मुंबई। दुनियाभर के सिनेमा घरों की टिकट खिड़की पर बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान अभिनीत फिल्म जवान की कमाई का आंकड़ा 1004.92 करोड़ रुपये को पार कर गया है। फिल्म के निर्माताओं ने सोमवार को यह जानकारी दी। प्रोडक्शन हाउस रेड चिलीज एंटरटेनमेंट ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर अपने आधिकारिक पेज पर फिल्म द्वारा दुनियाभर में की गई कमाई के आंकड़े साझा किए। उसने लिखा फिल्म ने दुनियाभर में बॉक्स ऑफिस पर एक हजार करोड़ रुपये के जादुई आंकड़े को पार कर लिया है।
जवान को 7 सितंबर को हिंदी, तमिल और तेलुगु भाषाओं में रिलीज किया गया था। फिल्म एक ऐसे व्यक्ति के जीवन की भावनात्मक यात्रा पर आधारित है, जो समाज में गलतियों को सुधारने के लिए तैयार है। इसमें शाहरुख विक्रम राठौड़ और उनके बेटे आजाद की दोहरी भूमिका में हैं। फिल्म में खान के अलावा, नयनतारा और विजय सेतुपति भी हैं और दीपिका पादुकोण की संक्षिप्त भूमिका है।
फिल्म में सान्या मल्होत्रा, प्रियामणि, गिरिजा ओक, संजीता भट्टाचार्य, लहर खान, आलिया कुरैशी, रिद्धि डोगरा, सुनील ग्रोवर और मुकेश छाबड़ा के साथ-साथ संजय दत्त की भी अतिथि भूमिका है। रेड चिलीज एंटरटेनमेंट की पेशकश जवान की निर्माता गौरी खान और सह-निर्माता गौरव वर्मा हैं।
नई दिल्ली। देश के पूर्व प्रधानमंत्री और अर्थशास्त्री डॉ मनमोहन सिंह आज अपना 91वां जन्मदिन मना रहे हैं. पूर्व प्रधानमंत्री को देशभर से इस मौके पर बधाई संदेश मिल रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को 91वें जन्मदिन के मौके पर बधाई दी है. पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर कहा, ‘पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह जी को जन्मदिन की शुभकामनाएं. मैं आपके लंबे और स्वस्थ जीवन की प्रार्थना करता हूं.’
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कई अन्य वरिष्ठ नेताओं ने मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को जन्मदिन की बधाई दी. नेताओं ने डॉ. मनमोहन सिंह के सार्वजनिक जीवन में उनकी सेवा एवं योगदान को याद किया.
कांग्रेसध्यक्ष खरगे ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुआ लिखा कि ‘‘पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को उनके जन्मदिन पर मैं हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं. वह राजनीति में सादगी, गरिमा और शालीनता का एक दुर्लभ उदाहरण हैं. एक सच्चे राजनेता प्रधानमंत्री, जिनके कार्य उनके शब्दों से अधिक बोलते हैं, हम राष्ट्र के प्रति उनके योगदान के लिए हमेशा आभारी हैं. उनके अच्छे स्वास्थ्य, खुशी और लंबे जीवन की कामना करता हूं।”
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, ‘पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की सत्यनिष्ठा तथा राष्ट्र निर्माण और जनता के आर्थिक उत्थान के प्रति अटूट प्रतिबद्धता मेरे लिए सदैव प्रेरणा बनी रहेगी. उनके जन्मदिन पर उनके अच्छे स्वास्थ्य और खुशी की कामना करता हूं।’ कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भी पूर्व प्रधानमंत्री को बधाई दी और उनके योगदान को याद किया. कांग्रेस महासचिव रमेश ने कहा, ‘आज डॉ. मनमोहन सिंह 91 वर्ष के हो गए. वह सदैव विद्वता के उत्कृष्ट प्रतीक रहे हैं, लेकिन इससे भी कहीं अधिक, वह जिस भी पद पर रहे हों, हमेशा संयम, नम्रता और गरिमा के प्रतीक रहे. ये हमारे सार्वजनिक जीवन में अत्यंत दुर्लभ गुण हैं और अब तो और भी ज्यादा दुर्लभ हैं. मैंने राष्ट्रपतियों और प्रधानमंत्रियों को उन्हें गुरु के रूप में संदर्भित करते सुना है। उन्हें खुद के प्रचार की आवश्यकता नहीं है।’
