Thursday, December 26, 2024
Homeताजा खबरDefamation Case :  सेना अधिकारी को 2 करोड़ रुपये का मुआवजा

Defamation Case :  सेना अधिकारी को 2 करोड़ रुपये का मुआवजा

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने रक्षा खरीद में भ्रष्टाचार में कथित तौर पर शामिल होने संबंधी एक समाचार पोर्टल के ‘खुलासे’ के कारण भारतीय सेना के एक अधिकारी की जो बदनामी हुई, उसे लेकर उन्हें 2 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का फैसला किया है।

न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने मेजर जनरल एम एस अहलूवालिया द्वारा दायर मुकदमे का फैसला करते हुए शुक्रवार को निर्देश दिया कि इस राशि का भुगतान समाचार पोर्टल तहलका डॉट कॉम, इसकी मालिक कंपनी मेसर्स बफेलो कम्युनिकेशंस, इसके मालिक तरुण तेजपाल और 2 पत्रकारों-अनिरुद्ध बहल एवं मैथ्यू सैमुअल द्वारा किया जाएगा। अदालत ने कहा कि किसी ईमानदार सैन्य अधिकारी की प्रतिष्ठा को गंभीर नुकसान पहुंचाने का इससे बड़ा मामला नहीं हो सकता और प्रकाशन के 23 वर्षों के बाद माफ़ी मांगना ‘न सिर्फ अपर्याप्त बल्कि बेतुका भी है।’’ समाचार पोर्टल ने कथित ‘‘खुलासा’’ 2001 में किया था।

अदालत ने हालांकि कहा कि वादी ज़ी टेलीफिल्म लिमिटेड और उसके अधिकारियों की ओर से मानहानि के किसी भी कृत्य को साबित नहीं कर सके, जिसने समाचार पोर्टल के साथ एक समझौते के बाद संबंधित खबर का प्रसारण किया था। अदालत ने कहा कि वादी की न केवल जनता की नजरों में प्रतिष्ठा धूमिल हुई बल्कि उनका चरित्र भी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों से खराब हुआ, जिसे बाद में किसी खंडन या निवारण से बहाल ठीक नहीं किया जा सकता।

फैसले में कहा गया है, ‘‘अब्राहम लिंकन ने भी उद्धृत किया है कि सच्चाई को बदनामी के खिलाफ सबसे अच्छा उपाय माना जाता है। फिर भी, सत्य में उस प्रतिष्ठा को बहाल करने की क्षमता नहीं होती है जो व्यक्ति समाज की नज़रों में खो देता है। यह निराशाजनक वास्तविकता है कि खोया हुआ धन हमेशा वापस अर्जित किया जा सकता है; लेकिन किसी की प्रतिष्ठा पर एक बार जो दाग लग जाता है, वह नुकसान के अलावा कुछ नहीं देता।’’ अदालत ने अपने फैसले में कहा, ‘मुद्दा संख्या 1 और 2 के निष्कर्षों के मद्देनजर, प्रतिवादी संख्या 5 से 7 के खिलाफ मुकदमा खारिज किया जाता है, और मानहानि को लेकर वादी को मुकदमे की लागत के साथ 2 करोड़ रुपये का हर्जाना दिया जाता है।’’

समाचार पोर्टल ने 13 मार्च 2001 को, नए रक्षा उपकरणों के आयात से संबंधित रक्षा सौदों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए एक खबर प्रकाशित की थी। वकील चेतन आनंद के जरिए वादी ने दावा किया कि उन्हें ‘ऑपरेशन वेस्ट एंड’ खबर में बदनाम किया गया था और इसे गलत तरीके से प्रसारित किया गया और बताया गया था कि उन्होंने रिश्वत ली थी।

Mamta Berwa
Mamta Berwa
JOURNALIST
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