Sunday, October 6, 2024
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Central University Photo Viral : सुरक्षा अधिकारी के खिलाफ साजिश में सामने आया इस महिला प्रोफेसर का नाम, ग्रामीणों ने दिया कुलपति के नाम ज्ञापन

अजमेर। किशनगढ़ स्थित सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ राजस्थान में लड़की की फोटो वायरल करने के मामले अब ग्रामीणों ने कुलपति को ज्ञापन दिया है. ज्ञापन में केंद्रीय विश्वविद्यालय के आसपास के ग्रामीणों ने कहा कि यह सब सुरक्षा अधिकारी राजपाल रेवाड़ के खिलाफ एक षड्यंत्र के तहत किया गया हैं. ग्रामीणों ने लिखित शिकायत में कहा कि मामले की स्पष्ट जांच करके दोषियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाए.


जागो इंडिया जागो की पड़ताल में पता चला है कि कैम्पस के आसपास के गांव में छात्र-छात्राओं द्वारा अश्लील व्यवहार किया जाता है साथ ही माहौल खराब करने की कोशिश भी की जाती है. गौरतलब है कि कुछ समय पहले विश्वविद्यालय की महिला प्रोफेसर एवं गांव मुंडोती के ही एक पूर्व छात्र ने एक पूर्व महिला सुरक्षा कर्मी को बहला फुसलाकर और उसे पुन: नौकरी का लालच देकर भी सुरक्षा अधिकारी के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी. इस शिकायत को लेकर भी ग्रामीणों में बहुत आक्रोश व्याप्त है, इसके साथ ही समस्त ग्रामीणजनों और यूनिवर्सिटी के अन्य कर्मचारियों ने सुरक्षा अधिकारी राजपाल रेवाड़ के खिलाफ षड्यंत्र रचने में शामिल प्रोफेसर के इस्तीफा की मांग भी की. मामले की पड़ताल करने में सामने आया कि पुलिस को लिखित शिकायत देने के बावजूद भी अभी तक इस मामले में प्राथमिकी भी दर्ज नहीं की गई हैं.


कुछ सवाल जो उठाते हैं प्रशासन की कार्य शैली पर सवाल


ग्रामीणों द्वारा दिए गए ज्ञापन में बताया गया कि जिस सुरक्षा अधिकारी के खिलाफ षड्यंत्र रचा गया है वह सुरक्षा अधिकारी अपने काम को लेकर हमेशा सजग रहता है और गांव के अन्य कई लोग भी सुरक्षाकर्मी के रुप में कार्य करते हैं. उनकी सुरक्षा को लेकर भी पूरा गांव चिंतित हैं. साथ ही आस-पास के गाँव वालों ने देर शाम कई बार छात्राओं को मर्यादा लांघते हुए देखा है. गांव वालों के शिकायत करने के बाद भी विवि प्रशासन अब तक नरम रुख क्यों अपनाए हुए है.


महिला गार्ड अपने बयानों से पलटी, कहा- मुझ पर बनाया गया दबाव
सूत्रों ने बताया कि हंगामें के बाद जब यूनिवर्सिटी प्रशासन ने जांच शुरू की तो इसमें उस महिला गार्ड से पूछताछ की गई, जिसके मोबाइल में आरोप लगाने वाली छात्रा का फोटो मिला था। पूछताछ में महिला गार्ड ने बताया कि मुख्य सुरक्षा अधिकारी को मामले का आरोपी बनाने के लिए उस पर दबाव बनाया गया। ये जानकारी सामने आने के बाद भी सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या मुख्य सुरक्षा अधिकारी को फंसाया जा रहा है ?


