मुंबई, NCP के नेता एवं महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या मामले में बड़ा खुला हुआ है. पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में पता चला है कि हमलावरों ने यहां कुर्ला इलाके में एक किराए के मकान में यूट्यूब पर वीडियो देखकर बंदूक और पिस्तौल चलाना सीखा था.
यूट्यूब से वीडियो देखकर सीखा बंदूक चलाना
मामले में जांच कर रही मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने आरोपियों से पूछताछ के दौरान पाया कि संदिग्ध हमलावर शिवकुमार गौतम ने उत्तर प्रदेश में विवाह समारोहों में ‘हर्ष फायरिंग’ के दौरान बंदूक चलाना सीखा था. गौतम अभी फरार है.
4 सप्ताह वीडियो देखकर सीखा बंदूक में गोली भरना, निकालना
उन्होंने कहा कि कुर्ला में किराए के एक मकान में गौतम ने कश्यप और सिंह को बंदूक चलाने का प्रशिक्षण दिया जहां उन्होंने बंदूक (गोलियों के बगैर) चलाने का अभ्यास किया. करीब 4 सप्ताह तक यूट्यूब से वीडियो देखकर बंदूक में गोली भरना और गोली निकालना सीखा क्योंकि उन्हें अभ्यास के लिए कोई खुली जगह नहीं मिल सकी थी.
मुंबई पुलिस के रडार पर था शुभम लोनकर
मामले में कथित सह-साजिशकर्ताओं में से एक शुभम लोनकर 24 सितंबर तक पुलिस की रडार पर था. अप्रैल में यहां सलमान खान के आवास के बाहर गोलीबारी की घटना के संबंध में लोनकर से जून में पूछताछ हुई थी क्योंकि इसमें लॉरेंस बिश्नोई गिरोह की संलिप्तता का संदेह था.
अनमोल बिश्नोई के संपर्क में था लोनकर
एक अधिकारी ने बताया कि शुभम लोनकर को जनवरी में महाराष्ट्र के अकोला जिले के अकोट थाने में दर्ज शस्त्र अधिनियम के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में उसे जमानत मिल गई थी. पुलिस ने उस मामले में 10 से ज्यादा हथियार बरामद किए थे. यह पता चला कि शुभम लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल के संपर्क में था. तब से उस पर पुलिस की नजर थी लेकिन 24 सितंबर के बाद उसका कुछ पता नहीं चल पाया .
इंस्टाग्राम और स्नैपचैट का इस्तेमाल करते थे आरोपी
जांच के दौरान यह भी पता चला कि आरोपी व्यक्ति एक दूसरे से संवाद के लिए ‘स्नैपचैट’ और ‘इंस्टाग्राम’ जैसे सोशल मीडिया ऐप का इस्तेमाल करते थे.उन्होंने बताया कि शुभम लोनकर को मोबाइल फोन ऐप की जानकारी थी.
अधिकारी ने बताया कि निगरानी से बचने के लिए उसने (सिद्दीकी की हत्या की) साजिश में शामिल सभी सदस्यों को ‘इंस्टाग्राम’ के जरिए बात करने और ‘स्नैपचैट’ के जरिए संदेश भेजने को कहा था. उन्होंने कहा कि ‘स्नैपचैट’ में एक सुविधा होती है जिसमें संदेश देख लिए जाने के बाद वे अपने आप ‘डिलीट’ हो जाते हैं या खत्म हो जाते हैं.