जयपुर। राज्यपाल कलराज मिश्र ने देश में विकास के साथ पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी चुनौतियों पर भी ध्यान दिए जाने पर बल दिया है. मिश्र ने कहा कि सिविल संगठन समूहों को लैंगिक असमानता, सतत विकास, जलवायु परिवर्तन से जुड़ी चुनौतियों को दूर करने की दिशा में कार्य करना चाहिए. सोमवार को होटल क्लार्क्स आमेर में G-20 के सहभागी समूह सिविल-20 (सी-20) के तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन के समापन समारोह का आयोजन किया गया था. इस अवसर पर राज्यपाल कलराज मिश्र संबोधित कर रहे थे. समारोह की अध्यक्षता आध्यात्मिक गुरु माता अमृतानंदमयी देवी अम्मा द्वारा की गई.
राज्यपाल मिश्र ने कहा कि भारतीय संस्कृति में प्रकृति पूजन की प्राचीन और अनूठी परम्परा है, जिसके प्रति जागरूकता लाने का कार्य वृहद स्तर पर किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि जीव-जंतुओं के प्रति प्रेम-भाव रखते उनके संरक्षण की लोक परम्पराओं से आधुनिक पीढ़ी को जोड़े जाने की जरूरत है. मिश्र ने कहा कि आर्थिक असमानता, लैंगिक विषमता को दूर करने और सतत विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जरूरी है कि मनुष्य एक दूसरे के प्रति प्रेमभाव रखे. पीएम मोदी के नेतृत्व में देश तेजी से विकास के रास्ते पर बढ़ा है. देश में सार्वजनिक बुनियादी ढाँचे और राष्ट्रीय मिशनों की शृंखला के मजबूत इकोसिस्टम के तहत गरीबी, लैंगिक और आर्थिक असमानता दूर करने के लिए प्रभावी योजनाएं लागू की गई हैं. राज्यपाल मिश्र ने सिविल-20 समूह की सराहना करते हुए इसे जी-20 समूह देशों के आर्थिक हितों एवं नागरिक हितों के मध्य संतुलन स्थापित करने की दृष्टि से महत्वपूर्ण बताया.मिश्र ने कहा कि अम्मा ने G20 की थीम ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ को सही मायने में चरितार्थ किया है.
तीन दिवसीय समापन समारोह के कार्यक्रम में अध्यात्मिक गुरु एम., ब्राजीली दूतावास के प्रतिनिधि अथाइदे मोट्टा, प्रिंसिपल को-ऑर्डिनेटर शेरपा विजय नांबियार, विवेकानंद केन्द्र की डॉ. निवेदिता भिड़े, फ्रांस से एलिजाबेथ मोरेनो, यूएई के मोहम्मद हाजी अब्दुल्ला हुसैन अल खूरी सहित विश्वभर से आए नागरिक समाज संगठनों के प्रतिनिधिगण, विशेषज्ञ और अधिकारीगण उपस्थित रहे.