T20 World Cup 2026 : भारतीय स्पिनर वरुण चक्रवर्ती ने कहा कि टी20 विश्व कप की तैयारी में उनका पूरा ध्यान अपनी गेंदबाजी की लेंथ पर भरोसा करने, आत्मविश्वास बनाए रखने और आसान दिखने वाले मैचों में भी खुद को मानसिक रूप से चुनौती देने पर केंद्रित है। इस 34 साल के खिलाड़ी ने 32 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 51 विकेट लिए हैं। इसमें दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मौजूदा पांच मैचों की श्रृंखला के शुरुआती तीन मैचों में लिए गए छह विकेट भी शामिल हैं। भारत और श्रीलंका की मेजबानी में सात फरवरी से आठ मार्च तक होने वाले टी20 विश्व कप में भारत के खिताब की रक्षा के लिए चक्रवर्ती काफी अहम खिलाड़ी है।उन्होंने ‘जियोस्टार’ के ‘फॉलो द ब्लूज’ कार्यक्रम में कहा, विश्व कप की तैयारी के लिए खुद पर लगातार दबाव बनाए रखना बहुत जरूरी है।
विश्व कप की तैयारियों के लिए खुद को चुनौती देना जरूरी: चक्रवर्ती
कर्नाटक में जन्में इस गेंदबाज ने कहा, जब कोई चुनौती न हो तब भी आपको खुद को चुनौती देनी होगी। अगर कोई मैच आसान लगे तो आपको मानसिक रूप से दबाव बनाना होगा और खुद को चुनौती देना शुरू करना होगा। उन्होंने कहा, उनके लिए आत्मविश्वास, सही लेंथ पर गेंदबाजी करना और विपक्षी टीम को समझना बहुत जरूरी है। यह एक अहम बात है जिसे मैं विश्व कप में ध्यान में रखना चाहता हूं। विपक्षी टीम को बेहतर ढंग से समझने से मुझे लगता है कि मैं अच्छा प्रदर्शन कर सकता हूं।

चक्रवर्ती ने कहा कि बुनियादी बातों पर टिके रहना और अपनी काबिलियत पर भरोसा रखना ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनकी हालिया सफलता की कुंजी रही है। उन्होंने कहा, मेरी योजना काफी सरल है, बुनियादी बातों पर ध्यान देना और अपनी लेंथ पर गेंदबाजी करना। कभी-कभी यह कारगर साबित होता है और शुक्र है कि पिछले तीन मैचों में यह कारगर रहा है। मैं अगले मैच में भी यही रणनीति अपनाऊंगा। उन्होंने कहा, जब आप आत्मविश्वास से भरे नहीं होते, तो आपकी मानसिकता आपके कौशल को प्रभावित करती है। ऐसे में आत्मविश्वास बनाये रखने के साथ अपने कौशल पर भरोसा रखना महत्वपूर्ण बात है। ऐसा होने पर ही आप ज्यादा बदलाव किए बिना अच्छा प्रदर्शन कर पाते हैं। यही निरंतरता का राज है।
चक्रवर्ती ने कहा, इस स्तर पर आपको निरंतरता बनाए रखनी होगी, उच्चतम स्तर पर खेलना यह जानने के लिए महत्वपूर्ण है कि आप कहां खड़े हैं। घरेलू क्रिकेट में तमिलनाडु का प्रतिनिधित्व करने वाले चक्रवर्ती ने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने शुरुआती मैचों में मुझे परेशानी हुई थी और तभी मुझे कुछ बातें समझ में आईं। मैंने अपनी खामियों को दुरूस्त करने के लिए अभ्यास का सहारा लिया। शीर्ष स्तर पर खेलने के लिए यह काफी जरूरी है।




