जम्मू। जम्मू कश्मीर की एक अदालत ने पुलिस से उस शिकायत पर कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है, जिसमें अनुरोध किया गया था कि अगस्त में गुफा मंदिर के रास्ते में हुए भूस्खलन में 34 तीर्थयात्रियों की मौत होने को लेकर श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के अधिकारियों पर कथित आपराधिक लापरवाही के लिए मामला दर्ज किया जाए। त्रिकुटा पहाड़ियों में तीर्थयात्रा मार्ग पर 26 अगस्त को बादल फटने के कारण भूस्खलन हुआ था जिसमें 34 लोगों की मौत हो गई थी और 20 अन्य घायल हुए थे। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भूस्खलन के कारणों की जांच के लिए 29 अगस्त को तीन सदस्यीय समिति गठित की थी।
उप न्यायाधीश, कटरा, सिद्धांत वैद ने बृहस्पतिवार को एक आदेश में कहा, इस आवेदन को दायर किए हुए डेढ़ महीने से अधिक समय बीत चुका है, इसलिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 175(4) के प्रावधानों का उपयोग करने से पहले, मैं रियासी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और भवन पुलिस थाना प्रभारी से कार्रवाई रिपोर्ट मांगना उचित समझता हूं। अदालत ने कहा कि बीएनएसएस की धारा 175(3) के तहत, मजिस्ट्रेट पुलिस के आवेदन और दलीलों पर विचार करने के बाद, अन्वेषण का निर्देश देने से पहले जांच का आदेश दे सकता है।

न्यायाधीश ने यह भी कहा कि शिकायतकर्ता ने बीएनएसएस की धारा 173(1) और 173(4) के निर्देशों का पालन करते हुए 28 अगस्त को अर्धकुंवारी पुलिस चौकी प्रभारी, भवन पुलिस थाना प्रभारी और 16 सितंबर को रियासी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) को प्राथमिकी दर्ज करने के लिए आवेदन दिया था। अदालत ने निर्देश दिया, इस आदेश की एक प्रति, आवेदन के साथ, एसएसपी, रियासी और थाना प्रभारी, भवन पुलिस थाना को भेजी जाए, ताकि शिकायतकर्ता द्वारा दायर आवेदनों पर दो सप्ताह के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत की जा सके।
रोहित बाली द्वारा दायर शिकायत में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या) और 106 (लापरवाही से मौत) तथा अन्य संबद्ध प्रावधानों के तहत बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और अन्य अधिकारियों के खिलाफ अपने कर्तव्यों के निर्वहन में कथित लापरवाही के लिए प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया गया है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि 25 और 26 अगस्त को भारी बारिश होने और अचानक बाढ़ आने की चेतावनी जारी किये जाने के बावजूद, बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और अन्य अधिकारी वैष्णो देवी यात्रा रोकने या कोई परामर्श जारी करने में विफल रहे। इसमें यह भी दावा किया गया है कि थाना प्रभारी और पुलिस चौकी प्रभारी की निष्क्रियता के चलते, 16 सितंबर को एसएसपी को एक ज्ञापन देकर 28 अगस्त की शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने की अपील की गई थी।




