Sunday, June 8, 2025
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Nuh Violence : बिट्टू बजरंगी 14 दिन की न्यायिक हिरासत में

नूंह। हरियाणा के नूंह में इस महीने की शुरुआत में भड़की सांप्रदायिक हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार गौ रक्षक बिट्टू बजरंगी को गुरुवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि बजरंगी को नूंह की एक अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे फरीदाबाद जिले की नीमका जेल भेज दिया गया।

पुलिस के मुताबिक, सहायक पुलिस अधीक्षक (एएसपी) ऊषा कुंडू की शिकायत पर नूंह के सदर थाने में बजरंगी उर्फ राज कुमार के खिलाफ नयी प्राथमिकी दर्ज की गई थी जिसके बाद उसे मंगलवार को फरीदाबाद से गिरफ्तार कर लिया गया। नूंह के एक पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि बजरंगी के पास से 8 तलवारें बरामद की गई हैं। प्राथमिकी के मुताबिक, बजरंगी और उसके कुछ अज्ञात समर्थकों ने तलवार और त्रिशूल लेकर नल्हड़ मंदिर जाते समय रोके जाने पर एएसपी कुंडू के नेतृत्व वाली पुलिस टीम के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार किया और उन्हें धमकी दी थी। बजरंगी की पहचान सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए हुई।

फरीदाबाद पुलिस ने दंगों से जुड़े एक अन्य मामले में बजरंगी को गिरफ्तार किया था। उसकी गिरफ्तारी हिंसा के 2 दिन बाद की गई थी लेकिन उसकी जांच में शामिल होने के बाद उसे जमानत पर छोड़ दिया गया था। बजंरगी पर भड़काऊ भाषण देने और सार्वजनिक तौर पर हथियार लहराने का आरोप है।

RHB के चीफ IAS पवन अरोड़ा ने ली स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति, सभालेंगे इस मीडिया हाउस की कमान

जयपुर। राजस्थान आवासन मंडल के आयुक्त पवन अरोड़ा अब राजस्थान के रीजनल न्यूज़ चैनल फर्स्ट इंडिया न्यूज की कमान संभालेंगे. सूत्रो के हवाले से खबर है कि RHB के चीफ पवन अरोड़ा ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली है. इसके बाद अब पवन अरोड़ा को राजस्थान के मीडिया हाउस फर्स्ट इंडिया के  CEO और एडिटर बनाये जाने की खबर है. इसके साथ ही पवन अरोड़ा फर्स्ट इडिया अखबार की कमान अपने हाथ में लेगें.

इस चैनल के CMD एवं एडिटर इन चीफ जगदीश चंद्र हैं जो अपने पद पर बने रहेंगे. फर्स्ट इंडिया कंपनी के डायरेक्टर वीरेन्द्र चौधरी ने पवन अरोड़ा को नई पारी शुरू करने पर बधाई दी है।

जयपुर से मिली सूचना में बताया गया है कि कल शाम 6.30 बजे पवन अरोड़ा अपने नए पद का कार्यभार सम्भालेंगे. अभी वे राजस्थान हाउसिंग बोर्ड के चीफ थे जहां उनका शानदार कार्यकाल रहा.

भारत में पारंपरिक चिकित्सा पद्धति का एक समृद्ध इतिहास – WHO प्रमुख

आयुर्वेद और योग जैसी पारंपरिक चिकित्सा पद्धति के समृद्ध इतिहास के लिए भारत की प्रशंसा करते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस ने गुरुवार को इस प्राचीन औषधीय ज्ञान को विभिन्न देशों की राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणाली में एकीकृत करने की आवश्यकता पर बल दिया। घेब्रेयेसस गांधीनगर में पारंपरिक चिकित्सा पर WHO के पहले वैश्विक शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे, जो महात्मा मंदिर सम्मेलन केंद्र में शुरू हुई जी20 स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक का हिस्सा था।

