जयपुर। राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले है. इसकी रणनीति और प्रत्याशी चयन को लेकर कांग्रेस प्रदेश इलेक्शन कमेटी की पहली बैठक आज हुई. इस बैठक में सीएम अशोक गहलोत, सचिन पायलट, प्रभारी सुखजिंद्र सिंह रंधावा, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा सहित अन्य नेतागण शामिल हुए.
बैठक के बाद सीएम गहलोत मीडिया से मुखातिब हुए. सीएम गहलोत ने कहा कि मुझे खुशी है कि बैठक बहुत शानदार रही. हम लोग मैदान में उतर चुके है. सीएम ने डोटासरा की और इशारा करते हुए कहा कि अभी अध्यक्ष जी कह रहे थे कि दिल्ली के नेता आकर चुनाव लडेंगे. तो जनता उनसे पूछेगी. कि अब राजस्थान के फैसले दिल्ली से होगें. विपक्ष पर निशाना साधते हुए सीएम ने कहा कि अभी तक राजस्थान में बीजेपी का नेता कौन है इसका भी पता नही हैं भाजपा अगर पीएम के चेहरे पर चुनाव लड़ती है तो मै यह समझता हूं कि चुनाव से पहले ही उनकी हार की स्थिति बन गई हैं.
राज्य सरकार की तारीफ करते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि अनेक मामलों में राजस्थान देश को दिशा दिखा रहा हैं. राजस्थान में गुड़ गवर्नेंस की सरकार हैं. हमारी सरकार की योजनाओं को अन्य राज्य अपना रहे हैं. साथ ही अन्य पार्टी अपने चुनावी घोषणा पत्र में याजनाओं को डाल रही है. सीएम गहलोत ने कहा कि स्क्रीनिंग कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद टिकट का वितरण होगा. सीएम ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर मेरे हाथ में होता तो शेखावत कबके जेल में होते. लेकिन जेल में डालने का काम एसओजी का है. सीएम गहलोत ने कहा कि पंचायती राज के सदस्य भी टिकट की दावेदारी कर सकते है.
बैठक के बाद सीएम गहलोत ने कहा कि टिकट देने के लिए उम्र कोई मायने नहीं रखती है जहां कर्नाटक में हमनें 90 साल के उम्मीदवार को टिकट दिया उसने भी जीत हासिल की थी. वहीं पीईसी की बैठक में तय हुआ कि स्क्रीनिंग कमेटी के आने के बाद टिकट वितरण पर काम शुरू होगा. इधर बैठक के बाद अब माना जा रहा है कि आचार संहिता लगने से पहले कांग्रेस ज्यादातर टिकट फाइनल कर लेगी. गहलोत के इस बयान से साफ है कि उदयपुर घोषणापत्र का पालन टिकटों में नहीं होगा. आगामी विधानसभा चुनाव में युवाओं को टिकटों में प्राथमिकता देने की जगह जिताऊ का मापदंड रहेगा .