नई दिल्ली। कांग्रेस नेताओं ने शुक्रवार को आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा के राज्यसभा से निलंबन को अनुचित करार दिया। राज्यसभा में कांग्रेस के उप नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि चड्ढा पर झूठा आरोप लगाया गया है। उन्होंने कहा उनकी गलती क्या है? (चयन समिति के लिए सांसदों के नाम प्रस्तावित करने से पहले) सहमति की कोई आवश्यकता नहीं है। आप किसी भी सांसद का नाम शामिल कर सकते हैं। हालांकि, संबंधित सांसद को समिति का हिस्सा बनने से इनकार करने का अधिकार है।
तिवारी ने कहा संजय सिंह और चड्ढा को अगले सत्र तक निलंबित करने का फैसला गलत है। विपक्ष के नेता उनके पक्ष में पत्र लिखेंगे। मैं भी उनका समर्थन करूंगा। कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कहा बेवजह के मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों (संजय सिंह और चड्ढा) को निलंबित करना अनुचित है। पूरा विपक्ष एकजुट है। हमने (संसद परिसर में) बी आर आंबेडकर की प्रतिमा के पास इसका (उनके निलंबन का) विरोध किया। हम इसका विरोध करना जारी रखेंगे। संसद के मानसून सत्र के आखिरी दिन राज्यसभा में आम आदमी पार्टी (आप) के सदस्य राघव चड्ढा को नियमों के घोर उल्लंघन और अवमाननापूर्ण आचरण के चलते विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक निलंबित कर दिया गया।
चड्ढा पर आरोप है कि उन्होंने राज्यसभा में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 को पारित कराने की प्रक्रिया के दौरान प्रवर समिति के गठन का प्रस्ताव दिया था और इस समिति के लिए 4 सांसदों.. सस्मित पात्रा (बीजू जनता दल), एस फान्गनॉन कोन्याक (भारतीय जनता पार्टी), एम थंबीदुरई (ऑल इंडिया अन्ना द्रमुक मुनेत्र कषगम) और नरहरि अमीन (भाजपा) के नाम उनकी अनुमति के बिना शामिल किए थे।