उन्होंने कहा भारत में योग सहित आयुर्वेद के माध्यम से पारंपरिक चिकित्सा पद्धति का एक समृद्ध इतिहास है, जिसे दर्द को कम करने में प्रभावी पाया गया है। इस शिखर सम्मेलन का मुख्य परिणाम गुजरात घोषणापत्र राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणालियों में पारंपरिक दवाओं के एकीकरण पर ध्यान केंद्रित करेगा और विज्ञान के माध्यम से पारंपरिक चिकित्सा की शक्ति को पेश करने में मददगार साबित होगा। इस अवसर पर डॉ. घेब्रेयेसस ने आयुष्मान भारत योजना के माध्यम से सभी को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के प्रयासों के लिए भारत की सराहना की। उन्होंने बुधवार को गांधीनगर में आयुष्मान भारत कल्याण केंद्र का दौरा किया था।

WHO प्रमुख ने कहा कि केंद्र में उन्होंने देखा कि प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल स्तर पर पारंपरिक चिकित्सा पद्धति को कैसे एकीकृत किया जाता है। घेब्रेयेसस ने प्रतिभागियों से विज्ञान और नवाचार के माध्यम से पारंपरिक चिकित्सा पद्धति की क्षमता को वैश्विक स्तर पर पेश करने के लिए शुरुआती बिंदु के तौर पर इस कार्यक्रम का उपयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा पारंपरिक चिकित्सा उतनी ही पुरानी है, जितनी मानवता। इतिहास पर नजर डालें तो सभी देशों और संस्कृतियों में लोगों ने अपने इलाज के लिए पारंपरिक चिकित्सकों, उपचारों और प्राचीन दवाओं और औषधीय ज्ञान का उपयोग किया था। बाद में दिन में, डॉ. घेब्रेयेसस ने वन अर्थ वन हेल्थ – एडवांटेज हेल्थकेयर इंडिया 2023 सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में भाग लिया, जिसमें लगभग 70 देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए।

कार्यक्रम के दौरान WHO प्रमुख ने बताया कि उन्होंने आयुर्वेद के बारे में तब पहली बार अपने भारतीय शिक्षकों से सुना था, जब वह इथियोपिया में एक छात्र थे। इस अवसर पर उन्होंने भारत द्वारा टेलीमेडिसिन को अपनाने पर भी प्रकाश डाला, जो न केवल स्वास्थ्य सेवा वितरण का विस्तार करता है बल्कि रोगियों के लिए समय और धन की भी बचत करता है। घेब्रेयेसस ने कहा मैंने कल एक आयुष्मान भारत स्वास्थ्य केंद्र का दौरा किया था और मैंने देखा कि कैसे एक स्वास्थ्यकर्मी, केंद्र में बैठे मरीज के लिए, डॉक्टर से ऑनलाइन निर्देश लेने के लिए टेलीमेडिसिन का उपयोग कर रहा था। यह वैश्विक स्तर पर किया जा सकता है। इससे उन मरीजों को मदद मिलेगी जो लंबी दूरी की यात्रा नहीं कर सकते।

BJP के 4 विधायकों को दिल्ली विधानसभा से निकाला बाहर, मणिपुर चर्चा का कर रहे थे विरोध

नई दिल्ली। मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा का विरोध करने को लेकर गुरुवार को दिल्ली विधानसभा की कार्यवाही के दौरान भारतीय जनता पार्टी के 4 विधायकों को मार्शलों ने बाहर कर दिया। आम आदमी पार्टी विधायक दुर्गेश पाठक ने पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा पर अल्पकालिक चर्चा शुरू की जिसके बाद भाजपा विधायक विरोध में खड़े हो गए और कहा कि दिल्ली से संबंधित मुद्दों पर सदन में बहस होनी चाहिए।

