जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को कहा कि अनुसूचित जाति जनजाति (अजा-जजा) के लोगों से अत्याचार के मामलों में पुलिस त्वरित जांच कर न्याय दिलवाने का काम करे।
गहलोत की अध्यक्षता में मंगलवार को यहां अनुसूचित जाति और जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत गठित राज्य स्तरीय सतर्कता और निगरानी समिति की बैठक हुई। मुख्यमंत्री निवास पर बैठक में गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार की संवेदनशीलता और पुलिस की कार्रवाई से अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग को न्याय सुनिश्चित हो रहा है। गहलोत ने कहा कि अजा-जजा अत्याचार के मामलों में पुलिस द्वारा पूरी संवेदनशीलता के साथ बिना किसी दबाव व भयमुक्त होकर त्वरित अनुसंधान कर उन्हें न्याय दिलाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि पुलिस पर आम जनता की सुरक्षा की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है।
सरकारी बयान के अनुसार बैठक में कई फैसले किए गए जिनमें नवगठित जिलों में अजा-जजा एक्ट की जांच के लिए उप पुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता में प्रकोष्ठ बनाना और महिलाओं एवं बाल अपराधों के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन यूनिट फॉर क्राइम अगेंस्ट वूमेन (सिकाउ) बनाना शामिल है। इसके अनुसार अजा-जजा कानून के तहत दर्ज प्रकरणों के निस्तारण का समय वर्ष 2017 में 197 दिन था जो अब 64 दिन रह गया है। इसे 60 दिन से भी कम करने के प्रयास किए जाएंगे। बैठक में मुख्यमंत्री सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली, विधायक जे.पी. चंदेलिया, प्रशांत बैरवा, मुख्य सचिव उषा शर्मा व पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।