रांची। झारखंड उच्च न्यायालय ने भैंस पर काला जादू से जुड़े मामले में अपना फैसला सुनाया. जानकारी के अनुसार पूरा मामला साहिबगंज जिले का है.जिले के एक गांव में एक व्यक्ति और उसकी पत्नी पर भैंस पर काला जादू करने का आरोप लगाते हुए कुछ लोगों ने उनके साथ मारपीट की. साथ ही आरोपियों ने जादू को वापस नहीं लेने पर दंपति को पूरे गांव में निर्वस्त्र करके घुमाने की धमकी दी. अधिवक्ता से मिली जानकारी के अनुसार तीनपहाड़ थाना क्षेत्र के छोटा भोराबाग गांव में रहने वाले कांग्रेस मुर्मू और उसकी पत्नी पर गांव के कुछ लोगों ने भैंस पर काला जादू करने का आरोप लगाया था. आरोप में कहा था कि दंपति द्वारा किए गए जादू के कारण भैंस के थनों से खून बहने लगा और उसने दूध देना कम कर दिया. इसी मामले को लेकर गांव वालो ने दंपति के साथ मारपीट की.
मारपीट को लेकर आरोपियों ने उच्च न्यायलय के समक्ष अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी जिसे जस्टिस प्रदीप कुमार श्रीवास्तव स्वीकार कर ली. निचली अदालत द्वारा याचिकाकर्ताओं की अग्रिम जमानत याचिका को मई में खारिज कर दिया था. जिसके बाद आरोपियों ने उच्च न्यायालय की शरण ली थी. जिस भैंस पर काला जादू किया गया था वो इनमें से एक आरोपी माणिक साहा की है. कांग्रेस मुर्मू ने FIR में कहा था कि 12 मार्च को उसके घर में घुसे और उन्होंने उसकी पत्नी पर भैंस पर काला जादू करने का आरोप लगाया, लेकिन जब महिला ने इन आरोपों को खारिज किया तो उन्होंने उस पर हमला कर दिया और बीच-बचाव की कोशिश करने पर उसके पति को जान से मारने की कोशिश की. आरोपियों ने महिला को ‘‘काला-जादू वापस नहीं लेने पर निर्वस्त्र कर गांव में घुमाने’’ की भी धमकी दी. प्राथमिकी भारतीय दंड संहिता और जादू टोना प्रथा निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज की गई. प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद आरोपियों ने राजमहल में अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम की अदालत में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की थी, जिसे 27 मई को खारिज कर दिया गया था.