डायबिटीज पहले माना जाता था की एक उम्र के बाद होती है. लेकिन बदलती लाइफ स्टाइल की वजह से आज के समय में इसका जोखिम सभी आयु के लोगों में देखा जा रहा है.इस बीमारी के बच्चों में भी काफी मामले सामने आ रहे हैं जो चिंता का विषय है. ब्लड शुगर बढ़ने से कई प्रकार की दिक्कतें आ सकती हैं. किडनी और हार्ट संबंधित बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है. इसके पीछे कई कारण हैं. लेकिन डॉक्टर्स बताते हैं इसका सबसे मुख्य कारण खराब लाइफस्टाइल, बच्चों में गलत खान पान की आदतें हैं.
हाल के कुछ वर्षों में बच्चों में डायबिटीज के मामले बढ़ रहे हैं. वैसे बच्चों में मुख्यतया टाइप-1 डायबिटीज का खतरा होता है. लेकिन हालिया दिनों में बच्चों में टाइप-2 डायबिटीज के मामले भी सामने आ रहे हैं जो चिंता का विषय हैं. डॉक्टर कहते हैं, डायबिटीज के कारण क्वालिटी ऑफ लाइफ पर असर पड़ता है और इसके कई दुष्प्रभाव हो सकते हैं. आइए आपको बताते हैं बच्चों में डायबिटीज के लक्षण, कारण और कैसे इस बीमारी से बचा जा सकता है.
खराब लाइफ स्टाइल और खान पान
बच्चे अब पहले की तरह खेलकूद एक्टिविटी में शामिल नहीं होते. आजकल बच्चों का ज्यादातर समय टीवी और मोबाइल देखने में जाता है. जिससे फिजिकल एक्टिविटी नहीं हो पाती है. जिसके चलते शरीर की कैलोरी बर्न करने की क्षमता प्रभावित हो जाती है और वजन बढ़ने लगता है.एक ही जगह बैठे रहने के कारण बच्चों में मोटापे के साथ-साथ कई अन्य बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है. ये टाइप-2 डायबिटीज और कम उम्र में ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं की मुख्य वजह है. इसके अलावा फास्ट फूड, मीठे पेय पदार्थ और स्नैक्स का अत्यधिक सेवन भी बच्चों में मोटापे और डायबिटीज का खतरा बढ़ा देता है.
बढ़ता मोटापा खतरा
बच्चों में टाइप-2 डायबिटीज के मामले बढ़ने के पीछे डॉक्टर्स मोटापे को भी एक बड़ी वजह मानते हैं. मोटा और ज्यादा वजन शरीर की कोशिकाओं को इंसुलिन का सही उपयोग करने में अवरोध उत्पन्न करता है, जिससे इंसुलिन प्रतिरोध विकसित हो जाता है. मोटापे के लिए अस्वस्थ आहार, शारीरिक गतिविधियों की कमी और हाई कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों के सेवन को जिम्मेदार माना जाता है.
बच्चों में इन लक्षणों को ना करें नजरअंदाज
डायबिटीज होने पर ये लक्षण दिखा देते हैं. जैसे बार-बार पेशाब आना, मूत्राशय में संक्रमण, अधिक प्यास लगना, ब्लूड में ग्लूकोज का हाईलेवल, हाथ पैरों में झनझनाहट होना, थकान के साथ आंखों में धुंधली आंखें.
डायबिटीज को दूर रखनें के लिए इन तरीकों का करें पालन
बच्चों को हेल्दी फूड खाने का महत्व समझाना, जंक फूड से परहेज करना, अधिक मात्रा में पानी पीना, अधिक फल और हरि सब्जियां का सेवन करना, खाना धीरे-धीरे और चबाकर खाना.
बच्चों में फिजिकल एक्टिविटी को बढ़ाने के लिए बच्चों को मोबाइल और टीवी देखने से परहेज कराएं. उन्हें आउटडोर गेम साइकलिंग, स्विमिंग और खुली जगह में खेलने-कूदने के लिए बच्चों को प्रोत्साहित करें.जिससे उसकी बॉडी एक्टिव रहेगी और बच्चा डायबिटीज से बचा रहेगा.
माता को समय-समय पर बच्चों में भी डायबिटीज की जांच करा लेनी चाहिए. उन्हें अच्छी डाइट देनी चाहिए और कोई भी दिक्कत होने पर डॉक्टरी सलाह अवश्य लेनी चाहिए.
Disclaimer: लेख में उपलब्ध जानकारियां मीडिया रिपोर्ट्स और डॉक्टर्स की सलाह पर आधारित है.किसी भी सुझाव को अमल में लाने पूर्व विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह जरूर लें.