मुंबई। मुंबई में गुरुवार को 10 दिवसीय गणेशोत्सव के समापन के साथ शुक्रवार दोपहर तक 39,000 से अधिक मूर्तियों को श्रद्धालुओं की मौजूदगी में कृत्रिम तालाबों सहित जलाशयों में विसर्जित किया गया। गणेशोत्सव मुंबई समेत महाराष्ट्र के कई हिस्सों में मनाए जाने वाले सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। गणेशोत्सव की शुरुआत 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी से हुई थी और 28 सितंबर को अनंत चतुर्दशी को इसका समापन हुआ।
ढोल-नगाड़ों और गणपति बप्पा मोरया के जयकारों के बीच मुंबई के विभिन्न गणेश मंडलों ने 10 दिवसीय उत्सव के समापन पर भगवान गणेश की मूर्तियों को विसर्जित करने के लिए गुरुवार को विसर्जन यात्रा शुरू की। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के अधिकारियों ने कहा कि विसर्जन की प्रक्रिया एक दिन पहले शुरू हुई थी और दूसरे दिन शुक्रवार दोपहर इसका समापन हुआ।
इस दौरान अरब सागर में और बीएमसी द्वारा बनाए गए कृत्रिम तालाबों समेत अन्य जलाशयों में करीब 40,000 मूर्ति विसर्जित की गई। उन्होंने कहा कि मुंबई के प्रसिद्ध लालबागचा राजा की मूर्ति के विसर्जन के लिए गुरुवार पूर्वाह्न साढ़े 11 बजे यात्रा शुरू हुई थी और शुक्रवार सुबह करीब सवा 9 बजे मूर्ति को गिरगांव चौपाटी के अरब सागर तट पर विसर्जित कर दिया गया।
जुहू समुद्र तट के पास गुरुवार शाम को 16 वर्षीय लड़का समुद्र में डूब गया। अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार दोपहर तक कुल 39,758 मूर्तियां विसर्जित की गई जिनमें गणपति की घरों में स्थापित 32,345 मूर्तियां, 6,951 सार्वजनिक मूर्तियां और देवी गौरी की 462 मूर्तियां थीं। बीएमसी द्वारा स्थापित कृत्रिम तालाबों में 11,107 मूर्तियां विसर्जित की गई, जिनमें से घरों में स्थापित गणपति की 10,207 मूर्तियां, 740 सार्वजनिक मूर्तियां और देवी गौरी की 160 मूर्तियां थीं। मुंबई में विसर्जन प्रक्रिया के दौरान भारी भीड़ के मद्देनजर किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए 19,000 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। विसर्जन प्रक्रिया की निगरानी के लिए अलग से नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए थे।
बीएमसी ने 69 प्राकृतिक जलाशयों में 1,035 और 200 कृत्रिम तालाबों में 302 समेत कुल 1,337 लाइफगार्ड तैनात किए थे और प्राकृतिक जलाशयों में 53 मोटरबोट की व्यवस्था की गई थी। बीएमसी ने कहा कि विसर्जन स्थलों पर दमकल के वाहनों और प्रशिक्षित मानव संसाधन की तैनाती के अलावा, प्राकृतिक जलाशयों और कृत्रिम तालाबों पर कुल 242 निरीक्षण टावर स्थापित किए गए थे।