि ट्रंप ने 10 मई को सोशल मीडिया पर घोषणा की थी कि अमेरिका की मध्यस्थता से भारत और पाकिस्तान पूर्ण और तत्काल संघर्ष विराम पर सहमत हो गए हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति ने दर्जनों बार अपना यह दावा दोहराया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष का समाधान करने में मदद की है. लेकिन भारत ने लगातार यह कहा है कि पाकिस्तान के साथ संघर्ष समाप्त करने पर सहमति दोनों सेनाओं के सैन्य संचालन महानिदेशकों (DGMO) के बीच सीधी बातचीत के बाद बनी थी.