उप सभापति राखी बिधलान ने भाजपा विधायकों के विरोध पर सवाल उठाते हुए कहा क्या उन्हें लगता है कि मणिपुर विधानसभा में चर्चा के लिए कोई मुद्दा नहीं है? उत्तर प्रदेश विधानसभा में भी मणिपुर मुद्दे पर चर्चा हुई। भाजपा विधायकों ने अपना विरोध जारी रखा जिसके बाद उनमें से 4 – अभय वर्मा, जितेंद्र महाजन, अजय महावर और ओपी शर्मा को मार्शलों की मदद से सदन से बाहर निकाल दिया गया।

हंगामा बढ़ने पर पाठक ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा इस मुद्दे पर चर्चा नहीं चाहती है। पाठक के नेतृत्व में आप विधायकों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ नारे भी लगाए।

3 लाख मोबाइलों का जखीरा जब्त, साइबर क्राइम पर सरकार का प्रहार, 52 लाख कनेक्शन सहित 67 हजार डीलर ब्लैकलिस्ट

दिल्ली: साइबर क्राइम करने वालों पर केंद्र सरकार ने प्रहार किया है. बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए सरकार ने बड़ी संख्या में सिम खरीदने और बेचने वालों पर कार्रवाई की है. सिम डीलरों पर की गई कार्रवाई से हड़ंकप मच गया. सरकार ने बल्क (Bulk) सिम की बिक्री पर रोक लगा दी है. अब बल्क यानि बड़ी संख्या में सिम की बिक्री सिर्फ बिजनेस कनेक्शन के लिए हो सकेगी, उसके लिए भी पोस्ट वेरिफिकेशन और रजिस्ट्रेशन किया जाएगा. बिजनेस कनेक्शन के लिए खरीदे गए हर सिम कार्ड की केवाईसी जरूरी होगी.

सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार भारत सरकार के इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि सरकार को कई समय से सिम के गलत इस्तेमाल की जानकारी मिल रही थी. इसमें बड़ी संख्या में सिम खरीदकर साइबर फ्रॉड करने वाली घटनाएं शामिल थी.  इस पर लगाम लगाते हुए सरकार ने अब बल्क में सिम की बिक्री पर रोक लगा दी है.

52 लाख फर्जी कनेक्शन पर चला सरकारी डंडा

साइबर फ्रॉड को रोकने के लिए सरकार ने बीते मई महीने के बाद से लगातार कार्रवाई की है. सरकार ने 52 लाख फर्जी कनेक्शन्स की जानकारी लेते हुए उन्हें बंद कर दिया है. इसके साथ साथ सरकार ने बल्क में सिम बेचकर नियमों का उल्लंघन करने वाले 67 हजार डीलरों को ब्लैकलिस्ट किया है. इसके साथ साथ 300 FIR दर्ज की गई हैं.

17 हजार हैंडसेट जब्त

बढ़ते साइबर फ्रॉड को रोकने के लिए सरकार ने कार्रवाई करते हुए 17 हजार हैंडसेट्स का पता लगाकर उन्हें ब्लॉक किया है. ऑनलाइन फ्रॉड पर भी सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं. इसके तहत 66 हजार WhatsApp अकाउंट के बारे में जानकारी जुटाई गई, जो ऑनलाइन फ्रॉड्स में शामिल थे. ऐसे 67 हजार अकाउंट्स को भी ब्लॉक किया गया है.

88 हजार पेमेंट वॉलेट ब्लॉक

ऑनलाइन या साइबर फ्रॉड के जरिए जो पैसा अकाउंट वैलेट में मंगाया जाता था, ऐसे अकाउंट्स पर भी रोक लगाई गई है. कार्रवाई करते हुए 8 लाख पेमेंट अकाउंट वॉलेट को ब्लॉक किया गया है, जो फ्रॉड से जुड़े हुए थे.

सारथी पोर्टल का कमाल

खोए हुए या चोरी हुए मोबाइल हैंडसेट की जानकारी सरकार को देने वाले पोर्टल सारथी से भी आम लोगों को बड़ा फायदा हुआ है. सारथी पोर्टल से चोरी हुए और खोए हुए 3 लाख डिवाइट को ट्रेस किया जा चुका है. इसके साथ साथ ये 3 लाख डिवाइस, आम लोगों को वापस लौटाए गए हैं.