उन्होंने कहा, ‘निजी तौर पर मुझे अब भी सितंबर-अक्टूबर 1986 का वह समय याद है जब उपाध्यक्ष के रूप में उन्होंने अरविंद विरमानी, राकेश मोहन और मुझे योजना आयोग में शामिल किया था जो सीखने का शानदार अनुभव था।’ मनमोहन सिंह आज 91 साल के हो गए। 1990 के दशक में आमूलचूल आर्थिक सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाले मशहूर अर्थशास्त्री सिंह 10 साल तक प्रधानमंत्री रहे. कांग्रेस नेता सिंह का जन्म 1932 में हुआ था। उनका जन्म पंजाब के गाह गांव में हुआ था जो अब पाकिस्तान का हिस्सा है.
हैदराबाद। लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद रमेश बिधूड़ी द्वारा बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सदस्य दानिश अली पर की गई टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताते हुए ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब संसद में एक मुस्लिम की भीड़ द्वारा पीट पीट कर हत्या (मॉब लिंचिंग) की जाएगी।
रविवार देर रात यहां एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने देश में गाय तस्करी और अन्य मुद्दों को लेकर भीड़ द्वारा हत्या की कथित घटनाओं के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा हम देखते हैं कि संसद में भाजपा का एक सांसद एक मुस्लिम सांसद को गाली देता है। लोग कह रहे हैं कि उन्हें संसद में ये बात नहीं कहनी चाहिए थी। कहते हैं उनकी जुबान खराब थी। वह एक जन प्रतिनिधि हैं, आपने उन्हें वोट दिया है। हैदराबाद के सांसद ने हरियाणा के नूंह में कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना कथित रूप से घरों को तोड़ने और (हरिद्वार में) धर्म संसद में मुसलमानों के खिलाफ कथित रूप से अपशब्द कहे जाने की घटनाओं का भी हवाला दिया। उन्होंने अपने बचपन में उनके पैतृक शहर में जुलूस के दौरान कथित तौर पर RSS के लोगों द्वारा उनके घर को लेकर लगाए गए अपमानजनक नारों के बारे में भी बात की।
AIMIM के प्रमुख ने कहा मेरे शब्दों को याद रखें। एक दिन आएगा जब संसद में एक मुस्लिम की मॉब लिंचिंग (भीड़ द्वारा हत्या) होगी। वह दिन दूर नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नारा सब का साथ, सबका विकास, सबका विश्वास कहां गायब हो गया? क्या नरेन्द्र मोदी अपने सांसद के भाषण का अरबी में अनुवाद करा कर उसे मोहम्मद बिन जायद (UAE) को भेजेंगे? ओवैसी ने दावा किया कि हरियाणा में (गाय तस्करी के आरोप में) जुनैद और नसीर की हत्या जैसी घटनाओं पर प्रधानमंत्री चुप हैं। प्रधानमंत्री ने वोट पाने के लिए देश में नफरत का माहौल पैदा किया है।
तेलंगाना में आगामी विधानसभा चुनाव पर ओवैसी ने मतदाताओं से AIMIM को कामयाब बनाने की गुजारिश की। उन्होंने कहा कि उन्होंने (भारत राष्ट्र समिति की सरकार के दौरान) हैदराबाद और तेलंगाना में कोई दंगा होते नहीं देखा। ओवैसी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में केरल के वायनाड के बजाए हैदराबाद से चुनाव लड़ने की चुनौती दी। उन्होंने कहा मैं आपके नेता से कहता हूं कि इस बार हैदराबाद से चुनाव लड़ें, वायनाड से नहीं। मैं आपको चुनौती देता हूं कि आप हैदराबाद आएं, वायनाड क्यों? उन्होंने कांग्रेस सरकार के दौरान बाबरी मस्जिद के विध्वंस का हवाला देते हुए कहा कि हैदराबाद में सचिवालय में ध्वस्त की गई एक मस्जिद का पुननिर्माण कर लिया गया है, लेकिन बाबरी मस्जिद का पुन:निर्माण नहीं हुआ है।
AIMIM द्वारा संसद में महिला आरक्षण विधेयक के खिलाफ मतदान करने पर, ओवैसी ने कहा कि उन्होंने मुस्लिम और ओबीसी महिलाओं को आरक्षण देने का समर्थन किया था। उन्होंने केंद्रीय मंत्री और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष जी किशन रेड्डी से पूछा कि क्या मुस्लिम और ओबीसी महिलाओं को आरक्षण नहीं मिलना चाहिए?
