Delhi Red Fort Blast: लाल किले के पास 10 नवंबर को एक कार में हुए विस्फोट के बाद अल फलाह विश्वविद्यालय के 200 से अधिक चिकित्सक और कर्मचारी जांच एजेंसियों की जांच के घेरे में आ गए हैं. सुरक्षा एजेंसियां अल फलाह विश्वविद्यालय में लगातार जांच कर रही हैं, जिससे विश्वविद्यालय के छात्रों और कर्मचारियों में चिंता बढ़ गई है.
यूनिवर्सिटी छोड़ने वालों की पता लगाई जा रही संख्या
विश्वविद्यालय के कई कर्मचारी बुधवार को अपने सामान को गाड़ियों में भरकर गेट से बाहर निकलते देखे गए. विश्वविद्यालय सूत्रों के अनुसार, वे छुट्टी लेकर अपने घर लौट रहे हैं. सूत्रों के अनुसार, जांच एजेंसियां विस्फोट के बाद विश्वविद्यालय छोड़ने वाले लोगों की संख्या का पता लगा रही हैं और उनकी पहचान करने की कोशिश कर रही हैं. उन्हें संदेह है कि इनमें से कई लोग आतंकवादियों से जुड़े थे. सूत्रों ने बताया कि कई लोगों ने अपना मोबाइल डेटा डिलीट कर दिया है और इसकी भी जांच की जाएगी. सूत्रों ने बताया कि छात्रावासों और विश्वविद्यालय परिसर से बाहर रहने वाले छात्रों के कमरों की पुलिस द्वारा तलाशी ली जा रही है तथा एक हजार से अधिक लोगों से पूछताछ की गई है.
उमर को किराए पर कमरा देने वाली महिला हिरासत में
जांच एजेंसियों ने 35 वर्षीय एक महिला को हिरासत में लिया है जिसने आत्मघाती हमलावर डॉ. उमर उन नबी को नूंह की हिदायत कॉलोनी में कमरा किराए पर दिया था. यह आंगनवाड़ी कर्मी दिल्ली बम धमाकों के बाद से फरार थी. सूत्रों ने बताया कि घटना के बाद उसके परिवार की भी जांच की जा रही है और जांच एजेंसियों ने उमर के उनसे संबंधों का पता लगाने के लिए नूंह में 7 अन्य लोगों से पूछताछ की.
अस्पताल में घटी मरीजों की संख्या
दिल्ली विस्फोट के बाद अल फलाह मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीजों की संख्या में कमी आई है. अस्पताल सूत्रों के मुताबिक,पहले अस्पताल की OPD में हर दिन करीब 200 मरीज आते थे जो घटकर 100 से भी कम हो गए हैं.