Bombay High Court : बच्चे की कस्टडी पर उच्च न्यायालय ने कही यह बात…

मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय ने एक बच्ची को अंतरिम अभिरक्षा में उसकी मां को सौंपने के पारिवारिक अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा कि इस पर निर्णय लेते वक्त यह ध्यान रखने की जरूरत है कि वह किसके साथ ज्यादा सहज है। साथ ही न्यायालय ने कहा कि बच्चे के कल्याण में शारीरिक और मानसिक तंदरुस्ती, उसका स्वास्थ्य, सहजता और समग्र सामाजिक तथा नैतिक विकास शामिल होता है।

उच्च न्यायालय ने कहा कि अभिरक्षा के मामलों में फैसला करते वक्त बच्चे की भलाई सर्वोपरि होती है और इस पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया जाता है कि बच्चा किसके साथ सबसे ज्यादा सहज है। न्यायमूर्ति शर्मिला देशमुख ने बांद्रा की पारिवारिक अदालत के फरवरी 2023 में दिए आदेश को चुनौती देने वाली महिला के पति की याचिका खारिज करते हुए 21 जुलाई को यह आदेश दिया। पारिवारिक अदालत ने याचिकाकर्ता को उसकी 8 साल की बेटी की अभिरक्षा उससे अलग रह रही पत्नी को दी दी थी।

उच्च न्यायालय ने कहा कल्याण शब्द को बच्चे की शारीरिक और मानसिक तंदरुस्ती, उसके स्वास्थ्य, सहजता और समग्र सामाजिक एवं नैतिक विकास को ध्यान में रखते हुए व्यापक अर्थ में समझा जाना चाहिए। बच्चे की अच्छी तरह से संतुलित परवरिश के लिए जो कुछ भी आवश्यक है वही बच्चे के कल्याण के बराबर है। पीठ ने कहा कि बच्ची 8 साल की है और उसके शरीर में हार्मोनल और शारीरिक बदलाव भी आएंगे। उसने कहा बच्ची के विकास के इस चरण में ज्यादा देखभाल की आवश्यकता होती है और दादी या बुआ, मां का विकल्प नहीं हो सकती जो कि एक योग्य डॉक्टर भी है।

उच्च न्यायालय ने कहा जीवन के इस दौर में लड़की को ऐसी महिला की देखभाल और प्यार की जरूरत होती है जो उसमें होने वाले बदलाव की प्रक्रिया को बेहतर तरीके से समझे और इसलिए इस चरण में पिता के बजाए मां को तरजीह दी जाती है। याचिका के अनुसार, दंपति की 2010 में शादी हुई और 2015 में उनकी बेटी का जन्म हुआ। पति ने अपनी पत्नी पर विवाहेत्तर संबंधों का आरोप लगाया था जिसके बाद 2020 में वे अलग हो गए। बेटी अपने पिता के साथ रह रही थी। इसके बाद पति ने पारिवारिक अदालत में तलाक की याचिका दायर की और लड़की की स्थायी अभिरक्षा मांगी। पारिवारिक अदालत ने फरवरी 2023 में बच्ची की अभिरक्षा उसकी मां को दे दी थी जिसे पिता ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।

CM गहलोत ने नेहरू संग्रहालय का नाम बदलने को बताया दुर्भाग्यपूर्ण

जयपुर। CM अशोक गहलोत ने नई दिल्ली स्थित नेहरू स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय (NMML) का नाम बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय (PMML) सोसायटी किए जाने को लेकर गुरुवार को केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार पर निशाना साधा और इस कदम को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। गहलोत ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्‍स’ पर लिखा केंद्र की राजग सरकार अपने पूर्ववर्ती प्रधानमंत्रियों द्वारा किए गए कार्यों का नाम बदलने के लिए किस स्तर तक जाएगी यह समझ के परे है। यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है।

