कोलकाता, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रविवार को पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा पर नवनिर्मित यात्री टर्मिनल भवन और एक ‘मैत्री द्वार’ का उद्घाटन करेंगे. ‘पेट्रापोल क्रॉसिंग’ दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा भू पत्तन है और भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापार और वाणिज्य के लिए एक महत्वपूर्ण प्रवेश द्वार है.
पेट्रापोल क्रॉसिंग दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा भू पत्तन
पेट्रापोल (भारत)-बेनापोल (बांग्लादेश), व्यापार और यात्री आवाजाही दोनों के मामले में भारत-बांग्लादेश के लिए सबसे महत्वपूर्ण भूमि सीमा क्रॉसिंग में से एक है.भारत और बांग्लादेश के बीच भूमि मार्ग से लगभग 70 प्रतिशत (मूल्य के हिसाब से) व्यापार इसी भू पत्तन के जरिये होता है, जो गृह मंत्रालय की एक शाखा, भारतीय भूमि बंदरगाह प्राधिकरण के प्रशासनिक नियंत्रण में है.
पेट्रापोल भू पत्तन क्यों है खास ?
पेट्रापोल भू पत्तन भारत का आठवां सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय आव्रजन बंदरगाह भी है तथा भारत और बांग्लादेश के बीच सालाना 23.5 लाख से अधिक यात्रियों की आवाजाही की सुविधा प्रदान करता है. भू पत्तन पेट्रापोल में नया यात्री टर्मिनल भवन, इस क्षेत्र के बुनियादी ढांचे में एक महत्वपूर्ण सुविधा केंद्र है, जो भारत और बांग्लादेश के बीच यात्रा अनुभव को और बेहतर बनाएगा. अपने मजबूत निर्माण और उन्नत तकनीकी प्रणालियों के साथ, टर्मिनल सभी उपयोगकर्ताओं के लिए सुरक्षा, दक्षता और आराम का वादा करता है.