नई दिल्ली, आम आदमी पार्टी (आप) की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल के साथ कथित तौर पर मारपीट करने वाले बिभव कुमार की जमानत याचिका पर आज दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में सुनवाई हुई.इस दौरान स्वाती मालीवाल भी कोर्ट में मौजूद रहीं.बिभव की जमानत को लेकर दोनों पक्षों में तीखी बहस हुई.कोर्ट में सुनवाई के दौरान स्वाती मालीवाल रोने लगीं.लंबी बहस के बाद कोर्ट ने अपना फैसला शाम 4 बजे तक सुरक्षित रख लिया है.कुमार पर 13 मई को मुख्यमंत्री आवास पर स्वाति मालीवाल पर हमला करने का आरोप है.
धारा 308 को लेकर बिभव के वकील ने उठाए सवाल
बिभव कुमार के वकील ने कहा कि इस केस में बिभव के खिलाफ जिन धाराओं के तहत FIR दर्ज की गई है, उनका कोई औचित्य नहीं बनता.इस केस में आईपीसी 308 के तहत मुकदमा दर्ज करने का कोई मतलब नहीं है। स्वाति मालीवाल को सीएम आवास पर बुलाया नहीं गया था, उन्होंने जबरदस्ती मुख्यमंत्री आवास के अंदर घुसने की कोशिश की.
‘पूरी प्लानिंग के साथ दर्ज कराई FIR‘
सुनवाई के दौरान बिभव कुमार की ओर से वरिष्ठ वकील हरिहन ने कहा कि स्वाति मालीवाल ने पूरी प्लानिंग करके 3 दिन बाद FIR दर्ज कराई थी.उन्होंने कहा, स्वाति मालीवाल के सेंसटिव बॉडी पार्टस पर चोट के कोई निशान नहीं मिले हैं, ऐसे में गैर इरादतन हत्या का कोई सवाल नहीं नहीं उठता है.उन्होंने कहा, न ही बिभव कुमार को स्वाति को निर्वस्त्र करने का कोई इरादा था.
मालीवाल ने किया जमानत का विरोध
सुनवाई के दौरान स्वाती मालीवाल ने कहा कि बार-बार मुझे बीजेपी एजेंट कहा गया. इनके पास ट्रोल की आर्मी है.पूरा मशीनरी को झोंका गया. लगातार प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई. ये आदमी सामान्य नहीं है. अगर बिभव बाहर आता है तो मुझे और मेरे परिवार को जान का खतरा है.
बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सहायक (पीए) बिभव कुमार को 24 मई को 4 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था.’