कोलकाता। चोकर्स, ये शब्द सुनते ही दक्षिण अफ्रीका टीम की याद और ध्यान दुनिया को आ जाता है। बीते सभी एकदिवसीय वर्ल्ड कप में एनमौक़े पर फिसड्डी साबित हो रही है। तभी तो एजबेस्टन में लांस क्लूजनर और आकलैंड में एबी डिविलियर्स का निराशा में डूबा चेहरा शायद हर क्रिकेट प्रेमी को याद होगा। दक्षिण अफ्रीका की टीम गुरुवार को पांच बार की चैंपियन ऑस्ट्रेलिया के सामने विश्व कप के सेमीफाइनल में उतरेगी तो उसका इरादा अतीत में अंतिम चार मुकाबलों में हार के बाद की इन कड़वी यादों और अपने पर लगे ‘चोकर्स’ ( दबाव के आगे घुटने टेकने वाले) के ठप्पे को मिटाने का होगा।
दक्षिण अफ्रीका के हर प्रशंसक को ‘चोकर्स’ शब्द से नफरत है और बड़े मुकाबले जीतने की आदी ऑस्ट्रेलिया टीम एक बार फिर उसके जख्मों पर नमक छिड़कना चाहेगी। इंग्लैंड के खिलाफ 1992 में उसके पदार्पण विश्व कप में बारिश के नियमों से गणना में गड़बड़ी के कारण उसे सेमीफाइनल गंवाना पड़ा। वहीं 1999 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मुकाबला टाई रहने के बाद खराब रनरेट के कारण उसे बाहर होना पड़ा। वर्ष 2015 में ग्रांट एलियोट ने अपने कॅरिअर की इकलौती यादगार पारी ईडन पार्क पर खेली।
दक्षिण अफ्रीका के कप्तान तेंबा बावुमा ने कहा कि हमें पता है कि दक्षिण अफ्रीकी टीम पर यह ठप्पा लगा है और हमें उससे उबरना है। जब तक हम ट्रॉफी जीत नहीं लेते, यह ठप्पा हमेशा रहेगा। अभी तक हालांकि मैंने अभ्यास में यह शब्द सुना नहीं है।’
भारत के खिलाफ पांच नवंबर को इसी मैदान पर लीग मैच में 83 रन पर आउट होने और नीदरलैंड के हाथों अप्रत्याशित हार के अलावा दक्षिण अफ्रीका ने अब तक शानदार प्रदर्शन किया है। उसके शीर्ष छह में से चार बल्लेबाजों ने शतक जमाए हैं। विकेटकीपर क्विंटन डिकॉक अब तक 591 रन बना चुके हैं।
वनडे में दोनों टीमें कुल 109 बार भिड़ी हैं। ऑस्ट्रेलिया ने इसमें से 50 मैच जीते हैं, जबकि दक्षिण अफ्रीका को 55 मैचों में जीत मिली। तीन मुकाबले टाई रहे और एक मैच बेनतीजा रहा। वहीं, विश्व कप में दोनों टीमें सात बार आमने-सामने आई हैं। ऑस्ट्रेलिया ने इस दौरान तीन और दक्षिण अफ्रीका ने भी तीन मैच जीते हैं। एक मैच टाई रहा है। विश्व कप के सेमीफाइनल में दोनों टीमें दो बार भिड़ी हैं। इसमें से एक मैच ऑस्ट्रेलिया ने जीता और एक टाई रहा है।