कुछ ऐसे तथ्य जो सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी प्रशासन पर खड़े कर सवाल


– पुरुष गार्ड ने यूनिवर्सिटी कैम्पस में आने-जाने वाली कुछ बाहरी छात्राओं को संदिग्ध मानते हुए फोन पर कुछ फोटो लिए, ताकि उनकी पहचान हो सके। ऐसे में सवाल उठता है कि यूनिवर्सिटी में बाहरी लोगों का क्या काम? इस मसले की जांच हुई या नहीं ?
– परिसर में कई संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान के लिए सुरक्षाकर्मियों ने एक दूसरे को उनके फोटो साझा किए, क्या इसके बारे में यूनिवर्सिटी को पता था? यदि हां तो उन्होंने क्या कार्रवाई की और नहीं तो सुरक्षाकर्मियों पर सख्ती क्यों नहीं की?
– यूनिवर्सिटी में रात को 10 बजे के बाद किसी भी स्टूडेंट्स या स्टाफ को बिना अनुमति बाहर जाने की इजाजत नहीं है। फिर रात को कैसे कई स्टूडेंट्स और बाहरी लोग अंदर-बाहर आते-जाते हैं?
– जिन दिन यूनिवर्सिटी में आधी रात को भारी बवाल मचा, उस समय उपद्रव मचाने वालों में बाहरी लोग कैसे शामिल थे?
– पूरे प्रकरण में मुख्य सुरक्षा अधिकारी को ही क्यों निशाना बनाया गया? क्या वे किसी गलत गतिविधियों के खिलाफ आवाज उठा रहे थे? जबकि कैम्पस में कई सुरक्षाकर्मी काम करते हैं
-पूर्व में जिस महिला प्रोफेसर ने सुरक्षा अधिकारी के खिलाफ षडयंत्र रचा था उसके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई. साथ ही इस मामलें में विवि प्रशासन की तरफ से क्या सख्ती बरती गई ?
जब आस-पास के गांव वालों ने विवि प्रशासन को छात्रों द्वारा खराब किए माहौल की सूचना दी तो उन छात्रों के पर तुरंत कार्रवाई क्यों नही की गई.
जांच हो कड़ी तो दूध का दूध, पानी का पानी हो जाए
मामले की जांच को लेकर यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इंटरनल कमेटी का गठन किया है। साथ ही जिस छात्रा ने अपने फोटो वायरल करने के आरोप लगाए हैं उसके पिता ने बांदरसिंदरी थाने में मामला दर्ज कराया है। इसमें जातिसूचक शब्दों से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है।


दबे स्वर में बोले कार्मिक : यूनिवर्सिटी के अंदर सबकुछ ठीक नहीं


जानकारी में सामने आया कि सेंट्रल यूनिवर्सिटी परिसर में कई स्टूडेंट्स और विश्वविद्यालय के कर्मचारी अनैतिक गतिविधियां में लिप्त हैं। वे देर रात कैम्पस से बाहर जाते हैं और बाहरी लोग भी अंदर आते हैं। इसे लेकर मुख्य सुरक्षा अधिकारी ने सख्त रवैया अपनाया और उनको रोकना-टोकना शुरू कर दिया। इससे अनैतिक गतिविधियों में लिप्त लोग बिफर गए और यूनिवर्सिटी में पढ़ाई-लिखाई की बजाय तोड़-फोड़ और हंगामा हो गया।


जानें यहां, आखिर क्या है पूरा मामला


पिछले दिनों सेंट्रल यूनिवर्सिटी में एक लड़की का फोटो शेयर होने पर स्टूडेंट्स भड़क गए थे। उनका आरोप था कि यूनिवर्सिटी के सिक्योरिटी ऑफिसर ने लड़की का फोटो दूसरे गार्ड के साथ शेयर किया। इसके बाद स्टूडेंट्स ने भारी आक्रोश जताने के साथ वहां उपद्रव किया। एक जीप को आग लगा दी। इसके बाद केन्द्रीय विश्वविद्यालय के गार्ड बद्रीप्रसाद जाट ने स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज करवाई। इस गार्ड ने अपनी जीप को टाईगर-4 सुरक्षा कम्पनी के पास अनुबंध पर जुलाई-2022 से विश्वविद्यालय में पैट्रोलिंग व्हिकल के रूप में लगा रखा था। 17 अगस्त को परिसर की पार्किंग में खड़ी जीप को स्टूडेंट्स ने तोड़-फोड़ की और उसे जला दिया। सिक्योरिटी गाड़ी बोलेरो को गुरुवार को पुलिस द्वारा मौका मुआयना के पश्चात वर्कशॉप पहुंचाया गया। इस संबध में गार्ड ने कई स्टूडेंट्स के खिलाफ नामजद मुकदमा भी दर्ज कराया।

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