वाशिंगटन, भारत और कनाडा के बीच संबंध काफी बुरे दौर से गुजर रहे हैं. कनाडा के पिछले साल खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर हत्या में भारतीय अधिकारियों की संलिप्तता के आरोपों के बाद दोनों देशों के बीच तल्खी और बढ़ गई है. दोनों देशों ने एक दूसरे के 6-6 डिप्लोमैट्स को निष्कासित कर दिया है. इसके बाद ट्रूडो ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भारत पर आरोप लगाया कि भारत सरकार कनाडा में आपराधिक गतिविधियों का समर्थन करती है.साथ ही सुरक्षा अधिकारियों ने भारतीय पक्ष के साथ बार-बार काम करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने मना कर दिया.
स्थिति बिल्कुल ठीक नहीं है : ट्रूडो
ट्रूडो ने कहा कि स्थिति बिल्कुल ठीक नहीं है,हम सिर्फ यही चाहते हैं कि कनाडा के लोगों को उनके समुदायों में, उनके घरों में हिंसा का सामना नहीं करना पड़े, बल्कि हम यह भी चाहते हैं कि भारत के साथ संबंधों में भी तनाव पैदा नहीं हो. इसलिए हमने पिछले सप्ताह अपनी सुरक्षा एजेंसियों, राजनयिकों और पुलिस एजेंसियों के माध्यम से भारत सरकार से संपर्क किया, ताकि इस गहरे मतभेद को दूर करने का रास्ता खोजा जा सके.कनाडावासियों की रक्षा की जा सके.वहीं भारत और कनाडा के बीच के अच्छे संबंध नष्ट नहीं हों.”
”भारत ने हमारे साथ काम करने का विकल्प नहीं चुना है”
कनाडा के प्रधानमंत्री ने कहा कि दुर्भाग्य से, भारत ने ”हमारे साथ काम करने का विकल्प नहीं चुना है. उन्होंने इस (ट्रूडो) सरकार के खिलाफ व्यक्तिगत हमले करने, उसे नकारने और उसे पीछे धकेलने का विकल्प चुना और हमारी एजेंसियों तथा संस्थानों की ईमानदारी पर सवाल उठाया.इसलिए हमें कनाडा के लोगों की सुरक्षा के लिए जवाब देना पड़ा है.
ट्रूडो ने भारत पर लगाया ये आरोप
ट्रूडो ने आरोप लगाया, ‘‘मेरा मानना है कि भारत ने अपने राजनयिकों और संगठित अपराध का इस्तेमाल करके कनाडा के लोगों पर हमला करने, उन्हें अपने घरों में असुरक्षित महसूस कराने और इससे भी बढ़कर हिंसा तथा यहां तक कि हत्या की वारदातों को अंजाम देने का रास्ता चुनकर एक बड़ी गलती की है. यह अस्वीकार्य है. उन्होंने पिछले सप्ताह इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की थी.