Monday, June 30, 2025
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ईरान के प्रमुख केंद्र पर हमला उसके परमाणु कार्यक्रम के लिए बड़ा झटका है : अमेरिकी अधिकारी

अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए (सेन्ट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी) के निदेशक जॉन रेटक्लिफ ने अमेरिकी सांसदों को बताया कि देश के सैन्य हमलों ने ईरान के एकमात्र धातु रूपांतरण केंद्र को नष्ट कर ईरान के परमाणु कार्यक्रम को एक बड़ा झटका दिया और इससे उबरने में उसे वर्षों लग जाएंगे।

वाशिंगटन। अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए (सेन्ट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी) के निदेशक जॉन रेटक्लिफ ने अमेरिकी सांसदों को बताया कि देश के सैन्य हमलों ने ईरान के एकमात्र धातु रूपांतरण केंद्र को नष्ट कर ईरान के परमाणु कार्यक्रम को एक बड़ा झटका दिया और इससे उबरने में उसे वर्षों लग जाएंगे। एक अमेरिकी अधिकारी ने यह जानकारी दी। धातु रूपांतरण केंद्र एक ऐसी जगह है जहां यूरेनियम जैसे रेडियोधर्मी तत्वों को एक रूप से दूसरे रूप में बदला जाता है, ताकि उन्हें परमाणु ऊर्जा या परमाणु हथियारों में इस्तेमाल किया जा सके।

एक अधिकारी ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर बताया कि रेटक्लिफ ने पिछले हफ्ते अमेरिकी सांसदों के लिए बुलाई गई एक विशेष बैठक में धातु रूपांतरण केंद्र पर किए गए हमलों की अहमियत को विस्तार से समझाया। डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसदों और अन्य यह सवाल उठा रहे थे कि पिछले मंगलवार को ईरान-इजराइल में हुए संघर्ष विराम से पहले अमेरिका द्वारा किए गए हमलों में ईरान को कितना नुकसान पहुंचा, जिसका जवाब देने से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनकी सरकार बचती रही। इस बीच, इन गोपनीय बैठकों की जानकारी सामने आई है।

ये तबाही दुनिया ने नहीं देखी होगी : डोनाल्ड ट्रंप

ट्रंप ने ‘फॉक्स न्यूज’ के ‘संडे मॉर्निंग फ्यूचर्स’ कार्यक्रम में एक साक्षात्कार के दौरान कहा, यह ऐसी तबाही थी जैसी पहले किसी ने कभी नहीं देखी। इसका मतलब है कि कम से कम कुछ समय के लिए उनके (ईरान के) परमाणु इरादे धूमिल हो गए हैं। रेटक्लिफ ने सांसदों को यह भी बताया कि खुफिया एजेंसियों का अनुमान है कि ईरान द्वारा जमा किया गया ज्यादातर संवर्धित यूरेनियम अब शायद इस्फहान और फोर्दो में मलबे में दब गया है। ये दोनों जगहें अमेरिका के हमलों में निशाना बनाए गए तीन मुख्य परमाणु केंद्रों में से हैं।

अधिकारी ने बताया कि भले ही यूरेनियम सुरक्षित बचा हो, लेकिन धातु रूपांतरण केंद्र के तबाह हो जाने से तेहरान की बम बनाने की क्षमता अगले कई वर्षों तक लगभग क्षीण हो गई है।

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