Ahmedabad Plane Crash : पुणे। केंद्रीय मंत्री मुरलीधर मोहोल ने शनिवार को कहा कि अहमदाबाद विमान दुर्घटना पर विमान दुर्घटना अन्वेषण ब्यूरो (एएआईबी) की प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता क्योंकि पायलटों के बीच बातचीत बहुत संक्षिप्त थी। नागर विमानन राज्य मंत्री 12 जून को हुए विमान हादसे की जांच के बारे में यहां पत्रकारों के साथ बातचीत कर रहे थे।
लंदन के लिए रवाना हुआ बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद एक मेडिकल कॉलेज के छात्रावास से टकराकर दुर्घटगनाग्रस्त हो गया था। विमान में सवार 242 लोगों में से एक यात्री को छोड़कर सभी की मौत हो गई और 19 अन्य लोगों की भी इस हादसे में मौत हो गई थी। यह एक दशक का सबसे घातक विमान हादसा था। एएआईबी ने एअर इंडिया विमान दुर्घटना पर अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की है।
रिपोर्ट में पाया गया कि दोनों इंजनों को होने वाली ईंधन की आपूर्ति एक सेकंड के अंतराल पर बंद हो गई, जिससे कॉकपिट में अफरा-तफरी मच गई और विमान उड़ान भरने के लगभग तुरंत बाद ही जमीन पर गिर गया। पंद्रह पन्नों वाली रिपोर्ट में बताया गया कि ‘कॉकपिट वॉयस रिकार्डिंग’ में सुना गया कि एक पायलट ने दूसरे से पूछा कि उसने ईंधन क्यों बंद किया, तो जवाब मिला कि उसने ऐसा नहीं किया।
मोहोल ने कहा, यह प्रारंभिक रिपोर्ट है। हम इसके आधार पर कोई निष्कर्ष नहीं निकाल सकते। पहले, ऐसी दुर्घटनाओं के मामले में ब्लैक बॉक्स विदेश भेजना पड़ता था। अब, हम इस जांच को स्वयं जल्दी पूरा कर सकते हैं। एएआईबी एक स्वतंत्र संस्था है। इसमें मंत्रालय का कोई हस्तक्षेप नहीं है। उन्होंने कहा, पायलटों की बातचीत के आधार पर कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता क्योंकि यह बहुत संक्षिप्त है। मामले की जांच जरूरी है। हमें उस रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए।