जयपुर। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से जारी उम्मीदवारों की दूसरी सूची में अपना नाम नहीं शामिल किये जाने से नाराज पार्टी के स्थानीय नेताओं और उनके समर्थकों ने रविवार को जयपुर, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, राजसमंद, कोटा सहित अन्य जिलों में विरोध प्रदर्शन किया। नाराज पार्टी के स्थानीय नेताओं और उनके समर्थकों ने राजसमंद में पार्टी के जिला कार्यालय में फर्नीचर को कथित तौर पर क्षतिग्रस्त कर दिया और टायरों के साथ सड़क पर चुनाव अभियान से संबंधित सामग्री जला दी।
भाजपा की प्रदेश अनुशासन समिति ने राजसमंद में तोड़फोड़ करने व हिंसक प्रदर्शन के लिये उकसा कर अनुशासन भंग करने के आरोप में पार्टी के 4 सदस्यों को तत्काल प्रभाव से पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया। समिति के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत की ओर से राजसमंद जिला अध्यक्ष को जारी पत्र में अजय प्रजापत, देवी लाल जटीया, हिम्मत कुमावत, मुकेश शर्मा को जांच के दौरान भाजपा से निलंबित कर दिया है। पुलिस ने कहा कि इस संबंध में अभी तक कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है। कार्यकर्ता कथित तौर पर दीप्ति माहेश्वरी की उम्मीदवारी का विरोध कर रहे थे। पार्टी द्वारा उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी करने के बाद असंतुष्ट नेताओं के समर्थकों ने चित्तौड़गढ़, उदयपुर, कोटा, जयपुर, अलवर, बूंदी में भी विरोध प्रदर्शन किया और पुतले जलाए। इसी तरह का विरोध तब देखने को मिला था जब पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी।
राजसमंद में भाजपा के 3 स्थानीय दावेदार दिनेश बडाला, गणेश पालीवाल और महेंद्र कोठारी सुबह समर्थकों के साथ भाजपा कार्यालय पहुंचे। समर्थकों ने कथित तौर पर ‘दीप्ति माहेश्वरी मुर्दाबाद’ के नारे लगाए और पार्टी कार्यालय में फर्नीचर को नुकसान पहुंचाया। राजसमंद में पार्टी कार्यालय में समर्थकों द्वारा कुर्सियां उठाकर फेंकने का एक कथित वीडियो वायरल हो गया है। राजसमंद पुलिस उपाधीक्षक पार्थ शर्मा ने कहा कि इस संबंध में कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है और लोगों को शांत करा दिया गया है। इस बीच, उदयपुर से टिकट के दावेदार उपमहापौर पारस सिंघवी ने भी टिकट नहीं मिलने पर विरोध जताया। उन्होंने पूर्व विधायक और वर्तमान असम के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया पर उदयपुर की राजनीति में दखल देने का आरोप लगाया। सिंघवी ने चेतावनी दी कि अगर पार्टी ने अपना फैसला नहीं बदला तो उसे ‘गंभीर परिणाम’ भुगतने होंगे।
भाजपा के मौजूदा विधायक चंद्रभान सिंह आक्या को पार्टी द्वारा चित्तौड़गढ़ सीट से टिकट नहीं दिए जाने के बाद उनके समर्थकों ने रविवार को एक बार फिर प्रदर्शन किया। उन्होंने कथित तौर पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सी.पी. जोशी का पुतला जलाया और पार्टी से फैसले पर पुनर्विचार करने और स्थानीय उम्मीदवार को मैदान में उतारने की मांग की। आक्या आरोप लगाया कि जोशी की उनसे पुरानी रंजिश है,इसलिए टिकट काटा गया। आक्या ने 2013 और 2018 में 2 बार इस सीट का प्रतिनिधित्व किया। पार्टी ने पूर्व उपराष्ट्रपति और 5 बार के विधायक भैरों सिंह शेखावत के दामाद नरपत सिंह राजवी को चित्तौड़गढ़ सीट से मैदान में उतारने का फैसला किया है। पार्टी ने अपनी पहली सूची में उन्हें उनकी वर्तमान विद्याधर नगर सीट से टिकट नहीं दिया और उनकी जगह राजसमंद से भाजपा सांसद दीया कुमारी को टिकट दिया। जोशी ने संवाददाताओं से कहा निर्णय सामूहिक रूप से लिए जाते हैं न कि किसी व्यक्ति विशेष द्वारा। मैं कह सकता हूं कि जिस तरह के उम्मीदवारों की सूची सामने आई है, उससे लोगों में उत्साह है और भाजपा के प्रति विश्वास है। यह पूछे जाने पर कि क्या नाराजगी दूर हो जाएगी, जोशी ने कहा कि सभी लोग मिलकर काम करेंगे क्योंकि वे परिवार का हिस्सा हैं।
विपक्ष के नेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि सभी फैसले सामूहिक रूप से लिए जाते हैं और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने किसी से पुरानी दुश्मनी नहीं निकाली है। राठौड़ ने कहा यह आलाकमान का फैसला है। विधायक (चंद्रभान सिंह) से बात करने और उन्हें समझाने की कोशिश की गई है। वह समझ जाएंगे। जयपुर के सांगानेर से मौजूदा विधायक अशोक लाहोटी की जगह पार्टी के प्रदेश महासचिव भजनलाल शर्मा को टिकट दिए जाने पर उनके समर्थकों ने पार्टी कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और टायर जलाए। समर्थकों ने कहा कि क्षेत्र में बाहरी लोगों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। कोटा दक्षिण में, विकास शर्मा के समर्थकों ने तलवंडी चौराहे पर प्रदर्शन किया और कथित तौर पर सीट से संदीप शर्मा की उम्मीदवारी के खिलाफ नारे लगाए। वहीं, अलवर शहर में संजय शर्मा को टिकट मिलने के बाद उनके विरोधियों ने कथित तौर पर उनके खिलाफ प्रदर्शन किया और नारेबाजी की और पुतला जलाया। बूंदी में भाजपा के अशोक डोगरा की उम्मीदवारी के खिलाफ नए चेहरे को टिकट देने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया गया। उन्होंने 3 बार इस सीट का प्रतिनिधित्व किया है।
राजस्थान में कुल 200 विधानसभा सीटें हैं और अब तक भाजपा 124 उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है। पार्टी ने पहली सूची में 41 उम्मीदवारों की घोषणा की थी। पहली सूची जारी होने के बाद पार्टी के टिकट से वंचित कई भाजपा नेताओं ने अपनी नाराजगी व्यक्त की थी। राज्य की सभी सीटों पर 25 नवंबर को मतदान होगा, जबकि मतों की गिनती 3 दिसंबर को होगी।