नई दिल्ली । केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की सड़कों पर हाइड्रोजन से चलने वाली भारत की पहली बस सेवा शुरू होने जा रही है। देश में पहली बार हाइड्रोजन बस सेवा लेह में शुरू होगी। इसका ट्रायल रन शनिवार को किया गया। कोल्ड डेजर्ट ऑफ इंडिया यानी लद्दाख के बेहद ठंडे तापमान में चलने वाली इन बसों को खास डिजाइन किया गया है। वाहन निर्माता कंपनी अशोक लेलैंड से खरीदी गई एक हाइड्रोजन बस की कीमत 2.5 करोड़ है। एनटीपीसी ऐसी और पांच बसें लेह प्रशासन को सौंपेंगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2020 में स्वत्रंता दिवस पर लद्दाख को देश का पहला कार्बन न्यूट्रल प्रदेश बनाने का एेलान किया था। पीएम मोदी की घोषणा के तीन साल बाद लद्दाख को पहली हाइड्रोजन बस की सौगात मिली। कार्बन न्यूट्रल प्रोजेक्ट के तहत इसे 15 अगस्त को शुरू करने की योजना थी। हालांकि, बाढ़ और लैंडस्लाइड के कारण बस लेह नहीं पहुंच सकी। जिसके कारण इसका ट्रायल नहीं हो सका। अब अगले तीन महीनों तक बसों का फील्ड ट्रायल किया जाएगा। फिर आम नागरिकों को इसकी सुविधा मिलेगी।
11 हजार फीट की ऊंचाई पर सोलर प्लांट
भारत सरकार ने ग्रीन हाइड्रोजन मोबिलिटी प्रोजेक्ट के तहत बिजली उत्पादक कंपनी नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन के साथ समझौता किया है। इस प्रोजेक्ट के लिए कंपनी ने लद्दाख के सबसे ऊंचे क्षेत्र में 11,562 फीट पर 1.7 मेगावाट का सोलर प्लांट बनाया है। इसके लिए लेह प्रशासन ने एनटीपीसी को 7.5 एकड़ जमीन लीज पर दी है।