Trump Tariffs : कांग्रेस ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) द्वारा भारत पर शुल्क बढ़ाने की धमकी दिए जाने को लेकर मंगलवार को सरकार पर निशाना साधा है और प्रसिद्ध गायक मुकेश के मशहूर गाने ‘दोस्त दोस्त ना रहा’ का उल्लेख किया तथा आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) की झप्पी कूटनीति (हग्लोमैसी) पूरी तरह विफल हो चुकी है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ट्रंप की धमकी पर विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया को ‘‘कमजोर’ बताते हुए कहा कि इस मुद्दे पर खुद प्रधानमंत्री मोदी को स्पष्ट रूप से बोलना चाहिए।

ट्रंप ने सोमवार को चेतावनी भरे लहजे में कहा था कि वह रूस से तेल खरीदने की वजह से भारत पर अमेरिकी शुल्क में खासी बढ़ोतरी करने जा रहे हैं। उन्होंने भारत पर भारी मात्रा में रूस से तेल खरीदने और उसे बड़े मुनाफे पर बेचने का आरोप लगाया था।
So much for Howdy Modi. So much for Namaste Trump. So much for Ab ki Baar Trump Sarkar. So much for BJP MPs hailing Narendra Modi as India's trumpcard.
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) August 4, 2025
Despite all the hugs, all the handshakes, all the high-decibel bromance — “My friend Dolaand” has delivered yet another jolt.… pic.twitter.com/1odZjJ7T8u
दोस्त दोस्त ना रहा, ट्रंप हमें तेरा ऐतबार ना रहा : कांग्रेस
अमेरिकी राष्ट्रपति के टिप्पणी पर रमेश ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, मुझे राज कपूर, वैजयंतीमाला और राजेंद्र कुमार की फिल्म ‘संगम’ का एक पुराना गाना याद आ गया जिसे मुकेश ने गाया था। वह गाना था- ‘दोस्त दोस्त ना रहा, प्यार प्यार ना रहा, ट्रंप हमें तेरा ऐतबार ना रहा’, यह तथाकथित मोदी-ट्रंप दोस्ती का पूरी तरह पतन है। उन्होंने कहा, सितंबर 2019 में ‘हाउडी मोदी’ हुआ, फरवरी, 2020 में ‘नमस्ते ट्रंप’ कार्यक्रमों और ‘अबकी बार ट्रंप सरकार’ का नारा मोदी ने दिया। फरवरी 2025 में फोटो सेशन भी हुआ। यह दावा किया गया कि मोदी उन शुरुआती नेताओं में थे जिन्होंने ट्रंप को दोबारा जीत पर बधाई दी।
रमेश का कहना था, हमारे विदेश मंत्री (एस. जयशंकर) ने शेखी बघारी कि वह व्हाइट हाउस में ट्रंप के उद्घाटन समारोह में पहली पंक्ति में बैठे थे। पूरी विदेश नीति इस व्यक्तिगत मित्रता पर टिकी थी। उन्होंने मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि प्रधानमंत्री कभी ‘टॉप’ (टमाटर, प्याज, आलू) की महंगाई की बात करते थे, लेकिन अब देश को ‘कैप’ (चीन, अमेरिका और पाकिस्तान) की राजनीतिक चुनौती झेलनी पड़ रही है।
कांग्रेस महासचिव ने कहा, हम समझते थे कि चीन और पाकिस्तान से ही चुनौती है, लेकिन अब अमेरिका से भी रिश्तों में खटास आ गई है। ये ‘हग्लोमेसी’ की विफलता है। कूटनीति में संस्थागत प्रक्रिया का कोई विकल्प नहीं होता।