नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दिल्ली इकाई के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने ‘सनातन धर्म’ के खिलाफ कथित टिप्पणी को लेकर द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के नेता उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ यहां तमिलनाडु भवन में एक ‘विरोध पत्र’ सौंपा।
तमिलनाडु के युवा कल्याण मंत्री उदयनिधि ने आरोप लगाया था कि ‘सनातन धर्म’ समानता और सामाजिक न्याय के खिलाफ है और इसे खत्म कर देना चाहिए। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने ‘सनातन धर्म’ की तुलना कोरोना वायरस, मलेरिया और डेंगू के बुखार से की थी और कहा था कि ऐसी चीजों का विरोध नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि इन्हें नष्ट कर देना चाहिए।
‘विरोध पत्र’ सौंपने वाले प्रतिनिधिमंडल में भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा शामिल थे। यह पत्र दिल्ली में राज्य सरकार के प्रमुख निवासी आयुक्त (चीफ रेजिडेंट कमिश्नर) के माध्यम से तमिलनाडु के मुख्यमंत्री को संबोधित किया गया था। सचदेवा ने कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस) के सदस्यों और नेताओं को ‘सनातन धर्म’ के खिलाफ उदयनिधि की टिप्पणी पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि विपक्षी गठबंधन में शामिल आम आदमी पार्टी (आप) और उसके प्रमुख अरविंद केजरीवाल को भी इस टिप्पणी पर अपना रुख साफ करना चाहिए।