Bihar Election 2025: नई दिल्ली। कांग्रेस ने बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को 160 से अधिक सीटें जिताने संबंधी गृह मंत्री अमित शाह की अपील को लेकर सोमवार को आरोप लगाया कि शाह ‘वोट चोरी’ और ‘वोट रेवड़ी’ की बदौलत ऐसी उम्मीद कर रहे हैं लेकिन राज्य की जागरुक जनता इस साजिश को नाकाम कर देगी। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि बिहार में महागठबंधन जीतेगा और इसका सबसे पहला झटका दिल्ली में महसूस होगा।
बिहार में महागठबंधन जीतेगा : जयराम रमेश
रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘शिक्षा जगत में, वीसी का मतलब कुलपति होता है। स्टार्ट-अप की दुनिया में वीसी का मतलब वेंचर कैपिटल होता है। सेना में वीसी का मतलब वीर चक्र होता है। लेकिन अब हमारे पास एक नए तरह का वीसी है जो हमारी राजनीति को परिभाषित कर रहा है। वो है वोट चोरी।’ उन्होंने दावा किया कि इस ‘वोट चोरी’ सूत्रधार ने बिहार में वीसी के लक्ष्य का खुलासा कर दिया है।
उन्होंने कहा, केंद्रीय गृह मंत्री ने पूरे विश्वास के साथ घोषणा की है कि राजग को 243 में से 160 से ज़्यादा सीटें मिलेंगी। उन्हें उम्मीद है कि वीसी और वीआर (वोट रेवड़ी) मिलकर यह परिणाम लायेंगे। बिहार की राजनीतिक रूप से सबसे जागरुक जनता इन षडयंत्रों को परास्त करेगी। बिहार में महागठबंधन जीतेगा और इसका सबसे पहले झटका नई दिल्ली में महसूस किया जाएगा।
EC अक्टूबर के पहले सप्ताह में बिहार का दौरा करेगा
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में निर्वाचन आयोग अक्टूबर के पहले सप्ताह में बिहार की राजधानी पटना का दौरा कर सकता है। इस दौरे का उद्देश्य राज्य में चुनावी तैयारियों का जायजा लेना है। बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है और इस महत्वपूर्ण राज्य में विधानसभा चुनाव नवंबर में होने की संभावना है। चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करने से पहले चुनाव प्राधिकरण द्वारा राज्यों का दौरा करना एक सामान्य प्रक्रिया है।
बिहार में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अपने अंतिम चरण में है और 30 सितंबर को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी। चुनाव तैयारियों की समीक्षा करते समय आयोग राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, शीर्ष पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों और राज्य के चुनाव अधिकारियों से मुलाकात करता है। दो दशक से अधिक के अंतराल के बाद हो रहे इस विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर विपक्षी दलों ने कड़ी आलोचना की है। उन्होंने दावा किया है कि इस प्रक्रिया से करोड़ों वास्तविक नागरिकों के मतदान अधिकार छिन जाएंगे। आयोग ने इस बात पर जोर दिया है कि वह किसी भी पात्र नागरिक को मतदाता सूची से बाहर नहीं होने देगा, साथ ही यह भी सुनिश्चित करेगा कि कोई भी अपात्र व्यक्ति सूची में शामिल न हो।