Online Gaming Bill 2025: लोकसभा में बुधवार को ऑनलाइन गेमिंग को विनियमित करने और शैक्षणिक तथा सामाजिक ऑनलाइन खेलों को बढ़ावा देने वाला एक विधेयक पेश किया गया. बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर विपक्षी सदस्यों की लगातार नारेबाजी के बीच इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में ‘ऑनलाइन खेल संवर्धन और विनियमन विधेयक, 2025’ पेश किया.
ऑनलाइन गेमिंग विधेयक में प्रावधान
इस विधेयक में ऑनलाइन ‘मनी गेमिंग’ या उसके विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने के प्रावधान हैं और यह इन्हें पेश करने या विज्ञापन देने वालों के लिए कारावास या जुर्माना, या दोनों का प्रावधान करता है. इस विधेयक में ई-स्पोर्ट्स, शैक्षणिक खेल और सामाजिक खेल सहित ऑनलाइन खेल क्षेत्र को बढ़ावा देने, उसे विनियमित करने और इसके सामरिक विकास और विनियमन के लिए एक प्राधिकरण की स्थापना का भी प्रावधान है.
विधेयक में किसी कम्प्यूटर, मोबाइल उपकरण या इंटरनेट के माध्यम से ऑनलाइन ‘मनी गेम’ के प्रस्ताव, संचालन, सरलीकरण, विज्ञापन, प्रचार और भागीदारी को निषिद्ध किया गया है, विशेषकर जहां ऐसे क्रियाकलाप राज्य की सीमाओं के पार या विदेश से संचालित होते हैं.
कानून के उल्लंघन पर 3 साल की सजा और जुर्माना
बिल के अनुसार, कानून का उल्लंघन करके ऑनलाइन मनी गेमिंग सेवाएं प्रदान करने वाले किसी भी व्यक्ति को 3 साल तक की कैद या 1 करोड़ तक का जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं. ऐसी सेवाओं का विज्ञापन करने वालों को 2 साल तक की जेल और/या 50 लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है. मनी गेम्स के लिए ट्रांजेक्शन की सुविधा प्रदान करने वाले बैंक और वित्तीय संस्थान भी 3 साल तक की जेल या 1 करोड़ रुपए के जुर्माने सहित दंड के पात्र होंगे.
वहीं बार-बार अपराध करने पर कड़ी सजा का प्रावधान है, जिसमें 3 से 5 साल की जेल और ज्यादा जुर्माना शामिल है. हालांकि, बिल ऑनलाइन मनी गेम्स खेलने वालों को अपराधी नहीं मानता, बल्कि उन्हें अपराधी के बजाय पीड़ित मानता है.
विधेयक का क्या है उद्देश्य ?
विधेयक में कहा गया है कि इसका उद्देश्य ऐसे खेलों के प्रतिकूल सामाजिक, आर्थिक, मनोवैज्ञानिक और गोपनीयता संबंधी प्रभावों से लोगों, विशेष रूप से युवाओं और कमजोर वर्गों की रक्षा करना, डिजिटल प्रौद्योगिकियों का जिम्मेदारी से उपयोग सुनिश्चित करना, लोक व्यवस्था बनाए रखना, लोक स्वास्थ्य की रक्षा करना, वित्तीय प्रणालियों की और राज्य की सुरक्षा एवं संप्रभुता की रक्षा करना तथा लोकहित में राष्ट्रीय स्तर का समान कानूनी ढांचा स्थापित करना है.
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