राजस्थान में विधानसभा उपचुनाव से पहले इन दिनों बीजेपी और कांग्रेस में सियासी बयानबाजी का दौर चल रहा है. बीजेपी प्रदेश प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल ने सचिन को लेकर कहा था कि पायलट का जमाना अब खत्म हो चुका है.आज भारतीय जनता पार्टी की सरकार है. राजस्थान की जनता के दिलों में सिर्फ भारतीय जनता पार्टी है. सचिन पायलट सिर्फ स्पेंट फोर्स है.
पायलट ने दिया करारा जवाब
अब पायलट ने इस बयान पर करारा जवाब दिया है.जयपुर ग्रामीण में आयोजित एक सभा को संबोधित करते हुए सचिन पायलट ने कहा- भविष्य में क्या होगा यह सब जनता तय करेगी. मैंने हमेशा अपने विरोधियों का सामना मर्यादा और संयम से किया है.विरोधियों को सम्मान करना, अपने प्रतिद्वंदियों को इज्जत देना, संयम और मर्यादा के सीमा को नहीं लांघना ये हमारी राजनीति का परिचय है.राजनीति मुद्दों और सिद्धातों की हो. राजस्थान की पुरानी पंरपरा ‘अतिथि देवो भव:’ को निभाना जरूरी है. यहां जो भी आए, उसका स्वागत है. उन्हें पूरा अधिकार है कि अपनी बात को रखें, लेकिन मर्यादापूर्ण और संयमित भाषा का इस्तेमाल करें.
कर लेंगे 2-2 हाथ, पता चल जाएगा : सचिन पायलट
पायलट ने बीजेपी प्रदेश प्रभारी का नाम लिए बिना कहा-वाणी में विनम्रता रखनी चाहिए. लोगों का सम्मानपूर्वक संबोधन करना चाहिए. लेकिन अगर राजनीति की बात आ रही है तो मैं बता दूं, राज्य की 6 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं. कर लेंगे 2-2 हाथ, पता चल जाएगा.’
राजनीति में विरोध करने की एक मर्यादा होती है : पायलट
पायलट ने कहा कि राजनीति में विरोध करने की एक मर्यादा होती है. विचारों का विरोध हो सकता है, लेकिन भाषा की गरिमा रखनी जरूरी है. हम उस कांग्रेस से हैं जिसका 130 साल पुराना इतिहास है.हम सत्ता में पक्ष और विपक्ष सबको साथ लेकर चलते हैं. हमने भी बड़े नेताओं का वैचारिक तौर पर विरोध किया, लेकिन भाषा का स्तर कभी गिरने नहीं दिया.
बीजेपी के प्रदेश प्रभारी ने दिया था ये बयान
राजस्थान बीजेपी प्रभारी राधा मोहनदास अग्रवाल ने कहा था-‘लोकतंत्र सभी को राजनीतिक लड़ाई लड़ने का अधिकार देता है.मेरे खिलाफ भी लड़ाई लड़ने का आपको पूरा अधिकार है. वहां तक तो ठीक है. मगर, रात को घेर कर नौजवानों के साथ मेरी गाड़ी पर आक्रमण कराना सही नहीं है. मान लीजिए, अगर शीशा टूट गया होता तो?’ राजनीति का ये तौर तरीका ठीक नहीं है.लोकतांत्रिक तरीके से मजबूती के साथ लड़े, राजनीतिक रूप से हमें परास्त करें.अगर इस प्रकार की घटना की पुनर्रावृत्ति हुई तो हमारे कार्यकर्ताओं का धैर्य भी टूट सकता है. राजस्थान में रहते हुए मेरे जीवन को किंचित मात्र भी खतरा आता है तो इसका जिम्मेदार मैं सिर्फ सचिन पायलट को मानूंगा.”
”वे अपनी ही पार्टी से परेशान है”
अग्रवाल ने पायलट के लिए कहा कि वे अपनी ही पार्टी से परेशान है ऐसे में सबसे पहले वे अपनी पार्टी के लोगों के साथ लड़ ले इसके बाद अन्य पार्टी के लोगों के साथ लड़ना प्रारम्भ करें.