गहलोत ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के कामों का जिक्र करते हुए लिखा किसी भी प्रधानमंत्री को तो गर्व होना चाहिए कि इस देश को पंडित जवाहरलाल नेहरू जैसे पहले प्रधानमंत्री मिले जिन्होंने 17 साल के कार्यकाल में मजबूत भारत की आधारशिला रखी और IIT,IIM, BARC, भेल, योजना आयोग, भाखड़ा नांगल बांध, नागार्जुन सागर बांध और कई अन्य परियोजनाओं के अलावा कई अग्रणी संस्थान दिये जिनकी भारत के विकास में अहम भूमिका है। गुट निरपेक्ष आंदोलन (NAM) और पंचशील के सिद्धांत पंडित नेहरू की देन हैं।

CM ने कहा कि यह समझ से परे है कि ऐसे महान व्यक्ति जिस घर में 16 साल रहे, जिस जगह की पहचान नेहरू स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय के रूप में है, उसका नाम बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय कर वे क्या हासिल करना चाहते हैं? उल्लेखनीय है कि NMML का नाम बदले जाने के निर्णय के कुछ सप्ताह बाद सरकार ने औपचारिक रूप से बुधवार को इसका नाम PM संग्रहालय एवं पुस्तकालय सोसायटी कर दिया। पहले यह पूरी तरह से देश के प्रथम प्रधानमंत्री को समर्पित था, लेकिन सरकार ने अन्य सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों को इसमें प्रमुखता से स्थान देने के लिए इसका नाम बदलने का निर्णय लिया था।

राष्ट्रपति ने की मेरा बंगाल, नशामुक्त बंगाल अभियान की शुरुआत…

कोलकाता। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने युवाओं के बीच मादक पदार्थों के बढ़ते चलन के प्रति गुरुवार को चिंता जताई और कहा कि इस खतरे को दूर करने के लिए समाधान तलाश किए जाने की जरूरत है। राज भवन में एक कार्यक्रम में राष्ट्रपति ने ‘मेरा बंगाल, नशामुक्त बंगाल’ अभियान की शुरुआत की।

कार्यक्रम का आयोजन ब्रह्मकुमारीज ने किया था। राष्ट्रपति ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि केन्द्र और राज्य सरकारें इस समस्या से निपटने के लिए विभिन्न पहलुओं पर काम कर रही हैं। मुर्मू ने कहा मादक पदार्थ समाज और देश के लिए चिंता का विषय है। नशे के कारण युवा जीवन की सही दिशा नहीं चुन पाते हैं। ये बहुत चिंताजनक है और इस मसले में सभी दिशा से काम किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अध्यात्मिक चेतना जगा कर, उपचार,सामाजिक एकता और राजनीतिक इच्छाशक्ति से हालात में सुधार लाया जा सकता है। राष्ट्रपति ने इस प्रकार के मुद्दों को उठाने और उनके हल की दिशा में काम करने के लिए ब्रह्मकुमारीज जैसी संस्थाओं की सराहना की।

राष्ट्रपति ने कहा मानसिक दबाव के कारण अथवा सहपाठियों के दबाव के कारण, किन्हीं भी हालात में नशे की लत सेहत के लिए हानिकारक है। नशे से अन्य प्रकार के विकार भी पैदा होते हैं। नशा करने वाले व्यक्ति के परिवारों को भी इसके कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने नशे की गिरफ्त में आए लोगों से अपना जीवन बर्बाद नहीं करने की अपील की। राष्ट्रपति ने कहा कि असामाजिक तत्व इन हालात का फायदा उठाते हैं।