नयी दिल्ली। देश की दिग्गज पेट्रोलियम कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) ने सोमवार को हरित हाइड्रोजन से चलने वाली देश की पहली बस का अनावरण किया। खास बात यह है कि यह बस सिर्फ पानी का उत्सर्जन करती है। आईओसी नवीकरणीय स्रोतों से बिजली का इस्तेमाल कर पानी के कणों को अलग कर 75 किलोग्राम हाइड्रोजन का उत्पादन करेगी। यह हाइड्रोजन प्रायोगिक तौर पर राष्ट्रीय राजधानी में चलने वाली 2 बसों में इस्तेमाल किया जाएगा।
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इन हाइड्रोजन-चालित बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि हाइड्रोजन भारत में जीवाश्म ईंधन की खपत रोकने में एक बदलावकारी ईंधन की भूमिका निभाएगा। इंडियन ऑयल का फरीदाबाद स्थित शोध एवं विकास केंद्र फिलहाल प्रायोगिक तौर पर हरित हाइड्रोजन का उत्पादन कर रहा है। हरित हाइड्रोजन के 30 किलोग्राम क्षमता वाले 4 सिलेंडर से लैस बस 350 किलोमीटर दूरी तक दौड़ सकती है। इन सिलेंडर को भरने में 10-12 मिनट का समय लगता है। ईंधन के तौर पर हाइड्रोजन के इस्तेमाल में खासियत यह है कि इससे सिर्फ पानी का भाप ही उत्सर्जित होता है। हानिकारक उत्सर्जक तत्वों के नदारद होने और ऊर्जा सघनता तिगुनी होने से हाइड्रोजन एक स्वच्छ एवं अधिक कारगर विकल्प के तौर पर उभर रहा है।
पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि वर्ष 2023 के अंत तक इंडियन ऑयल हाइड्रोजन से चलने वाली बसों की संख्या को बढ़ाकर 15 तक ले जाएगी। इन बसों को दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में चिह्नित मार्गों पर संचालित किया जाएगा। पुरी ने कहा हमारी सरकार की स्वच्छ एवं हरित ऊर्जा को लेकर महत्वाकांक्षी योजनाएं हैं। भारत ने हाइड्रोजन एवं जैव-ईंधन जैसे नए ईंधनों के जरिये निम्न कार्बन विकल्पों की दिशा में कई कदम उठाए हैं। अगले 2 दशक में वैश्विक स्तर पर पैदा होने वाली नई ऊर्जा मांग में इन विकल्पों की हिस्सेदारी 25 प्रतिशत तक होगी। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की तेल एवं गैस कंपनियां वर्ष 2030 तक सालाना 10 लाख टन का उत्पादन करने लगेंगी। घरेलू स्तर पर हाइड्रोजन की खपत चार गुना होकर 25-28 टन हो जाने का अनुमान है। हाइड्रोजन को भविष्य का ईंधन माना जा रहा है और यह भारत के शुद्ध-शून्य उत्सर्जन लक्ष्यों की दिशा में काफी अहम हो सकता है। वर्ष 2050 तक हाइड्रोजन की वैश्विक मांग 7 गुना तक बढ़कर 800 टन तक पहुंच सकती है।
जयपुर। सोमवार को पीएम Narendra Modi राजस्थान के दौरे पर रहे. सबसे पहले पीएम Narendra Modi राजधानी जयपुर पहुंचकर धानक्या स्थित जनसंघ के संस्थापक दीनदयाल उपाध्याय की जन्मस्थली पर उन्हें श्रद्धांजलि दी. इसके बाद पीएम मोदी ने जयपुर की दादिया पंचायत में पहुंचकर जनसभा को संबोधित किया. मंच पर पीएम मोदी की स्वागत बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने साफा पहनाकर किया. इस दौरान मंच का संचालन सांसद दियाकुमारी द्वारा किया गया.
