अयोध्या। शहर में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के एक दिन बाद ही मंगलवार को इतनी भारी संख्या में रामभक्तों का जमावड़ा होने लगा कि प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए और लोगों को संभालने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। इससे मंदिर परिसर के नजदीक धक्कामुक्की भी हुई जिससे प्रशासन को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा है। मंगलवार को आधी रात से ही मंदिर के बाहर भक्तों की भीड़ एकत्र होने लगी और सुबह होते-होते और बढ़ गई। इससे प्रशासन की सांसें फूलने लगीं। इस दौरान कई श्रद्घालुओं को चोटें भी आईं। हालांकि, इस दौरान लोगों का कहना था कि वो दर्शन करने के बाद ही वापस लौटकर जाएंगे।
राम मंदिर के उद्घाटन के बाद मंगलवार को आम लोगों के लिए जब पहली बार मंदिर खुला तो आस्था का रेला उमड़ पड़ा। सुबह 4:00 बजे से ही श्रद्धालु रामलला के दर्शन के लिए राम जन्मभूमि पर पहुंच गए थे। राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि मंदिर सुबह 6:30 बजे आरती के बाद खोला गया जैसे ही मंदिर खुला दर्शन के लिए भक्त उमड़ पड़े। बड़ी संख्या में भक्त रामलला के दर्शन के लिए दो तीन दिनों से रुके हुए थे। भीड़ को देखते हुए दोपहर में मंदिर एक घंटा पहले ही खोल दिया गया। पहली पाली में ही 50 हजार से अधिक भक्त दर्शन कर चुके हैं।
राम के विग्रह का नामकरण : बालक राम के नाम से जाना जाएगा रामलला को
अयाेध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की गई श्रीरामलला की मूर्ति को बालक राम के नाम से जाना जाएगा। 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल रहे पुजारी अरुण दीक्षित ने बताया कि भगवान राम की मूर्ति का नाम बालक राम रखने का कारण यह है कि वह एक बच्चे की तरह दिखते हैं, जिनकी उम्र पांच साल है। वाराणसी के रहने वाले अरुण दीक्षित ने बताया कि पहली बार जब मैंने मूर्ति देखी तो मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। मेरी आंखों में खुशी के आंसू बहने लगे। उस समय मुझे जो अनुभूति हुई, उसे मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता।
नई और पुरानी मूर्ति को एकसाथ ही रखा गया है आमने सामने
उन्होंने आगे कहा कि अब तक मैं 50-60 बड़े अभिषेक में शामिल रहा, लेकिन मेरे जीवन का यह सबसे अलौकिक, दिव्य और सर्वश्रेष्ठ कार्यक्रम रहा। दीक्षित ने कहा कि उन्हें मूर्ति की पहली झलक 18 जनवरी को मिली थी। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अनुसार, रामलला की पुरानी मूर्ति, जो पहले एक अस्थायी मंदिर में रखी गई थी। उसे भी नई मूर्ति के सामने रखा गया है। मूर्ति के लिए आभूषण अध्यात्म रामायण, वाल्मिकी रामायण, रामचरितमानस और अलवंदर स्तोत्रम जैसे ग्रंथों के गहन शोध और अध्ययन के बाद तैयार किए गए हैं।
रोकी गईं अयोध्या जाने वाली सभी रोडवेज बसें, भारी भीड़ को देखते हुए लिया फैसला
अयोध्या में राम मंदिर की तरफ जाने वाले रास्तों को पांच किलोमीटर पहले बंद कर दिया गया है। इधर बाराबंकी और लखनऊ की तरफ से अयोध्या की तरफ जाने वाली बसें रोक दी गई हैं। अयोध्या राम मंदिर में भारी भीड़ को देखते हुए अयोध्या जाने वाली यूपी रोडवेज की सभी बसें रोक दी गई हैं। परिवहन निगम के महाप्रबंधक ऑपरेशन मनोज पुंडीर ने बताया कि अयोध्या जाने वाली सभी मार्ग कि बसों का संचालन बंद किया गया है। भीड़ कम होने पर इसकी समीक्षा की जाएगी। अयोध्या में मंदिर की ओर जाने वाले सभी रास्तों को चार से पांच किलोमीटर पहले ही बंद कर दिया गया है। सिर्फ पैदल यात्रियों को ही लाइन से पैदल जाने की अनुमति मिली है। भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने यह फैसला लिया है। सुबह से भारी संख्या में लोग मंदिर के बाहर जमा हो गए थे। जिससे प्रशासन के सामने अव्यवस्था के हालात पैदा हो गए थे। परिवहन निगम के महाप्रबंधक ऑपरेशन मनोज पुंडीर ने बताया कि अयोध्या जाने वाली सभी मार्ग कि बसों का संचालन बंद किया गया है।
2 लाख से ज्यादा भक्तों ने रामलला के दर्शन किए
अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद मंगलवार 23 जनवरी को मंदिर में आम लोगों का दर्शन शुरू हो चुका है। रात 3 बजे से ही दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। रामलला के दर्शन के लिए कई राज्यों से लोग आए हुए हैं। जैसे ही मंदिर के गेट खुले तो लोगों में अंदर जाने के लिए होड़ सी मच गई। दर्शन के लिए उमड़े हुजूम का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दोपहर में शयन के लिए बंद किए गए भगवान रामलला के कपाट एक घंटे पहले ही खोल दिए गए। रामलला के शयन के लिए पट दोपहर 12.30 बजे से 2 बजे तक बंद रहने थे, लेकिन भीड़ के चलते 1 बजे ही खोल दिए गए। लोगों को दर्शन के लिए छोटे-छोटे ग्रुपों में भेजा जा रहा है। एक बार तो लोग सिक्योरिटी तोड़कर ही भाग निकले। प्रशासन के मुताबिक, दोपहर दो बजे तक ढाई लाख लोगों ने दर्शन कर लिए। भीड़ को काबू करने के लिए 8 मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं।