हैदराबाद, भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान एवं कांग्रेस नेता मोहम्मद अजहरुद्दीन हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन (एचसीए) में कथित वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े धनशोधन मामले की जांच के सिलसिले में मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश हुए. सूत्रों ने बताया कि संघीय एजेंसी उनसे पूछताछ करेगी और धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत उनका बयान दर्ज करेगी.
HCA में कथित वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े मामले में पूछताछ
इससे पहले, 61 वर्षीय पूर्व सांसद को 3 अक्टूबर को फतेह मैदान रोड पर संघीय एजेंसी के कार्यालय में पेश होने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने कुछ समय मांगा था जिसके बाद उन्हें 8 अक्टूबर को बुलाया गया. यह जांच HCA में कथित वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ी है.
ED ने इस संबंध में की थी छापेमारी
ईडी ने इस संबंध में पिछले साल नवंबर में छापेमारी की थी.इसने HCA के पूर्व पदाधिकारियों के परिसरों पर छापे मारे थे जिनमें एचसीए के पूर्व उपाध्यक्ष एवं क्रिकेटर शिवलाल यादव, कांग्रेस विधायक एवं एचसीए के पूर्व अध्यक्ष गद्दाम विनोद, एचसीए के पूर्व सचिव अरशद अयूब के परिसरों के अलावा ‘एसएस कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड’ नामक कंपनी के कार्यालय और इसके प्रबंध निदेशक (एमडी) सत्यनारायण का आवासीय परिसर शामिल थे.
सूत्रों ने बताया कि एचसीए अध्यक्ष के रूप में अजहरुद्दीन के कार्यकाल के दौरान उनकी भूमिका एजेंसी की जांच के दायरे में है. अजहरुद्दीन की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. उन्होंने पिछले साल तेलंगाना विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे.पिछले वर्ष तेलंगाना पुलिस द्वारा मामला दर्ज किए जाने के बाद उन्होंने कहा था कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप ‘‘झूठे’’ और ‘‘दुर्भावनापूर्ण’’ हैं तथा उनकी छवि खराब करने के लिए ऐसा किया गया है.
क्या है पूरा मामला ?
धन शोधन का यह मामला तेलंगाना भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा एचसीए के 20 करोड़ रुपये के कथित आपराधिक दुरुपयोग के संबंध में दर्ज की गईं 3 प्राथमिकियों और आरोपपत्रों से संबंधित है.ईडी ने पहले बयान में कहा था, ‘‘आरोपपत्र में हैदराबाद के उप्पल में निर्मित राजीव गांधी क्रिकेट स्टेडियम के लिए डीजल जेनरेटर, अग्निशमन प्रणाली और छतरियों की खरीद में गंभीर अनियमितताओं के आरोप हैं.’’पुलिस के आरोपपत्र के अनुसार, समयसीमा के बावजूद कई कार्यों में अत्यधिक देरी हुई, जिससे लागत और बजट में बढ़ोतरी होने से एचसीए को नुकसान हुआ.
टेंडर देने में अनियमितता का आरोप
एजेंसी ने आरोप लगाया है कि ऐसा पाया गया कि एचसीए के पदाधिकारियों ने लोगों के साथ मिलीभगत करके, उचित निविदा प्रक्रियाओं का पालन किए बिना और कई मामलों में ‘कोटेशन’ प्राप्त होने से पहले ही पसंदीदा ठेकेदारों को बाजार दरों से अधिक कीमत पर विभिन्न निविदाएं और कार्य आवंटित किए.इसने कहा कि इन पदाधिकारियों में एचसीए के तत्कालीन सचिव, अध्यक्ष और उपाध्यक्ष तथा अन्य शामिल हैं. यह भी कहा गया कि कई ठेकेदारों को अग्रिम भुगतान किया गया, जबकि उन्होंने कोई काम ही नहीं किया था.
ईडी ने कहा था कि पिछले साल की गई छापेमारी में डिजिटल उपकरण, ‘‘अपराध साबित करने वाले’’ दस्तावेज और 10.39 लाख रुपये जब्त किए गए थे। जो रुपये जब्त किए गए उसके लेनदेन के बारे में कोई हिसाब नहीं था. बता दें कि अजहरुद्दीन ने 2009 में उत्तर प्रदेश की मुरादाबाद लोकसभा सीट से जीत के साथ अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी.वह तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं.