पटना। लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के पूर्व अध्यक्ष चिराग पासवान ने रविवार को खुलासा किया कि वह चाहते हैं कि उनकी मां हाजीपुर से लोकसभा चुनाव लड़ें, जहां से उनके दिवंगत पिता रामविलास पासवान कई दशकों तक सांसद रहे। चिराग का उनके चाचा पशुपति कुमार पारस के साथ टकराव है। पारस वर्तमान में हाजीपुर से सांसद हैं। चिराग पासवान संवाददाताओं के सवालों का जवाब दे रहे थे। इससे कुछ घंटे पहले चिराग पासवान ने संकेत दिया था कि वह जमुई से फिर से चुनाव लड़ेंगे। वह मौजूदा लोकसभा में लगातार दूसरी बार इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री हाजीपुर संसदीय क्षेत्र से पारस की दावेदारी के बारे में पूछे जाने पर चिराग पासवान ने कहा एक सांसद होने के नाते वह (पारस) अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं पर उनके पिता (रामविलास पासवान) ने एक लंबा समय हाजीपुर की सेवा में बिताया है और हाजीपुर को अपनी मां के समान माना है। ऐसे में एक पुत्र होने के नाते मेरी जिम्मेदारी बनती है कि उनकी गैरमौजूदगी में मैं वैसे ही हाजीपुर और हाजीपुर के लोगों का ध्यान रखूं जैसा मेरा पिता रखा करते थे। सीट बंटवारा अंतिम रूप से गठबंधन के भीतर ही तय होगा। मैं चाहता हूं मेरी मां (रीना पासवान) वहां से चुनाव लड़ें क्योंकि मेरे पिता के बाद अगर किसी का सबसे पहला अधिकार बनता है तो वह मेरी मां का बनता है।
चिराग पासवान के इस बयान से पारस के साथ एक नया विवाद शुरू होने की आशंका है। पारस ने दावा किया है कि उन्होंने अपने दिवंगत भाई के आग्रह पर हाजीपुर से 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा था। वर्ष 2021 में लोजपा 2 हिस्सों में बंट गई थी। पारस के नेतृत्व वाले समूह को राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के रूप में जाना जाता है, वहीं चिराग के नेतृत्व वाले समूह को लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) कहा जाता है। हाजीपुर के सांसद पारस ने यह भी दावा किया कि उनके दिवंगत भाई ने इस बात पर जोर दिया था कि वह इस सीट से चुनाव लड़ें क्योंकि वह, न कि चिराग पासवान, ‘राजनीतिक उत्तराधिकारी’ थे। अब लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान इस बात पर जोर देते रहे हैं कि उनकी पार्टी हाजीपुर से चुनाव लड़ेगी। पारस ने जवाब देते हुए आरोप लगाया कि उनका भतीजा जमुई को छोड़ने की कोशिश कर रहा है, जहां से उन्होंने 2014 के आम चुनावों में पहली बार चुनाव लड़ा था। हालांकि, चिराग पासवान ने पहले दिन में ऐसी अटकलों पर विराम लगा दिया जब उन्होंने जमुई में एक सभा में कहा मैं यहां एक युवा के रूप में आया था और बूढ़ा होने तक यहीं रहूंगा।