Friday, November 15, 2024
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Anantnag Encounter: सेना का सर्च ऑपरेशन जारी, कल 2 जवान हुए थे शहीद, आज एक घायल नागरिक की इलाज के दौरान मौत

श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में शनिवार को सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच भीषण मुठभेड़ में घायल 2 नागरिकों में से एक की रविवार तड़के इलाज के दौरान मौत हो गई. इससे अनंतनाग मुठभेड़ में मारे गए नागरिकों की संख्या बढ़कर 3 हो गई.

मुठभेड़ में 2 जवान हो चुके शहीद

अधिकारियों ने बताया कि शनिवार को आतंकवादियों की गोलीबारी में घायल हुए अब्दुल राशिद डार की रविवार तड़के यहां एक अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई.उन्होंने बताया कि शनिवार को 10,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित अनंतनाग जिले के अहलान गगरमांडू वन क्षेत्र में आतंकवादियों के साथ भीषण मुठभेड़ में 2 सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे और 2 नागरिक घायल हो गए थे.

सेना का सर्च ऑपरेशन जारी

अधिकारियों के मुताबिक, चुनौतीपूर्ण भौगोलिक स्थिति के बावजूद आतंकवादियों की तलाश के लिए अभियान जारी रहा. शनिवार को कोकेरनाग क्षेत्र के सुदूरवर्ती अहलान गगरमांडू जंगल में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद घेराबंदी और तलाश अभियान शुरू किया गया था.

कैसे शुरू हुई थी मुठभेड़ ?

अधिकारियों के अनुसार, यह मुठभेड़ तब शुरू हुई, जब आतंकवादियों के एक समूह ने संयुक्त तलाश दल पर गोलीबारी शुरू कर दी. दल में पैरा कमांडो सहित सेना के जवान और स्थानीय पुलिस के कर्मी शामिल थे.मुठभेड़ में 6 सैन्यकर्मी और 2 आम नागरिक घायल हो गए.घायल सैनिकों को तुरंत निकटवर्ती अस्पताल ले जाया गया, जहां 2 सैनिकों को मृत घोषित कर दिया गया.शहीद हुए सैन्य कर्मियों की पहचान हवलदार दीपक कुमार यादव और लांस नायक प्रवीण शर्मा के रूप में की गई है.अधिकारियों के मुताबिक, इलाके में अतिरिक्त बलों को तैनात किया गया है और फरार आतंकवादियों की तलाश के लिए अभियान जारी है.

पिछले साल सितंबर में हुई मुठभेड़ की यादें कर दी ताजा

इस मुठभेड़ ने पिछले साल सितंबर में कोकेरनाग में ऐसी ही गोलीबारी के बाद हुई मुठभेड़ की दुखद यादें ताजा कर दीं, जब कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष और पुलिस उपाधीक्षक हुमायूं भट सहित 4 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे. इस दौरान लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के एक कमांडर सहित 2 आतंकवादियों को भी मार गिराया गया था.

15 जुलाई के बाद तलाश अभियान तेज

सुरक्षाबलों ने 15 जुलाई को डोडा जिले में एक मुठभेड़ के बाद कोकेरनाग के जंगलों में तलाश अभियान तेज कर दिया है. इस मुठभेड़ में एक कैप्टन समेत 4 जवान शहीद हो गए थे.ऐसा माना जा रहा है कि हाल ही में अनंतनाग की घटना में शामिल आतंकवादी डोडा में मुठभेड़ से बचकर किश्तवाड़ जिले से सीमा पार कर आए होंगे.

श्रीनगर में रक्षा प्रवक्ता ने दी ये जानकारी

वर्तमान अभियान का ब्योरा देते हुए श्रीनगर में रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि 5 अगस्त को मानवीय और इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से पुष्टि हुई कि जुलाई में डोडा क्षेत्र में अत्याचारों के लिए जिम्मेदार आतंकवादी किश्तवाड़ रेंज को पार कर दक्षिण कश्मीर के कापरान-गरोल क्षेत्र में घुस आए हैं.उन्होंने कहा,”राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने लगातार इन आतंकवादियों पर नजर रखी और 9 व 10 अगस्त की दरमियानी रात को कापरान के पूर्व में पहाड़ों पर सटीक अभियान चलाया गया,जहां कथित तौर पर ये आतंकवादी छिपे हुए थे.”

10 अगस्त को देखी गई थी संदिग्ध गतिविधि

प्रवक्ता ने कहा,”10 अगस्त को दोपहर करीब 2 बजे संदिग्ध गतिविधियां देखी गईं.सुरक्षा बलों द्वारा चुनौती दिए जाने पर आतंकवादियों ने तुरंत अंधाधुंध, हताशापूर्ण और लापरवाही से गोलीबारी शुरू कर दी, जिसमें 2 सैन्यकर्मी और आसपास मौजूद दो नागरिक घायल हो गए.”उन्होंने कहा कि घायल नागरिकों की आतंकवादी पृष्ठभूमि का पता लगाया जा रहा है.

विपरीत भौगोलिक परिस्थितियों के बीच अभियान जारी

प्रवक्ता ने कहा,”यह इलाका 10,000 फीट से ज्यादा की ऊंचाई पर है, यहां घने जंगल, बड़े-बड़े पत्थर, नाले और जटिल रास्ते हैं, जो अभियान के लिए गंभीर चुनौती पेश करते हैं.सुरक्षा बल सोच-समझकर आगे बढ़ रहे हैं और आतंकवादियों को पकड़ने की कोशिश कर रहे हैं.प्रवक्ता के अनुसार, स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है और सुरक्षा बल इलाके में आतंकवादियों की तलाश में जुटे हुए हैं.

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