नई दिल्ली। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में जबरन धर्मांतरण के 7 आरोपियों के विरूद्ध कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश पर प्राथमिकी दर्ज की है। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। उच्च न्यायालय ने 2 बहनों की रिट याचिका पर इस जांच का आदेश दिया था। इन दोनों ने दावा किया था कि उनके पतियों बुद्धू मंडल और गौरंगा मंडल को एक ऐसी पार्टी के लिए काम करने की सजा के तौर पर हिंदू से मुसलमान बना दिया गया जो विधानसभा चुनाव में हार गयी।
याचिकाकर्ताओं ने यह भी कहा कि उनके पति 24 नवंबर, 2021 से लापता हैं लेकिन सूचित करने के बाद भी पुलिस ने कुछ नहीं किया। लेकिन, पश्चिम बंगाल सरकार ने कहा कि दोनों भाइयों ( इन महिलाओं के पतियों) ने स्वेच्छा से इस्लाम अपना लिया और पारिवारिक विवाद के चलते वे घर छोड़कर चले गये। उच्च न्यायालय के निर्देश पर CBI ने 20 फरवरी को प्राथमिक जांच दर्ज की थी। मई में CBI की ओर से एक रिपोर्ट उच्च न्यायालय में दाखिल की गयी जिसके बाद उसने (न्यायालय ने) 6 जून को प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया।
अधिकारियों ने बताया कि अदालती आदेश पर CBI ने मंगलवार को खुर्शीद शेख, नाजू शेख, बरकती शेख, हबीब शेख, रबीउल शेख, मुक्तादुल शेख और टीनू शेख तथा अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया। उन्होंने बताया कि पार्वती मंडल का पति बुद्धू मंडल निरक्षर है जबकि कलावती का पति गौरंग मंडल पांचवीं तक पढ़ा है।
CBI रिपोर्ट में कहा गया है, जांच से पता चला कि 24 नवंबर, 2021 को सुबह करीब 7 बजे दोनों भाई काम पर निकले थे। गौरंग मंडल रबीउल शेख के घर पर गया था जबकि उसका भाई बुद्धू मंडल हबीब शेख के घर पर गया था। उस समय गौरंग मंडल मुख्य मिस्त्री मुक्तादुल शेख की देखरेख में काम कर रहा। दोनों करीब 2 बजे खाना खाने घर आये थे और खाना खाकर वे काम पर लौट गये थे। लेकिन वे (दोनों) शाम में घर नहीं लौटे।
रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि उसके बाद दोनों बहनों ने स्थानीय पुलिस को सूचना दी कि उनके पतियों को मुसलमान बना लिया गया है और उन्हें नमाज पढ़ाने ले जाया गया। रिपोर्ट के मुताबिक बाद में इन दोनों भाइयों को एक मुसलमान परिवार में देखा गया और पुलिस ने उनकी पत्नियों को सूचित किया कि उन्हें 28 नवंबर, 2021 को अदालत में पेश किया जाएगा जो उनकी गुमशुदगी का चौथा दिन था।
CBI का कहना है कि दोनों महिलाओं ने दिनभर इंतजार किया लेकिन उनके पतियों को अदालत में पेश नहीं किया गया। उसके बाद दोनों (महिलाएं) घर लौट आयीं। रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि दोनों महिलाओं के घर लौट जाने के बाद इन दोनों भाइयों को शाम में मुसलमानों की भारी भीड़ के बीच एसडीओ अदालत में पेश किया गया। इसी रिपोर्ट के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गयी।
रिपोर्ट के अनुसार 4 जनवरी को इन दोनों भाइयों को नजदीक के धरला गांव में कुछ मुसलमानों के साथ भीख मांगते हुए देखा गया। उनकी पत्नियां वहां पहुंच गयी और उन्हें घर वापस आने के लिए उन्हें मनाने की कोशिश की लेकिन इन दोनों भाइयों के साथ चल रहे अन्य लोगों ने दोनों महिलाओं को डराया -धमकाया।
रिपोर्ट के मुताबिक गौरंग मंडल मुस्लिम समुदाय के कब्जे से भागने में सफल हो गया और वह नजदीक के खेत में अपनी पत्नी संग छिप गया। लेकिन भाई की कथित शिकायत पर स्थानीय पुलिस ने मामला दर्ज किया और उन दोनों को ढूढ निकाला। पुलिस ने उसके बाद गौरंग और उसकी पत्नी कलावती को अदालत में पेश किया।
रिपोर्ट के अनुसार अदालत ने कलावती मंडल को रिहा कर दिया लेकिन उसके पति को मुस्लिम समुदाय के लोग कथित रूप से अपने साथ ले गये। रिपोर्ट के मुताबिक दोनों भाइयों ने चोरी-छिप अपने परिवारों के सदस्यों को बताया कि उन्हें उनकी मर्जी के खिलाफ पकड़कर रखा गया है और उनसे मवेशियों का कत्ल करने जैसे काम जबरन करवाया जाता है। दोनों भाइयों ने अपने रिश्तेदारों को भी यह भी बताया कि उन्हें बंधक में रखने के लिए नशीली दवाएं दी जाती हैं। अधिकारियों ने बताया कि इन निष्कर्षों के आधार पर उच्च न्यायालय ने प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था।