पेपर लीक पर सीएम गहलोत को घेरा
पीएम मोदी ने सीएम गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि पेपर लीक हर बार पूरे प्रदेश को शर्मिदा कर देता है. कांग्रेस सरकार द्वारा पेपल लीक के आरोपियों को संरक्षण प्राप्त है. बीजेपी की सरकार बनने के बाद पेपर लीक के आरोपियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. कांग्रेस पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा कि महिला आरक्षण बिल के समर्थन में कांग्रेस कभी थी ही नहीं. कांग्रेस ने हमेशा महिलाओं को कमजोर करने का काम किया है. अगर कांग्रेस चाहती तो महिला आरक्षण बिल को पहले भी लागू कर सकती थी. कांग्रेस अब भी महिला आरक्षण बिल को लेकर नफरत फैला रही है.
पीएम मोदी का कार्यकर्ताओं को मंत्र
पीएम मोदी ने कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र देते हुए कहा कि बीजेपी के पास सिर्फ और सिर्फ मेहनत है और बीजेपी का प्रत्येक कार्यकर्ता भारत के विकास में लगा हुआ है. पीएम मोदी ने कहा कि मोदी सिर्फ एक नाम नहीं ब्लकि मोदी गारंटी पूरे होने की गारंटी है. राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आप लोगों को गहलोत सरकार को हटाना है और सत्ता में बीजेपी को वापस लाना है. भाजपा की परिवर्तन यात्रा को लेकर पीएम मोदी ने कहा यात्रा में अपार जन समर्थन मिला है. अब मरुधरा में मौसम बदल चुका है.
राजस्थान में कदम-कदम पर करप्शन
पीएम मोदी ने कहा कि राजस्थान में निवेश बढ़े, यहां नए कारखाने लगें, नई फैक्ट्रियां लगें, ये जरूरी है. लेकिन जहां कदम-कदम पर करप्शन हो, जहां लाल डायरी में काली करतूतें हों, हर कोई कट और कमीशन में व्यस्त हो, वहां कौन पैसा लगाना चाहेगा? जहां सरेआम गला काटने की घटनाएं हों और सरकार मजबूर हो, वहां कैसे निवेश होगा? हम वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम चला रहे हैं, राजस्थान इसका बड़ा लाभार्थी है। राजस्थान के सीमावर्ती गांवों में कांग्रेस ने सुविधाओं का निर्माण नहीं किया। कांग्रेस वाले कहते थे कि सीमाओं पर इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं बनना चाहिए, इससे दुश्मन को अंदर आने में आसानी हो जाएगी। कांग्रेस की इस नीति का हमें बड़ा नुकसान हुआ है। लेकिन भाजपा सरकार अब सीमावर्ती गांवों का विकास कर रही है।
मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को कहा कि शहरी सहकारी बैंकों (UCB) में कुल 8.7 प्रतिशत गैर-निष्पादित आस्तियां (NPA) अनुपात को लेकर केंद्रीय बैंक सहज नहीं है। उन्होंने शहरी सहकारी बैंकों से इस अनुपात को बेहतर करने के लिए काम करने को कहा। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा देश की वित्तीय राजधानी में आयोजित सम्मेलन में UCB के निदेशकों को संबोधित करते हुए दास ने आग्रह किया कि ऐसे ऋणदाताओं को काम करने के तरीके में सुधार करना चाहिए, संबंधित-पक्ष से लेनदेन से बचना चाहिए और अन्य बातों के अलावा कर्ज जोखिमों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। UCB क्षेत्र कई चुनौतियों से भरा हुआ है…जैसा कि हाल में पंजाब एंड महाराष्ट्र बैंक में भी देखा गया।
दास ने UCB के निदेशकों से कहा कि बैंक जमाकर्ताओं पर चलते हैं और मध्यम वर्ग, गरीबों और सेवानिवृत्त लोगों की मेहनत की कमाई की सुरक्षा किसी मंदिर या गुरुद्वारे में जाने से कहीं अधिक पवित्र है। समग्र स्तर पर कुल तस्वीर अच्छी दिखती है। हालांकि, GNPA और पूंजी पर्याप्तता पर स्थिति बिल्कुल भी संतोषजनक नहीं है। उन्होंने कहा कि कुल गैर-निष्पादित संपत्तियां (GNPA) 8.7 प्रतिशत हो गई हैं। इसे आप अच्छा नहीं मान सकते। कुल मिलाकर यह संतोषजनक स्तर नहीं है। वाणिज्यिक बैंकों का GNPA मार्च, 2023 में दशक के सबसे बेहतर स्तर 3.9 प्रतिशत पर था और व्यापक रूप से इसमें और सुधार होने का अनुमान है।
NPA संकट से बेहतर ढंग से निपटने के लिए दास ने सुझाव दिया कि बेहतर आकलन के साथ क्रेडिट जोखिम प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि RBI को हितों के टकराव या संबंधित पक्ष लेनदेन के मामलों को लेकर विवाद के बारे में पता चला है जिनसे बचने की जरूरत है। दास ने कहा कि इसी तरह ऐसे भी मामले हैं कि जानबूझकर कर्ज न चुकाने वाले कई ऐसे व्यक्ति या व्यवसाय हैं जिनके पास भुगतान करने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि बकाया ऋण का 60 प्रतिशत से अधिक हिस्सा शीर्ष 20 इरादतन चूककर्ताओं का है। इसपर ध्यान केंद्रित करने से समग्र NPA में सुधार करने में मदद मिल सकती है। RBI गवर्नर ने UCB को परिसंपत्ति-देनदारी में विसंगतियों की निगरानी करने, पारदर्शी लेखांकन व्यवहार का पालन करने और आवश्यकताओं और खर्च करने की क्षमता के आधार पर लोगों की भर्ती करने को भी कहा।
बिलासपुर। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने सोमवार को छत्तीसगढ़ में एक कार्यक्रम के दौरान सभा में रिमोट कंट्रोल दिखाते हुए कहा कि जब भी उनकी पार्टी इसे दबाती है तब गरीबों और जरूरतमंद लोगों को फायदा होता है, लेकिन जब भाजपा ऐसा करती है तब अडानी को बंदरगाह, रेलवे का ठेका और हवाई अड्डे मिल जाते हैं। राज्य के बिलासपुर जिले के परसदा गांव में आवास न्याय सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने यह भी पूछा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जातीय जनगणना से क्यों डरते हैं?
