अयोध्या में रामलला के आगमन का इंतजार लगभग पूरा हो गया है। राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की सभी तैयारियां पूरी हो गई हैं। राम नगरी को आध्यात्मिक रंग देकर सजाया गया है। अयोध्या आज रामोत्सव के रंग में भव्य दिखाई दे रहा है। परिसर और पूरे देश में अलौकिक है और रामधुन से गूंज रही है। उधर, देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भजन-कीर्तन और पूजा -भंडारा हो रहे हैं, क्योंकि आज अयोध्या के नए मंदिर में भगवान श्रीराम की प्राण-प्रतिष्ठा होगी।
मंदिर परिसर की छटा देखती ही बन रही है। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकप्रिय क्रिकेटर, मशहूर हस्तियां, उद्योगपति, संत और विभिन्न देशों के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं। अब भारत समेत दुनिया की नजरें प्राण प्रतिष्ठा की ऐतिहासिक घड़ी पर टिकी हुई हैं। देश-विदेश से कई अतिथि पहुंच चुके हैं। इनमें संघ प्रमुख मोहन भागवत, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, मुकेश-नीता अंबानी, गौतम अडाणी, अमिताभ बच्चन, रजनीकांत शामिल हैं। पीएम नरेंद्र मोदी सुबह 10 बजकर 25 मिनट पर अयोध्या पहुंचेंगे। उधर, लालकृष्ण आडवाणी अयोध्या नहीं जा रहे हैं। आरती के समय सभी अतिथि घंटी बजाएंगे। सेना के हेलिकॉप्टर अयोध्या में पुष्प वर्षा केरेंगे।
22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के लिए न्यूनतम विधि-अनुष्ठान रखे गए हैं। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार, अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि पर होने वाली प्राण प्रतिष्ठा समारोह में प्रातः काल 10 बजे से ‘मंगल ध्वनि’ के भव्य वादन का कार्यक्रम है। विभिन्न राज्यों से 50 से अधिक मनोरम वाद्ययंत्र लगभग दो घंटे तक इस शुभ घटना का साक्षी बनेंगे।
उधर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने वाले अतिथियों का आगमन शुरू हो गया है। मेहमानों ने 10:30 बजे तक रामजन्मभूमि परिसर में प्रवेश करना शुरू कर दिया। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने बताया कि उसके द्वारा जारी की गई प्रवेशिका के जरिए ही प्रवेश संभव है। केवल निमंत्रण पत्र से आगंतुक प्रवेश नहीं कर पाएंगे। प्रवेशिका पर बने क्यूआर कोड के मिलान के बाद ही परिसर के प्रवेश मिल रहा है। ट्रस्ट ने सोशल मीडिया पर प्रवेशिका का एक प्रारूप भी साझा किया है।
अयोध्या के राजा बोले- सोचा नहीं था मेरे जीवन में राम मंदिर बन पाएगा
अयोध्या के ‘राजा’ और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्रा ने कहा, ‘कभी नहीं सोचा था कि मेरे जीते जी राम मंदिर बन पाएगा और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो पाएगी। राम वन गए तो अयोध्या में कोई खुश नहीं था। फिर सीता जी को रावण ले गया। इससे अयोध्या उदासीन हो गई, उसकी श्री चली गई थी। राम, सीता, लक्ष्मण जब लौटे, तब अयोध्यावासियों की प्रसन्नता लौटी। आज राम मंदिर बनने के साथ रामनगरी अपना पुराना गौरव हासिल कर चुकी है।’
प्राण प्रतिष्ठा की विधि दोपहर 12:20 बजे से शुरू
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की विधि 22 जनवरी को दोपहर 12:20 बजे शुरू होगी। प्राण प्रतिष्ठा की मुख्य पूजा अभिजीत मुहूर्त में की जाएगी। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का समय काशी के विद्वान गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने निकाला है। यह कार्यक्रम पौष माह के द्वादशी तिथि (22 जनवरी 2024) को अभिजीत मुहूर्त, इंद्र योग, मृगशिरा नक्षत्र, मेष लग्न एवं वृश्चिक नवांश में होगा।
84 सेकंड का शुभ मुहूर्त
शुभ मुहूर्त दिन के 12 बजकर 29 मिनट और 08 सेकंड से 12 बजकर 30 मिनट और 32 सेकंड तक का रहेगा। यानि प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त केवल 84 सेकंड का है। पूजा-विधि के जजमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों श्रीरामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा होगी। यह अनुष्ठान काशी के प्रख्यात वैदिक आचार्य गणेश्वर द्रविड़ और आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित के निर्देशन में 121 वैदिक आचार्य संपन्न कराएंगे। इस दौरान 150 से अधिक परंपराओं के संत-धर्माचार्य और 50 से अधिक आदिवासी, गिरिवासी, तटवासी, द्वीपवासी, जनजातीय परंपराओं की भी उपस्थिति होगी।