Cambodia Thailand ceasefire : थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा पर जारी संघर्ष को जल्द से जल्द समाप्त करने की कोशिशों के मद्देनजर दोनों देशों के नेता मलेशिया में बैठक करेंगे। थाईलैंड और कंबोडिया के बीच पिछले पांच दिन से संघर्ष जारी है और दुनिया दोनों देशों से अपील कर रही है कि वे जल्द से जल्द शांति बहाल करें।
कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेट और थाईलैंड के कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथाम वेचायाचाई मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम के आधिकारिक आवास पर सोमवार दोपहर को बैठक करेंगे। अनवर इब्राहिम इस बैठक की मेजबानी कर रहे हैं और वह दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्रों के संगठन (आसियान) के अध्यक्ष भी हैं। थाईलैंड और कंबोडिया की सीमा पर एक सुरंग में बृहस्पतिवार को हुए विस्फोट में पांच थाई सैनिकों के घायल होने के बाद दोनों देशों के बीच संघर्ष शुरू हो गया था। दोनों पक्ष एक-दूसरे पर लड़ाई शुरू करने का आरोप लगाते रहते हैं। थाईलैंड और कंबोडिया के बीच जारी संघर्ष में अब तक कम से कम 35 लोगों की मौत हो चुकी है तथा दो लाख 60,000 से अधिक लोगों को विस्थापित होना पड़ा है।
दोनों देशों ने अपने राजदूतों को वापस बुला लिया है। थाईलैंड और कंबोडिया के सैनिकों ने सोमवार को बताया कि सीमावर्ती इलाकों में अब भी संघर्ष जारी है। अनवर ने रविवार देर रात कहा कि दोनों पक्ष शांति बहाल करने के लिए अपनी शर्तें रखेंगे लेकिन महत्वपूर्ण यह है कि दोनों देश तत्काल संघर्ष विराम समझौते को लागू करें। मलेशिया की राष्ट्रीय समाचार एजेंसी ‘बरनामा’ की ओर से जारी खबर में अनवर के हवाले से कहा गया, मुझे उम्मीद है कि यह काम करेगा।
मलेशिया के प्रधानमंत्री ने कहा, यद्यपि यह स्थिति अन्य देशों जितनी बुरी नहीं है, फिर भी हमें हिंसा को रोकना होगा। थाईलैंड और कंबोडिया यह बैठक तब करने के लिए तैयार हुए हैं जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीधे तौर पर यह चेतावनी दी थी कि यदि दोनों देशों के बीच संघर्ष जारी रहा तो अमेरिका किसी भी देश के साथ व्यापार समझौते पर आगे नहीं बढ़ेगा। कुआलालंपुर के लिए रवाना होने से पहले फुमथाम ने बैंकॉक में संवाददाताओं को बताया कि इस बैठक में अमेरिका और चीन के प्रतिनिधि भी पर्यवेक्षक के रूप में उपस्थित रहेंगे।
उन्होंने कहा कि बैठक में मुख्य रूप से संघर्ष विराम पर ध्यान दिया जाएगा, लेकिन विश्वास की कमी एक समस्या बन सकती है क्योंकि कंबोडिया ने अब तक हमले करना बंद नहीं किया है। फुमथाम ने कहा, हमने सूचित किया है कि हमें कंबोडिया पर भरोसा नहीं है। उन्होंने जो कुछ भी किया है उससे पता चलता है कि वे इस समस्या को सुलझाने में ईमानदार नहीं हैं। इसलिए उन्हें अपनी ईमानदारी साबित करने के लिए विस्तार से बताना होगा कि वे क्या करेंगे।