सम्मेलन में गांधी ने भूपेश बघेल सरकार की ग्रामीण आवास न्याय योजना की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में बेघरों और कच्चे घरों वाले परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए गांधी ने अपने हाथ में एक रिमोट कंट्रोल दिखाया और कहा आज मैंने रिमोट का बटन दबाया और हजारों करोड़ रुपये छत्तीसगढ़ के लोगों के खाते में चले गए। आज शुरू की गई आवास योजना का लाभ उन लाभार्थियों को भी मिलेगा जो केंद्रीय योजना (प्रधानमंत्री आवास योजना) के तहत सहायता पाने के हकदार थे लेकिन उन्हें नहीं मिला। उन्होंने कहा कि राज्य के बार-बार अनुरोध के बावजूद केंद्र ने पैसा नहीं दिया और अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में विफल रहा।
गांधी ने कहा हम कैमरे के सामने रिमोट कंट्रोल दबाते हैं। भाजपा भी रिमोट कंट्रोल दबाती है लेकिन छुपकर। जब भाजपा रिमोट कंट्रोल दबाती है तब अडानी को मुंबई के हवाई अड्डे और रेलवे के ठेके मिल जाते हैं। दो रिमोट कंट्रोल हैं। जब हम रिमोट दबाते हैं, तो किसानों को न्याय योजना के माध्यम से उनके खातों में पैसा मिलता है और (छत्तीसगढ़ में) अंग्रेजी माध्यम के स्कूल खुलते हैं, लेकिन जब भाजपा रिमोट दबाती है, तो सार्वजनिक क्षेत्र का निजीकरण हो जाता है और जल-जंगल-जमीन अडानी के पास चली जाती है। गांधी ने कहा कि जब उन्होंने संसद में प्रधानमंत्री मोदी के अडानी के साथ संबंधों के बारे में सवाल पूछा तो उनकी लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गई। उन्होंने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए उन पर जातीय जनगणना से डरने का आरोप लगाया। कांग्रेस ने जातीय जनगणना कराई थी जिसमें देश की हर जाति की आबादी का रिकॉर्ड है। भारत सरकार के पास यह रिपोर्ट है लेकिन मोदी इसे लोगों के सामने नहीं लाना चाहते हैं।
राहुल ने कहा सरकार विधायक और सांसद नहीं बल्कि सचिव और कैबिनेट सचिव चलाते हैं। केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में 90 सचिवों में से केवल 3 अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से हैं। वे 3 लोग देश के बजट का केवल 5 प्रतिशत नियंत्रित करते हैं। क्या भारत में केवल 5 प्रतिशत ओबीसी आबादी है? जातीय जनगणना के पास इसका जवाब है। यदि हमें ओबीसी, दलित, आदिवासी और महिलाओं को भागीदारी देनी है तो जातीय जनगणना करानी होगी। मोदी जातीय जनगणना नहीं कराएंगे, तो यदि हम सत्ता में आए तो हमारा पहला कदम जातीय जनगणना कराना और ओबीसी की भागीदारी सुनिश्चित करना होगा।
लंदन। लंदन में भारतीय मूल के एक व्यक्ति ने चिकित्सकों की कथित लापरवाहियों के कारण बेटे की मौत के बाद मरीजों के अधिकारों की वकालत के लिए एक परमार्थ फाउंडेशन की शुरुआत की। भारतीय मूल के व्यक्ति जय पटेल के 30-वर्षीय बेटे बलराम की लंदन के एक अस्पताल में खराब उपचार और उचित देखभाल के आभाव में मौत हो गई थी। इसके बाद जय पटेल ने इस माह पेशेंट्स लाइव्स मैटर का पंजीकरण कराया।
पटेल ने नये फाउंडेशन के लिए जारी बयान में कहा बलराम की जब मौत हुई, वह काफी पीड़ा में था और बहुत परेशान था। गंभीर खामियों और चिकित्सकों और चिकित्साकर्मियों की ओर से उचित उपचार और देखभाल न मिलने के कारण समय से पूर्व उसकी मृत्यु हो गई। उन्होंने बयान में कहा हमारा दृढ़ता से मानना है कि सरकार घटना के बाद इस दिशा में विचार करने के लिए कदम उठा रही है कि मरीज की देखभाल/ अथवा मरीज के उपचार में कहां गलती हुई। हालांकि घटना के समय कमियों को सुधारने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि रोगी को कम या कोई नुकसान न हो, कोई खास उपाय नहीं थे।