मुर्मू ने कहा मादक पदार्थों को खरीदने में खर्च हुए पैसे का इस्तेमाल अपराधिक गतिविधियों में होता है। उन्होंने कहा युवा बेहद अहम थाती हैं। जो वक्त और ऊर्जा उन्हें अपने भविष्य की नींव को मजबूत बनाने में लगानी चाहिए वह नशे में ज़ाया हो रही है। शिक्षण संस्थानों को देखना चाहिए कि कहीं छात्र गलत दिशा में तो नहीं जा रहे और अगर कुछ ऐसा दिखे तो तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस और महिला एवं बाल विकास मंत्री शशि पांजा भी कार्यक्रम में मौजूद थीं।

NCERT की प्रयास योजना 10 अक्टूबर से होगी शुरु…

नई दिल्ली। शिक्षा मंत्रालय स्कूली छात्रों को वैज्ञानिक पद्धति और प्रयोगों से परिचित कराकर उन्हें अनुसंधान एवं खोज का अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से प्रोमोशन ऑफ रिसर्च एटीट्यूड इन यंग एंड एस्पाइयरिंग स्टूडेंट (प्रयास) योजना शुरू करने जा रहा है।

राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने प्रयास योजना 2023-24 के लिए एक दिशानिर्देश तैयार किया है जिसकी शुरूआत 10 अक्टूबर 2023 से होगी। ‘प्रयास’ योजना के दिशानिर्देश के अनुसार इसका मकसद युवा छात्रों के बीच वैज्ञानिक चिंतन उत्पन्न करना और साक्ष्य आधारित विज्ञान प्रक्रिया कौशल, नवीनता और रचनात्मकता का विकास करना है। इसमें व्यक्तिगत रूप से या समूहों में अनुसंधान या खोज करने के लिए छात्रों में क्षमता विकास पर जोर दिया गया है।

दस्तावेज के अनुसार, इसमें किसी स्थानीय समस्या की पहचान और उसका अध्ययन करने, इसके पीछे के वैज्ञानिक कारणों की जांच करने एवं समाधान खोजने और किसी विचार, कल्पना या अवधारणा पर शोध करने पर जोर दिया गया है। ‘प्रयास’ योजना के अंतर्गत स्कूली छात्रों और शिक्षकों के साथ उच्च शिक्षण संस्थानों के एक विशेषज्ञ की सहायता से किसी स्थानीय समस्या का हल करने या अनुसंधान आधारित समाधान निकालने का प्रयास किया जायेगा। इसमें भाग लेने वाले शिक्षार्थियों की आयु 14-18 वर्ष होनी चाहिए और उनका नौवीं से 11वीं कक्षा में अध्ययनरत होना अनिवार्य होगा। सभी स्कूलों के छात्र प्रयास योजना में भाग लेने के पात्र हैं।

योजना के दस्तावेज के अनुसार, इसमें एक छात्र या अधिकतम 2 छात्रों के समूह के साथ स्कूल के एक शिक्षक और किसी उच्च शिक्षण संस्थान के एक विशेषज्ञ शामिल हो सकते हैं। प्रति विद्यालय केवल एक प्रविष्टि पर विचार किया जायेगा। इस परियोजना की अवधि स्कूल में कार्यक्रम शुरू होने की तारीख से एक वर्ष के लिए है। प्रयास 2023-24 के लिए कार्यकाल का समय 10 अक्टूबर 2023 से शुरू होकर 9 अक्टूबर 2024 तक रहेगा। दिशानिर्देशों में कहा गया है कि स्कूलों के प्रमुखों और उच्च शिक्षण संस्थानों से अपेक्षा की जाती है कि वे अनुमानित समय और कार्यकाल में परियोजना को शुरू करें और सुविधा प्रदान करें।

