ऑडिट पूरा करने के बाद दिया इस्तीफा, नितिन गोलानी को दिया गया अतिरिक्त प्रभार
नई दिल्ली। शैक्षिक प्रौद्योगिकी कंपनी बायजू के मुख्य वित्त अधिकारी अजय गोयल ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए ऑडिट प्रक्रिया पूरी करने के बाद पद छोड़ दिया है। वह वेदांता में वापस लौट जाएंगे। कंपनी की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, शैक्षणिक जगत के दिग्गज प्रदीप कनकिया को वरिष्ठ सलाहकार के रूप में नियुक्त किया है। कंपनी के अध्यक्ष (वित्त) नितिन गोलानी को कंपनी के वित्त कार्य को संभालने के लिए भारत के मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) के रूप में अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है।
गोयल ने कहा, मैं बायजू के संस्थापकों तथा सहकर्मियों को तीन महीने में वित्त वर्ष 2022 का ऑडिट तैयार करने में मदद करने के लिए धन्यवाद देता हूं। मैं बायजू में एक छोटे लेकिन प्रभावशाली कार्यकाल के दौरान मिले समर्थन की सराहना करता हूं। कंपनी वित्त वर्ष 2022 के लिए वित्तीय परिणाम घोषित करने के लिए लंबे समय से कुछ मंजूरी का इंतजार कर रही है।
नहीं हो पाई बैठक
कंपनी ने परिणाम की घोषणा करने के लिए अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में निदेशक मंडल की बैठक आयोजित करने की योजना बनाई थी, लेकिन सूत्रों के मुताबिक गोयल के इस्तीफे के कारण यह बैठक नहीं हो पाई। गोयल द्वारा ऑडिट प्रक्रिया पूरी हो गई है। ऑडिटर बीडीओ (एमएसकेए एंड एसोसिएट्स) ऑडिट पर गौर करने के बाद उस पर हस्ताक्षर करेंगे क्योंकि सीएफओ के इस्तीफे का कंपनी की ऑडिट प्रक्रिया पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।
छह माह का रहा कार्यकाल
सूत्रों ने बताया कि वित्त वर्ष 2022-23 का परिणाम बीडीओ (एमएसकेए एंड एसोसिएट्स) द्वारा प्रक्रिया पूरी करने के बाद बायजू के निदेशक मंडल के समक्ष रखा जाएगा। गोयल ने कंपनी में अपने छह महीने के कार्यकाल के बाद इस्तीफा दिया है। बायजू ने अप्रैल के पहले सप्ताह में समूह के सीएफओ के रूप में उनकी नियुक्ति की घोषणा की थी, लेकिन आंतरिक पुनर्गठन के कारण उन्हें भारत के वित्त मामले संभालने का प्रभार दिया गया। गोयल के कंपनी से जुड़ने के दो महीने के भीतर ही बायजू की ऑडिटर कंपनी डेलॉयट जून में कंपनी से अलग हो गई थी। उसने इस कदम के पीछे वित्त वर्ष 2022 के लिए वित्त विवरण प्रस्तुत करने में देरी का हवाला दिया था।