Wednesday, September 17, 2025
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Blood Donation Amrit Mahotsav 2.0 : पीएम मोदी के जन्मदिन पर बनेगा रक्तदान का महारिकॉर्ड, 7000 स्थानों पर शिविर लगाए

प्रधानमंत्री मोदी के 75वें जन्मदिन पर अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद ने ‘रक्तदान अमृत महोत्सव 2.0’ के तहत एक दिन में तीन लाख यूनिट रक्त एकत्र करने का लक्ष्य रखा। 7,000 से अधिक स्थानों और 70 देशों में रक्तदान शिविर लगे। संगठन का उद्देश्य ब्लड बैंक में कमी दूर करना है। भारत में सालाना 1.2 करोड़ यूनिट रक्त की आवश्यकता है, जबकि उपलब्धता 20-25% कम रहती है।

Blood Donation Amrit Mahotsav 2.0 : नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 75वें जन्मदिन के अवसर पर बुधवार को गैर-सरकारी संगठन अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद ने एक दिन में तीन लाख यूनिट रक्त एकत्र कर नया विश्व रिकॉर्ड बनाने के लक्ष्य के साथ ‘रक्तदान अमृत महोत्सव 2.0’ रक्तदान अभियान शुरू किया।

परिषद के अखिल भारतीय महासचिव अमित जैन ने बताया कि इस अभियान के तहत भारत में लगभग 7,000 स्थानों पर रक्तदान शिविर लगाए गए हैं। इसके अलावा, भारतीय दूतावासों के सहयोग से विभिन्न अफ्रीकी देशों, अमेरिका, ब्रिटेन, इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया और नेपाल समेत 70 से अधिक देशों में रक्तदान शिविरों का आयोजन किया गया। परिषद ने वर्ष 2022 में भी एक दिन में 2,50,000 यूनिट रक्त एकत्र कर विश्व रिकॉर्ड बनाया था, जिसे अब पार करने का प्रयास किया जा रहा है।

अश्विनी वैष्णव ने अणुव्रत भवन में किया रक्तदान

दिल्ली में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अणुव्रत भवन में रक्तदान किया। वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल और केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने शिविर का दौरा कर संगठन के प्रयासों की सराहना की। जैन ने कहा कि इस पहल का मुख्य उद्देश्य ‘ब्लड बैंक’ में रक्त की कमी को दूर करते हुए यह सुनिश्चित करना है कि रक्त की अनुपलब्धता के कारण किसी की जान न जाए। उन्होंने बताया, भारत को प्रतिदिन लगभग 15,000 यूनिट रक्त की आवश्यकता होती है, जबकि सालाना आवश्यकता लगभग 1.2 करोड़ यूनिट है। इसके मुकाबले वास्तविक उपलब्धता केवल 90 से 95 लाख यूनिट ही है, यानी 20-25 प्रतिशत की कमी बनी रहती है।

देश में लगभग 1,50,000 थैलेसीमिया रोगी हैं जिन्हें नियमित रूप से रक्त की ज़रूरत होती है। इसके अतिरिक्त, कैंसर, डायलिसिस, हृदय रोग और बड़ी सर्जरी से गुजरने वाले रोगियों को भी रक्त की आवश्यकता होती है। जैन ने यह भी बताया, भारत में हर साल लगभग 5,00,000 सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें लाखों पीड़ितों को तत्काल रक्त चढ़ाने की जरूरत पड़ती है। साथ ही, रक्त की सुरक्षित भंडारण अवधि सीमित होने के कारण यह स्थिति और भी जटिल हो जाती है। उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि देश की केवल एक प्रतिशत आबादी ही नियमित रक्तदान करती है और अगर सिर्फ दो प्रतिशत लोग भी साल में एक बार रक्तदान करें, तो भारत को कभी भी रक्त की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

Mukesh Kumar
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