नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के खिलाफ आपत्तिजनक नारे लगाने के लिए लोगों को उकसाने के मामले में अजमेर दरगाह के मौलवी सैयद हुसैन गौहर चिश्ती को मंगलवार को जमानत देने से इनकार किया।
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चिश्ती ने कथित तौर पर पिछले साल भाजपा की तत्कालीन प्रवक्ता के खिलाफ दरगाह परिसर में लोगों से सर तन से जुदा नारा लगाने के लिए कहा था।
शर्मा ने एक टीवी कार्यक्रम में कथित तौर पर पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिया था।
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न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने आरोपी और राजस्थान सरकार की दलीलों पर गौर किया और जमानत याचिका खारिज कर दी।
राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ वकील मनीष सिंघवी ने किया।
पीठ ने जमानत याचिका खारिज करते हुए निचली अदालत से सुनवाई में तेजी लाने और 6 महीने में सुनवाई पूरी करने को कहा।