दस्तावेज के अनुसार, प्रत्येक चयनित शोध प्रस्ताव के लिए कुल 50 हजार रूपये का प्रोत्साहन अनुदान किया जायेगा। इस राशि में से 10 हजार रूपये छात्र को दिए जाएंगे (2 छात्र होने पर 5-5 हजार रूपये)। इसमें से छात्रों को शोधकार्य करने में सुविधा प्रदान करने के लिए स्कूलों को 20 हजार रूपये और उच्च शिक्षण संस्थान के विशेषज्ञ को 20 हजार रूपये दिये जायेंगे। इस परियोजना में स्कूल के एक विज्ञान शिक्षक को पूरे कार्यकाल के दौरान छात्रों को उनके शोध कार्य में मार्गदर्शन के लिए नियुक्त किया जायेगा। स्कूलों के नजदीक स्थित किसी उच्च शिक्षण संस्थान के विज्ञान विशेषज्ञ भी छात्रों को तकनीकी एवं प्रायोगिक मार्गदर्शन करेंगे और प्रयोगशाला उपकरणों आदि के बारे में जानकारी देंगे। इसके लिए 20 सितंबर तक आवेदन किय जा सकेंगे और प्रक्रिया पूरी होने के बाद परियोजना 10 अक्टूबर 2023 से प्रारंभ होगी।

राहुल गांधी ने किया भारत जोड़ो, PM कर रहे भारत तोड़ो – खरगे

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने हिंसा प्रभावित मणिपुर का दौरा नहीं करने को लेकर गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर तीखा प्रहार करते हुए आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने भारत जोड़ो का काम किया तो प्रधानमंत्री मोदी भारत तोड़ो का काम कर रहे हैं।

उन्होंने यहां तालकटोरा स्टेडियम में महिला कांग्रेस के राष्ट्रीय सम्मेलन में यह दावा भी किया कि सरकार विपक्षी नेताओं को जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर डराने का प्रयास कर रही है, लेकिन विपक्ष एवं कांग्रेस के नेता डरने वाले नहीं हैं। खरगे ने 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दिए गए संबोधन का उल्लेख करते हुए कटाक्ष किया अब उन्होंने भाइयो-बहनों कहना छोड़ दिया। अब कह रहे हैं परिवार वालों। उन्होंने कहा आप (सरकार) CBI, ED का उपयोग कर रहे हैं और विपक्ष को सता रहे हैं, कांग्रेस को सता रहे हैं। कांग्रेस पार्टी डरने वाली नहीं है।

खरगे ने कहा हमने संसद में मणिपुर के बारे में बोलने के लिए PM से बार-बार आग्रह किया। जब वह नहीं बोले तब लोकसभा में हमें अविश्वास प्रस्ताव लाना पड़ा। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री के पास मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में जाकर चुनाव प्रचार करने के लिए समय है, लेकिन मणिपुर में जाने का समय नहीं है। उनको समाधान नहीं करना है। ये लोग मणिपुर को जोड़ने का नहीं, बल्कि तोड़ने का काम करते हैं। कांगेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया राहुल गांधी 4000 किलोमीटर पैदल चले। उन्होंने भारत जोड़ो किया, लेकिन मोदी भारत तोड़ो का काम करते हैं। उनके मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी ने संसद में लंबी-चौड़ी बात की, लेकिन गांधी, नेहरू, पटेल और आंबेडकर का नाम नहीं लिया, सिर्फ मैं ही मैं की बात की।

खरगे ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा मोदी जैसे तथाकथित गरीब लोग बहुत हैं। अगर कोई रोजाना 10 लाख रुपये का सूट पहनने लगे तो वह गरीब कहां है? प्रधानमंत्री सहानुभूति के लिए खुद को गरीब कहते हैं। आप गरीबों के लिए काम तो करिए। उन्होंने कहा  हमने लोकतंत्र को जिंदा रखने के लिए जो काम किया, उसकी वजह से प्रधानमंत्री मोदी इस पद पर पहुंचे हैं। खरगे ने महिला कांग्रेस की कार्यकर्ताओं का आह्वान किया हमें 2024 में भाजपा की सरकार को हटाने का संकल्प लेना है क्योंकि इस सरकार में कोई सुखी नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि देश इस सरकार में विचारों के संदर्भ में आगे नहीं, बल्कि पीछे की ओर जा रहा है।

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