पटेल ने कहा कि वह चाहते हैं कि उनकी बात संसद तक पहुंचे और बदलाव आए। पेशेंट्स लाइव्स मैटर के माध्यम से वह चल रहे उपचार को लेकर दूसरे चिकित्सक की राय तत्काल जानने के वास्ते आसान कदमों की वकालत कर रहे हैं।
नयी दिल्ली। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने सोमवार को कहा कि जिन लोकसेवकों का दिल गरीबों और वंचितों के लिए धड़कता है, वे ही सच्चे लोकसेवक होते हैं। भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारियों के एक समूह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि समाज के हाशिये पर पड़े वर्गों का उत्थान करना उनके लिए सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।
मुर्मू ने कहा आपको फाइल से फील्ड और फील्ड से फाइल के बीच के संबंध को समझने की कोशिश करनी चाहिए। इस जन-केंद्रित सतर्कता और संवेदनशीलता से आप फाइलों के साथ कहीं अधिक सार्थक तरीके से जुड़ पाएंगे। राष्ट्रपति ने अधिकारियों से कहा कि वे हमेशा उन लोगों के बारे में सोचें जो उन फाइलों से प्रभावित होंगे जिन पर आप काम कर रहे हैं। साल 2021 बैच के 182 आईएएस अधिकारियों के एक समूह ने यहां राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र में मुर्मू से मुलाकात की। ये अधिकारी वर्तमान में विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों में सहायक सचिवों के रूप में तैनात हैं। उन्होंने कहा मैंने पिछड़े इलाकों में रहने वाले वंचित वर्ग के लोगों की कठिनाइयों और समस्याओं को करीब से देखा है। मैंने कुछ संवेदनशील लोक सेवकों को भी देखा है जिन्होंने ऐसे लोगों की मदद के लिए अतिरिक्त प्रयास किए।
राष्ट्रपति ने कहा कि एक दयालु लोक सेवक वह होता है जिसका दिल गरीबों और वंचितों के लिए धड़कता है और यही बात उसे केवल करियर नौकरशाह से अलग बनाती है। एक समावेशी, प्रगतिशील और संवेदनशील समाज जीवन के सभी क्षेत्रों में महिलाओं को अधिक स्थान देता है। मुर्मू ने कहा देश महिला सशक्तिकरण और महिलाओं के नेतृत्व में विकास की राह पर है। मुझे बहुत खुशी है कि ऐतिहासिक नारी शक्ति वंदन अधिनियम संसद के दोनों सदनों से पारित हो गया है। महिलाएं रूढ़िवादिता की दीवारों को तोड़ रही हैं। वे वृद्धि और विकास के सभी पहलुओं में तेजी से बड़ी भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने पिछले 4 वर्षों में महिला आईएएस अधिकारियों के प्रतिशत में वृद्धि पर खुशी व्यक्त की।
राष्ट्रपति ने कहा मुझे बताया गया है कि 2019 से 2022 के बैच में महिला आईएएस अधिकारियों का प्रतिशत 28 फीसदी से 34 प्रतिशत के बीच था। मुझे यह जानकर बहुत खुशी हुई कि 2023 बैच में महिला आईएएस अधिकारियों का प्रतिशत 42 फीसदी तक पहुंच गया है। इसके अलावा शीर्ष 25 रैंक में से 14 स्थानों पर महिलाओं का कब्जा है। ये सकारात्मक बदलाव है। आप सभी को इस प्रवृत्ति को और मजबूत करना होगा और हमारे समाज को अधिक से अधिक समावेशी बनाना होगा। मुर्मू ने अधिकारियों से कहा कि उनकी यह सेवा, अधिकार, भूमिका और जिम्मेदारी के मामले में किसी भी अन्य सेवाओं से भिन्न है। दरअसल यह सेवा नहीं, मिशन है। यह भारत और उसके लोगों को सुशासन के ढांचे के तहत आगे ले जाने का मिशन है। देश और उसके लोगों की सेवा करना आपकी नियति है। भारत को एक समावेशी और विकसित राष्ट्र बनाना आपका सामूहिक लक्ष्य है।
