कोरोना वैक्सीन के गंभीर साइड इफेक्ट के आरोप लगने के बाद एस्ट्रोजेनेका ने बड़ा फैसला लिया है.कंपनी ने कोविड-19 वैक्सीन की सभी डोज को वापस मंगा लिया है.इसमें भारत में बनाई गई कोविशील्ड वैक्सीन भी शामिल है. कंपनी ने मंगलवार को कहा कि वह वैक्सीन को वैश्विक स्तर पर वापस ले रही है. बता दें कि हाल ही में कंपनी की ओर से कोर्ट में वैक्सीन लगाने के बाद गंभीर दुष्प्रभाव को स्वीकार किया था. हालांकि कंपनी की ओर से बाजार से वैक्सीन वापस मंगवाने के पीछे कोई और वजह बताई है.
कंपनी ने बताई ये वजह
एस्ट्राजेनेका का दावा है कि वैक्सीन को बंद करने का फैसला साइड इफेक्ट्स की वजह से नहीं लिया गया है. कंपनी ने बताया कि वैक्सीन को व्यावसायिक कारणों से बाजारों से हटाया जा रहा है. अब बाजार में कई दूसरी एडवांस्ड वैक्सीन मौजूद हैं, जो वायरस के अलग-अलग वैरिएंट से लड़ सकती है. ऐसे में ऐस्ट्राजेनेका की वैक्सीन की मैन्युफैक्चरिंग और सप्लाई बंद कर दी गई है.एस्ट्राजेनेका ने ये भी बताया है कि 5 मार्च, 2024 को वैक्सीन वापस लेने का आवेदन किया गया था. यह मंगलवार, 7 मई से लागू हो गया. अब यूरोपीय संघ में वैक्सीन का उपयोग नहीं किया जा सकता है.
कंपनी ने क्या कहा ?
एस्ट्रोजेनेका फार्मा कंपनी भारत में इस कोविड वैक्सीन को कोविशील्ड के नाम से बना रही है. टेलीग्राफ के हवाले से एस्ट्रोजेनेका ने कहा-”वैश्विक महामारी को समाप्त करने में हमें अपनी कोरोना वैक्सीन पर गर्व है.एक अनुमान के अनुसार ,इसके अकेले उपयोग करने के पहले वर्ष में 6.5 मिलियन से अधिक लोगों की जान बचाई जा सकी और विश्व स्तर पर इसकी तीन बिलियन से अधिक खुराक की आपूर्ति की गई.हमारे प्रयासों को दुनिया भर की सरकारों ने मान्यता दी है और व्यापक रूप से वैश्विक महामारी की समाप्त करने में हमने एक अभूतपूर्व योगदान दिया है”
कोर्ट तक कैसे पहुंचा मामला
ब्रिटेन में जेमी स्कॉट नाम के व्यक्ति ने एस्ट्राजेनेका कंपनी के खिलाफ कोर्ट में केस किया है. जेमी का कहना है कि एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन लगवाने के बाद वे ब्रेन डैमेज के शिकार हुए.उनकी तरह कई अन्य परिवारों ने भी वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स को लेकर कोर्ट में कंप्लेन फाइल की है.
कंपनी ने कोर्ट में कबूली यह बात
यूके हाईकोर्ट में अपना जवाब दाखिल करते हुए कंपनी ने स्वीकार किया कि बेहद दुर्लभ मामलों में उनकी वैक्सीन थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) की वजह बन सकता है. इसकी वजह से लोगों को हार्ट अटैक या ब्रेन स्ट्रोक हो सकता है. इस कबूलनामे के बावजूद कंपनी लोगों की मुआवजे की मांग का विरोध कर रही है.
स्ट्रोक और हार्ट अटैक का बन सकती है कारण
एस्ट्रोजेनेका ने माना है कि उसकी कोरोना वैक्सीन, जो कोविशील्ड और वैक्सजेवरिया नाम के तहत पूरी दुनिया में बेची गई थी.इससे लोगों में खून का थक्का जमने से लेकर कई साइड इफैक्ट्स हो सकते हैं कई गंभीर मामलों में यह स्ट्रोक और हार्ट अटैक का कारण भी बन सकता है.कंपनी ने इसके साथ ही यह भी कहा है कि ऐसा बेहद दुर्लभ मामलों में ही होगा और आम लोगों को डरने की जरूरत नहीं है.
थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) क्या होता है ?
TTS की वजह से शरीर के अंदर Blood Clotting होने लगती है. ये छोटे-छोटे थक्के रक्त वाहिकाओं में खून के प्रवाह में बाधा उत्पन्न कर सकते हैं,जिससे स्ट्रोक और हार्ट अटैक की संभावनाएं बढ़ जाती हैं,इस सिंड्रोम के चलते शरीर में प्लेटलेट्स की मात्रा भी कम हो सकती है.