नई दिल्ली। कांग्रेस ने मंगलवार को दावा किया कि जी-20 रात्रिभोज के निमंत्रण में राष्ट्रपति को ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ की जगह ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ कहकर संबोधित किया गया है और विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) से डर एवं नफरत के चलते सरकार देश का नाम बदलने में जुट गई है। मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘बांटने वाली’ इस राजनीति के सामने नहीं झुकेगा और वह जीत हासिल करेगा।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स पर जारी एक पोस्ट में कहा, ‘‘यह खबर वास्तव में सच है। राष्ट्रपति भवन ने जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए 9 सितंबर को ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ के बजाय ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ के नाम पर निमंत्रण भेजा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अब, संविधान में अनुच्छेद 1 में लिखा है: ‘‘भारत, अर्थात इंडिया, राज्यों का एक संघ होगा। लेकिन अब इस ‘राज्यों के संघ’ पर भी हमले हो रहे हैं।’’ जी-20 शिखर सम्मेलन भारत की अध्यक्षता में 9 से 10 सितंबर तक राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित किया जा रहा है और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन सहित दुनियाभर के कई राष्ट्राध्यक्ष इसमें भाग ले रहे हैं।
एक अन्य पोस्ट में रमेश ने कहा, ‘‘मोदी इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश करना जारी रख सकते हैं और भारत को बांट सकते हैं। लेकिन हम विचलित नहीं होंगे। आखिर ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्कलूसिव अलायंस) के घटक दलों का उद्देश्य क्या है? यह भारत है – सद्भाव, मेलजोल, मेल-मिलाप और विश्वास लाओ। जुड़ेगा भारत, जीतेगा इंडिया!’’
कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘भाजपा का विध्वंसक दिमाग सिर्फ यही सोच सकता है कि लोगों को कैसे बांटा जाए। एक बार फिर, वे ‘इंडियंस’ और भारतीयों के बीच दरार पैदा कर रहे हैं। स्पष्ट है कि हम सभी एक हैं! जैसा कि अनुच्छेद 1 कहता है – इंडिया, जो भारत है, राज्यों का एक संघ होगा।’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘यह तुच्छ राजनीति है क्योंकि वे ‘इंडिया’ से डरते हैं। जो करना है कर लो मोदी जी, जुड़ेगा भारत, जीतेगा इंडिया!’’
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने दावा किया, ‘‘जी-20 सम्मेलन के लिए राष्ट्रपति द्वारा मेहमानों को भेजे गए आमंत्रण पत्र में ‘रिपब्लिक ऑफ इंडिया’ की जगह ‘रिपब्लिक ऑफ भारत’ लिखा जाना प्रधानमंत्री मोदी की बौखलाहट नहीं, बल्कि सनक है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वह ‘इंडिया’ से घबराते हैं यह तो हमें पता था, पर इतनी नफ़रत… कि देश का नाम ही बदलने लग जाएंगे… ? यह उनकी दहशत है। अब तो एक नाकाम तानाशाह, जिसके हाथ से सत्ता जाने वाली है उसकी छटपटाहट देख कर तरस आता है।’’