राष्ट्रपति ने कहा कि वे (अफसर) भाग्यशाली हैं कि उनका करियर करीब करीब अमृत काल के साथ-साथ समाप्त होगा। अमृत काल 2047 तक का दौर है जब भारत की स्वतंत्रता को 100 साल हो जाएंगे। इस अमृत काल को हर भारतीय के लिए कर्तव्य काल के रूप में वर्णित किया जा रहा है और आपके पास 2047 के विकसित भारत के निर्माण में योगदान देने का बड़ा अवसर है। मुर्मू ने कहा कि अधिकारी अपनी प्रतिबद्धता और रचनात्मकता के माध्यम से देश को बदलने में प्रभावी परिवर्तन-एजेंट बन सकते हैं।
पणजी। कांग्रेस ने सोमवार को आरोप लगाया कि नरेन्द्र मोदी सरकार महिला आरक्षण विधेयक को लागू करने की इच्छुक नहीं है और इसका केवल चुनावी हथकंडे के रूप में लाभ उठाना चाहती है। सोशल मीडिया और डिजिटल मंचों के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) की राष्ट्रीय समन्वयक भव्या नरसिम्हामूर्ति ने यहां पत्रकारों से बात करते हुए मांग की कि सरकार बिना किसी देरी के विधेयक को लागू करे।
लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित करने संबंधी विधेयक को पिछले सप्ताह संसदीय मंजूरी मिल गई। हालांकि, यह आरक्षण जनगणना और परिसीमन कार्य पूरा होने के बाद ही लागू होगा। नरसिम्हामूर्ति ने याद दिलाया कि 1989 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने महिलाओं के लिए स्थानीय निकायों में 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने का कानून पेश किया था। कांग्रेस नेता ने दावा किया हालांकि, जब विधेयक पेश किया गया, तो भाजपा के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी, अटल बिहारी वाजपेयी, यशवंत सिन्हा और राम जेठमलानी ने इसके खिलाफ मतदान किया था। विधेयक लोकसभा में पारित हो गया लेकिन राज्यसभा में केवल सात वोट से पारित नहीं हो सका।
उन्होंने कहा कि दिसंबर 1992 में, तत्कालीन प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिंह राव ने संविधान में 73वें और 74वें संशोधन को पारित करने का समर्थन किया, जिसमें पंचायती राज संस्थानों, पंचायती राज संस्थानों के सभी स्तरों पर अध्यक्ष के कार्यालयों और शहरी स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित की गई। नरसिम्हामूर्ति ने दावा किया कई राज्यों में, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के कोटे के भीतर महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित की गई। आज, राजीव गांधी के दृष्टिकोण से 15 लाख महिलाएं सशक्त हुई हैं, जो भारत में लगभग 40 प्रतिशत निर्वाचित प्रतिनिधि हैं। उन्होंने कहा कि 2010 में मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार ने महिला आरक्षण विधेयक पेश किया और यह राज्यसभा में पारित हो गया। हालांकि सर्वसम्मति नहीं बनने के कारण विधेयक लोकसभा में पारित नहीं हो सका। राज्यसभा में पेश या पारित किए गए विधेयक समाप्त नहीं होते हैं, इसलिए महिला आरक्षण विधेयक बरकरार रहा।
नरसिम्हामूर्ति ने आरोप लगाया कि भाजपा के पास पूर्ण बहुमत होने के बावजूद मोदी सरकार ने साढ़े 9 साल तक विधेयक को लागू क्यों नहीं किया? सरकार विधेयक लागू करने में देरी की रणनीति के तहत जनगणना और परिसीमन की शर्तें लगा रही है।